*”दामिनी का दम”* (भाग-26) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

राजेश ने कहा_ लेकिन मैं कही नहीं जा पाऊंगा मैडम आप तो मेरा पैर देख ही रही है कितना सूज गया है।

चिंता मत करो इसका इलाज में अभी करवाती हूं मेरे दिमाग में पहले क्यों नहीं आया।इतना कहकर दामिनी ने सिविल सर्जन को फोन किया और कहा कि डॉक्टर साहब मेरे निजी ड्राइवर के पैर में मोच आ गई है।जिससे उसने सूजन और काफी दर्द बढ़ गया है क्या आप अभी कोई नजदीकी स्वस्थ केंद्र के डॉक्टर को भेज कर इसका क्रेब्स बैंडेज करवा सकते है और कुछ दवा भेजवा सकते हैं।

सिविल सर्जन ने कहा _ जी मैडम बिल्कुल आप पता भेज दे मै अभी एक डॉक्टर और स्वस्थ कर्मी को भेजता हूं ।

दामिनी ने कहा” _ ठीक है डॉक्टर साहब मै अभी भेजती हूं।

दामिनी ने फोन काटकर राजेश के घर का पता वॉट्सएप्स पर भेज दिया।

अभी एक डॉक्टर आ रहा है तुम्हारे पैर में क्रेब्स बैंडेज कर कुछ दवा दे देगा तुम्हे बहुत राहत हो जाएगी।

अब तो चल सकते हो।

ठीक है मैडम जब इतना कह रही है तो चलूंगा लेकिन गाड़ी में बैठे रहना  पड़ेगा।क्योंकि बिना सहारे के बाहर निकल नहीं पाऊंगा।फिर मेला घूमने जाने  का क्या फायदा हुआ।

भईया हमलोग है न आपको सहारा देकर दुर्गा मा की मूर्तियों का दर्शन कराएंगे और मेला घुमा देंगे।उसकी बहन रागिनी ने कहा।

तभी राजेश की मां ने सबके लिए चाय नाश्ता लाते हुए कहा _ तुम लोग चाय नाश्ता कर लो तब तक मैं खाना बना देती हूं।

दामिनी ने कहा _ आंटी मै अपनी कोठी में खा लूंगी ।मेरा खाना रहने दे।

मुझे पता है बेटी तुम अपनी कोठी में खा लोगी लेकिन जब मेरे घर आई हो तो बिना खाना खाए जाने नहीं दूंगी।मंजू देवी ने कहा।

दामिनी ने कहा ठीक है आंटी जैसा आप उचित समझे।

चलो रागिनी मेरे साथ रसोई में मेरा हाथ बंटाओ मै जल्दी से खाना बना देती हूं।

राजेश और उसकी बहन रसोई घर में चली गई।उनके जाने के बाद राजेश ने कहा_ मैडम मैं अपनी मां और बहन को घबड़ाना नहीं चाहता था इसलिए उनके सामने कुछ नहीं कहा लेकिन अभी भी समय है मैडम आप कंट्रोल रूम में फोन कर कुछ अतिरिक्त पुलिस बल अपनी सुरक्षा में बुला ले तभी कही निकले ।

मुझे अपनी नहीं बल्कि आपकी और  मेरे परिवार की चिंता है।गुप्त सूचना के मुताबिक आप पर कही भी और कही। भी जानलेवा हमला हो सकता है।

मेरे रहते किसी का बाल  बांका नहीं होगा तुम चिंता मत करो  ।गुंडों के लिए मै अकेली ही काफी हूं।तुम तो जानते हो मुझे।दामिनी ने पूरे आत्म विश्वाश के साथ कहा।

मुझे सब पता  है मैडम लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से हमे कोई रिस्क मिल नहीं लेना चाहिए।राजेश ने कहा।

चलो ठीक है जब खतरा सामने आयेगा तब देखूंगी दामिनी ने कहा।

तभी दामिनी का फोन बजने लगा।उसने देखा उसका फोन उसके पापा का था।

उसने अपने पापा को प्रणाम किया और कहा जी पापा बोलिए।

उसके पापा ने कहा _मुझे सूचना मिली है अपराधी तुम पर जानलेवा हमला करने वाले हैं।तुम जरा सावधानी बरतना ।

आप चिंता मत करे मुझे कुछ नहीं होगा सब मेरे कंट्रोल में है ।

मुझे पता है तुम होशियार और बहादुर लड़की हो लेकिन फिर भी पिता होने के नाते चिंता तो रहती है उसके पापा ने कहा ।

चलो ठीक है मैं फोन रखता हूं फोन करते रहना।उसके पापा ने कहा _ ठीक है पापा प्रणाम ।

दामिनी ने कहा  और फोन काट दिया ।

उसने राजेश से कहा_ पापा भी बहुत टेंशन में हो जाते है ।

उनकी चिंता जायज है मैडम।आप दुनिया की चिंता करते हो लेकिन अपनी सुरक्षा के लिए लापरवाही करते हो राजेश ने कहा।

अब तुम जिद कर रहे हो तो मैं तुम्हे बता रही हूं सुनो ।

देखो दिखावे के लिए मै दो बॉडी गार्ड लेकर आई हूं लेकिन सिविल ड्रेस में पंद्रह जवान चारों तरफ फैले हुए है ।वे हर चीज पर पैनी निगाह रखे हुए हैं।इसलिए मेरी चिंता छोड़ो ।जल्दी तैयार हो जाओ और चलो तुमको भी मेला घुमाकर लाती हूं।दामिनी ने धीरे से कहा।

चलिए तब तो ठीक है मैडम लेकिन मुझे ले जाकर परेशानी मत लीजिए ।मैं चल नहीं पाऊंगा जिद मत कीजिए।

राजेश ने मना करते हुए कहा।

देखो मैं चाहती हूं अपराधी खुलकर सामने आए।तुमलोगो को लेकर जाऊंगी तो उनको लगेगा में असावधान हूं और वे हमला कर सकते हैं बस हम उन सबको सबक सिखा देंगे ।तुम साथ रहोगे तो पता नहीं क्यों मुझे बड़ी हिम्मत महसूस होती है ।

वाह मैडम मैं एक टेक्सी ड्राइवर हूँ और आपको मुझसे हिम्मत मिलती है।राजेश ने हंसते हुए कहा।

लो रिवाल्वर अपनी पेंट में रख लो अपनी सुरक्षा के लिए ।

तुम्हारी मां,बहन और भाई के लिए पांच पुलिस के जवान सुरक्षा में रहेंगे ।जैसे ही कोई शंका हुई वे तुरंत उनको लेकर घटना स्थल से निकल जाएंगे।

और हमलोग सबको देख लेंगे।

दामिनी ने कहा।

चलिए ठीक हैं मैडम मैं चलता हूं ।

थोड़ी देर में राजेश की मै और बहन ने सबको लिए खाना लगा दिया ।सबने सबके साथ खाना खाया ।खाना बहुत ही स्वादिष्ट था।दामिनी ने खाने की बहुत तारीफ किया।

उसने कहा,_ आंटी मुझे भी ऐसा खाना बनाना सिखा दो ।जब फुर्सत मिलेगी मै भी ऐसा स्वादिष्ट खाना बनाकर खाया करूंगी।

ठीक है सब सिखा दूंगी ।चलो पहले साड़ी पहनना सिख लो राजेश की मां ने कहा।

दामिनी को मंजू देवी ने साड़ी पहना दिया।वो साड़ी में बहुत ही सुंदर लग रही थी ।सबने उसकी खूब तारीफ किया।

लेकिन राजेश ने कुछ नहीं कहा।

लगता है राजेश को मै साड़ी में अच्छी नहीं लग रही हूं इसलिए ये कुछ नहीं कह रहा है।दामिनी ने मुस्कुराते कहा ।

अरे नहीं मैडम आप तो साड़ी में सचमुच कमाल लग रही हैं।कोई सोच भी नहीं सकता इस साड़ी में कोई खतरनाक लड़की भी हो सकती है ।

थोड़ी देर में सब लोग दामिनी की गाड़ी बैठकर दशहरे के मेला में चले गए।

पहले दुर्गा पूजा के पंडाल में काफी भीड़ थी । वहां काफी बड़ा मेला लगा हुआ था।

वाह पुलिस के जवान कुछ वर्दी में और कुछ सादे भेष में पूरे सतर्कता के साथ घूम रहे थे।दामिनी को देखते ही सबने उसे सैल्यूट किया।

दामिनी ने वहां का हाल चाल लिया।सबने कहा _ मैडम यहां सबकुछ नियंत्रण में है आप बेफिक्र रहे ।

तभी कुछ पत्रकारों ने दामिनी को घेर लिया और कहा,_ एसपी मैडम इस बार तो बहुत शांति से दुर्गा पूजा मनाई जा रही है।यह सब आपकी वजह से हो रहा ।इस बार सभी पंडालों और मेला में काफी भीड़ भाड़ भी है ।लोग बेफिक्र होकर घर से निकल कर पूजा में शामिल हो रहे है ।

दामिनी ने कहा सिर्फ मेरी वजह से नहीं पूरे जिला प्रशासन और आम जनता के सहयोग से यह सब हो रहा है।

एक पत्रकार ने कहा_ आप आ जनता के लिए कुछ कहना चाहेंगी उसने आगे अपना माइक आगे करते हुए पूछा।

दामिनी ने कहा दुर्गा पूजा नारी शक्ति की पूजा और आराधना है।भगवान राम की अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है ।सबको मिलजुलकर आपसी भाई चारे के साथ त्योहार मनाए ।जिला की पुलिस रात दिन आपकी सेवा में तत्पर है।

तभी रागनी ने कहा_ दीदी मुझे झूला झूलना है ।

दामिनी ने कहा_ ठीक है चलो मैं भी झुलूंगी साथ में आंटी को भी ले लेते हैं।

राजेश की मां ने बहुत मना किया लेकिन दामिनी नहीं मानी।

उसने अपने बॉडीगार्ड से तीन टिकट कटवाने को बोला।वो तुरंत झूला का टिकट बनवाकर ले आया।

तीनो उस बड़े से झूले पर बैठ गई और झूला झूलकर बहुत खुश हो रही थी।

उसके दोनो बॉडी गार्ड अपनी बंदूके संभाले मुस्तैदी से झूले के पास खड़े थे।

बाकी जवान जो सिविल ड्रेस में थे उनके हाथ उनकी जेबों में उनकी रिवाल्वर के हत्थे पर कस कर पकड़ बनाए हुए थे ।वे चौकस होकर हर अप्रत्याशित अप्रिय घटना से जूझने के लिए तैयार बैठे थे।

पत्रकारों ने टीवी पर दामिनी को लाइव दिखाते हुए कहा,_ देखिए ऐसा नजारा बार बार देखने को नहीं मिलता है। जहां इस क्षेत्र में जब गोली चल जाए किसका मर्डर हो जाए कोई ठिकाना नहीं रहता था।मेला लगाना तो दूर की बात है ।लेकिन आज देखिए एसपी दामिनी खुद अपने परिवार सहित मेले में झूला झूल रही हैं।इससे साबित होता है इस बार का त्यौहार कितनी शांति और हंसी खुशी के साथ मनाया जा रहा है।

दामिनी झूला झूलते हुए चौकस निगाहों से मेले में हर तरफ निगाहें दौड़ा रही थी ।रागिनी की खुशी का ठिकाना नहीं था।उसे दामिनी के साथ झूला झूलने में बहुत मजा आ रहा था।

कार में बैठा हुआ राजेश बेचैनी से अपना पहलू बदल रहा था।उसे दामिनी के साथ अपनी मां और बहन की। भी चिंता हो रही थी।

माफिया पप्पू सिंह को उसके फोन पर मैसेज आया कि एसपी दामिनी अपने ड्राइवर के  परिवार के साथ मेला में झूला झूल रही है।

इस खबर से पप्पू सिंह अपने आपे से बाहर हो गया

उसने विधायक चरणदास को फोन कर कहा_ एसपी हालागो को चैलेंज कर रही है ।हमारी दुनिया में खलबली मचा के  बेफिक्र होकर झूला झूल रही है।यही मौका उसका खेल तमाम कर देते हैं।

अरे ऐसा कुछ मत करना वरना लेने के देने पड़ेंगे विधायक ने उसे मना करते हुए कहा।

लेकिन पप्पू सिंह ने फोन काट कर अपने गुंडों से कहा _ तुम लोग जाओ और जहाँ मौका मिले एसपी को उदा दो। देखो खाली हाथ मत आना ।

उसके दस गुंडे अपने घातक हथियार लेकर निकल गए।

विधायक अपना सिर पकड़कर बैठ गया।

ये पागल आदमी है ।अपने साथ मेरी भी राजनीति डूबाएगा।ये सिर्फ गोली बंदूक की बात समझता है।लेकिन समझ नहीं रहा है अब परिस्थितिया बदल गई है ।पहले वाली बात नही रह गई है।उसने मन ही मन सोचा और मुख्य मंत्री को फोन कर सब बता दिया। सीएम ने कहा _ चिंता मत करो या तो दामिनी की डर खत्म हो जाएगा या उसके आदमी मौत के मुंह में जायेंगे।

दामिनी मूर्ख नहीं है कि बिना तैयारी के झूला झूल रही होगी ।

विधायक ने कहा _ पता नहीं क्या होने वाला मुझे तो बहुत डर लग रहा है।

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*”दामिनी का दम”* (भाग-27) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

बोकारो झारखंड

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