*”दामिनी का दम”* (भाग-29) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

दामिनी जैसे ही थाना पहुंची थाना प्रभारी अपने पूरे दल बल के साथ उसका इंतजार कर रहा था। थाना प्रभारी ने कहा मैडम जितनी जल्दी हो सके इन दोनो को जेल भेजे वरना मुझे खबर मिली है।इनके आदमी और पार्टी के लोग थाना का घेराव कर सकते हैं।फिर इनको यहां से कही ले जाना बड़ा मुश्किल हो जाएगा।

मैं सब समझती हूं लेकिन किसी के डर से हम कानूनी प्रक्रिया को बदल नहीं सकते ।किसी को जेल भेजने की जो प्रक्रिया है उसे पूरी करनी पड़ेगी जाओ तुम जो भी प्रकिया है उसे पूरा करो और कागजात तैयार करो।दामिनी निर्देश दिया।

दामिनी ने वरीय पुलिस अधिकारियों को एक कमरे में बुलाया और कहा कि यहां से निकलने से पहले हमलोग जेल जाने तक रुट चार्ट पर चर्चा कर लेते है ।उसने थाना प्रभारी को भी बुला लिया और कहा सी अपने छोटे दरोगा को कागजात तैयार करने में लगाओ और आओ बैठो और  इन  दोनों को जेल भेजने की सुरक्षा चर्चा में सहयोग करो ।पहले बताओ इस थाना से जेल की कितनी दूरी है।

थाना इंचार्ज ने बताया _ कुल पैंतीस किलोमीटर है।

रास्ते में कितने नदी नाले और पुल है ।दामिनी ने अगला सवाल किया ।इंचार्ज बताया _ एक नदी ,दो नाला,दो पुल है एक सड़क पर दूसरा रेलवे लाइन पर है। दो किलोमीटर का एक जंगल का रास्ता भी है ।

डीएसपी राघव ने कहा _ मैडम अगर कोई हमला हुआ तो वो इन्ही जगहों पर हो सकता है क्योंकि जंगल ,पुल और नदी के पुल पर हमला करना आसान होगा अपराधियों को

राजेश ने कहा _ जंगल का रास्ता भी संवेदनशील है । वहां हमला करना और छिपना आसान होगा।

दामिनी ने कहा _ अगर अपराधियों को हमला कर इन दोनों को छुड़ाना होगा तो वे कही भी कर सकते हैं।इसलिए हमलोगो को सावधानी  पूरे रास्ते बरतनी होगी।

रास्ते में इनके लोगों के अलावा इनके दुश्मन भी हमला कर सकते हैं।उनसे भी हमे इनको बचाना होगा ।

इसके लिए इन दोनो की गाड़ियों के आगे पीछे चार चार गाड़ियों में पुलिस के जवान पूरे तैयारी के साथ चलेंगे ।किसी भी अप्रिय घटना होने पर तुरंत सबको एक्सन मे आना पड़ेगा ।

तभी छोटा दारोगा कागजात तैयार कर लाया।

दामिनी ने उसे देखा और थाना इंचार्ज से कहा इसपर अपना साइन मोहर कर दो उन दोनो को फौरन गाड़ी में बैठाओ और निकलते हैं यहां से।

सारी गाड़िया तैयार थी ।एक गाड़ी में पप्पू सिंह और विधायक चरणदास दास के हाथो में हथकड़ियां पहनाकर सशस्त्र पुलिस बल को उनके साथ बैठाकर आगे पीछे चार चार पुलिस जीप को खड़ा कर दिया।दरोगा और एक इंस्पेक्टर को आगे लगाया गया।डीएसपी राघव को एसपी राघव एसपी दामिनी के आगे चलने को तैयार था तभी हजारों की संख्या में विधायक के समर्थक डंडा और झंडा लेकर चरणदास जिंदाबाद का नारा लगाते हुए पूरे थाना को घेर लिया।

उनके एक नेता कहा_ हमारे नेताओं को रिहा करो वरना हमलोग यही धरना पर बैठ जायेंगे।

दामिनी ने उनके नेता को थाना के अंदर बात करने के लिए बुलाया लेकिन वो नही आया।

उसने कहा एसपी को जो भी बात करनी है यही बाहर आकर सबके सामने करनी होगी ।हम कही नहीं जायेंगे।

राजेश ने कहा_ मैडम तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम फोन कर अतिरिक्त सशस्त्र पुलिस बल बुला ले ।उनकी संख्या हमलोगों से ज्यादा है।हम लोग उनका सामना कर नहीं पाएंगे।

राघव ने कहा_ मैडम राजेश ठीक कह रहा है।

ठीक है आपलोगो को बुला है तो बुला लो लेकिन लड़ाई भीड़ से नहीं दिमाग और हौसलों से जीती जाती है।

राजेश के मोबाइल पर किसी का फोन आया उसने जैसे ही फोन उठाया वो चौंक गया और तुरंत दामिनी को बताया_ मैडम ये भीड़ पार्टी कार्यकर्ताओं की नहीं बल्कि इन दोनों के छंटे हुए गुंडे है जो घातक हथियार,गोली ,बंदूक और बम के साथ तैयार होकर आए है।ये लोग आपको मारने और इन दोनों को छुड़ाने के लिए किसी हद तक जा, सकते हैं।

उसकी बात सुनकर सब लोग चौंक गए।

दामिनी ने कहा_ किसी को डरने या चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।कोई कुछ नहीं कर पाएगा ।सब देखते जाइए।

अगला भाग

*”दामिनी का दम”* (भाग-30) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

बोकारो झारखंड

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