*”दामिनी का दम”* (भाग-24) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

विधायक चरण दास के आवास पर पप्पू सिंह बड़े गुस्से में जोर जोर से चिल्ला रहा था।अब तो आपको पता चल गया की वो लड़की कोई और नही इस जिला की नई एसपी दामिनी है ।वो जब से इस शहर में आई है तबसे हमारा जीना हराम कर रखी है।आप कि कुछ करते क्यों नही ।

क्या करूं मैं यही तो मेरी समझ में नही  आ रहा है।उसके सभी सीनियर ऑफिसरों ने हाथ खड़ा कर दिया है।कोई उसके खिलाफ जाने को तैयार नहीं है ।पुलिस और थाना भी उसके डर से थर थर कांपता है ।नई एसपी को न तो ट्रांसफर पोस्टिंग का डर है न अपनी जान जाने का फिर क्या करे।

विधायक ने अपनी मजबूरी सुनाते हुए कहा।

यहां बैठकर आप अपनी मजबूरी का रोना रोते रहिए और वो उधर मेरे आदमियों को गाजर मूली की तरह काट मार रही है ।कुछ को पकड़कर जेल भेज रही है।

उस दिन हमलेगो ने कितना बड़ा खतरा मोल उठाया था।उसको बदनाम करने और ट्रांसफर करवाने के लिए ट्रेन और बस में भयंकर लूटपाट करवाया।खून खराबा करवाया लेकिन नतीजा क्या हुआ ।मेरे ही काफी लोग मारे गए। कई को जेल भेज दिया।गनीमत है इतनी पुलिसिया पिटाई और थर्ड डिग्री इस्तेमाल करने के बाद भी मेरे बचे हुए लोगो ने मेरा नाम नही उगला वरना अभी हम भी जेल में होते ।विधायक की पार्टी का अध्यक्ष पप्पू सिंह ने कहा।

देखो तुम इतना परेशान मत हो ।मुझे थोड़ा सोचने का मौका दो । मैं कुछ करता हूं नई एसपी का इलाज।

मैं जा रहा हूं जल्दी सोचिए या सीधे मुख्य मंत्री जी से बात कीजिए।उसको जल्दी यहां से हटवाए वर्ना मैं अपने लोगो से इसको गोली मरवा दूंगा फिर मुझको दोष मत देना।

अरे ऐसा हरगिज मत करना वरना एच दोनो बुरी तरह फंस जायेंगे।वो साधारण एसपी नही है।

उसका बाप केंद्रीय गृह मंत्री और नाना खुद हमारे ही राज्य का डीजीपी है।ऊपर से हमारे जिले का अपराध कम करने के लिए वो स्पेशल पवार लेकर  आई है ।कानून के दायरे में रहकर वो कुछ भी कर सकती है।

विधायक ने डरते हुए कहा।

तो क्या करूं मैं उसकी आरती उतारूं जब सारा  काला। धंधा बंद हो जायेगा और मेरे सारे लोग मारे या पकड़े जाएंगे  तब।पप्पू सिंह बड़े आवेश में था।

आज तक मुझे किसी ने आंख नही दिखाई और न ही मेरा बाल बांका कर सका लेकिन इस नई एसपी ने मेरी दो कौड़ी की इज्जत नहीं छोड़ी है।

ऊपर से उसे हमारी हर योजना की पता नही कैसे खबर लग जाती है।

पप्पू सिंह ने खड़े होते हुए जाने जा उपक्रम करते हुए कहा।

अभी घर जाओ और शांति से रहो कोई ऐसा काम मत करना की एसपी  फिर चढ़ बैठे।विधायक ने उसे समझाते हुए कहा।

दामिनी अपने ऑफिस में अपने ऑफिसर से मीटिंग कर रही थी ।

चर्चा उसकी गोपनीयता भंग होने पर हो रही थी।आखिर अपराधियो को हमारे और डीएसपी राघव के घटना स्थल पर वारदात को रोकने हेतु जाने की खबर कैसे लग गई।जरूर हमारे पुलिस महकमे में ही कोई भेदिया है वरना अपराधी सावधान नही होते और न इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे पाते ।

अगर उन भेदियों को जल्दी नही पकड़ा गया तो आगे चलकर काफी खतरा हो सकता है।हमारे विभाग के बड़े से लेकर छोटे अधिकारी और पुलिस के जवानों के जान पर खतरा हो सकता है।

दामिनी ने दो इंस्पेक्टर को इसकी जिम्मेवारी दिया विक्रम कुमार और मोहन लाल को की वे जल्द से जल्द पुलिस विभाग में खबर लीक करने वालो को पकड़े ।

दामिनी ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि उसने और उसकी टीम ने किस तरह ट्रेन लुटेरों से यात्रियों को लूटने और खून खराबे से बचाया ।इससे सभी को सिख लेनी चाहिए की अपराधी कितने भी बड़े और खूंखार क्यों न हो उन्हे अपनी सूझ बूझ और हिम्मत से लड़ा जा सकता है।

सबने दामिनी और उसकी बहादुरी की  तारीफ किया।दामिनी ने कहा _ और मुझे बचाने में राजेश का पैर टूटते टूटते बचा है ।गनीमत है उसके पैर में मोच आकर रह गई वो अभी अपने घर पर आराम कर रहा है।

आप लोग सोचिए की वो एक मामूली टेक्सी ड्राइवर है मगर बड़ा ईमानदार और हिम्मत वाला है इसलिए मैंने उसे अपने साथ रखा है ।आप लोगो को उसकी भी तारीफ करनी चाहिए।

सबने कहा बिल्कुल मैडम राजेश पुलिस का जवान नही रहते हुए भी बिना ट्रेनिंग लिए आपके साथ बहुत ही बहादुरी से काम करता आ रहा है।बल्कि यूं कहा जाय तो आपकी शुरुआत ही उससे हुई है।प्रभा ने कहा ।सबने उसकी बात का समर्थन किया।

तभी दामिनी ने अपने निजी सचिव नितिन को बुलाकर कहा_ एक लेटर रेलवे के डीआरएम, डीआईजी और जीआरपी के एसपी को जीआरपी स्टेशन जीआरपी थाना इंचार्ज के खिलाफ ।

उसने सूचना मिलने के बाद लापरवाही किया,ड्यूटी आवर्स में शराब पिया ।मेरा फ़ोन नही उठाया ।

अपने जवानों को लूटेरो से दूर रहने को बोला इसलिए वे लोग लूटपाट और खून खराबा के समय चुपचाप आराम से एसी बोगी में जाकर छिपे हुए थे।इसकी कॉपी रेलवे के चेयरमैन को भी भेज दो की जब मैने सूचना डीआरएम और जीआरपी इंचार्ज को ट्रेन डकैती की पूर्व ने सूचना दे दी दी थी तो इनलोगो ने क्या किया ।क्या इनकी कोई जिम्मेवारी नही थी घटना को रोकने या सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की। नितिन ने कहा ठीक है।मैडम मैं अभी बनाकर लाता हूं।

पप्पू सिंह के जाने के बाद विधायक चरणदास ने मुख्य मंत्री को फोन लगाया और सारी बात बताते हुए कहा _ अगर यही हाल रहा तो हमारा चुनाव मे जितना मुश्किल है।क्योंकि यही लोग लाखो रुपए चंदा देते हैं।

अपने लोगो को भेजकर हमारी रैली ,धरना प्रदर्शन और चुनाव में मदद करते है ।

मुख्य मंत्री ने कहा _ ठीक है मैं डीजीपी और गृह सचिव से बात करता हूं।

सीएम ने गृह सचिव को कहा _ देखिए कोई उपाय करके एसपी दामिनी को उस जिला  से हटाकर किसी और जिला में भेज दे ।

गृह सचिव ने डीजीपी को फोन किया ।

डीजीपी ने कहा _ सर हालांकि दामिनी मेरी नातिन जरूर है लेकिन उसका कोई दोष भी तो हो ।बिना किसी कारण के उसे हटा नही सकते हैं।अभी तो कुछ ही महीने हुए है उसे अपना पोस्ट संभाले हुए ऐसे उसका ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है सर।

देखिए कोई उपाय कीजिए सीएम साहब का आदेश है ।गृह सचिव ने कहा ।

जी सर लेकिन इस तरह हमलोगो  ने कुछ किया तो सारे आईपीएस नाराज हो जायेंगे और वो कोर्ट भी जा सकती है फिर क्या जवाब देंगे हम लोग डीजीपी ने कहा।

ठीक है मैं समझ गया फिर भी आप कुछ कीजिए उसका ।गृह सचिव ने कहा ।

दामिनी ने डीएसपी राघव से उस दिन बस डकैती की घटना को बताने को कहा

राघव ने बताया उस दिन मैं अपनी तीन पुलिस जीप में जवानों को पूरी तरह से हथियार बंद कर लेकर स्भावित घटना स्थल पर पहुंचा लेकिन शायद लुटेरो को पुलिस के आने की भनक मिल गई थी।

जिस समय की सूचना हमे मिली थी ।उस समय कोई वारदात नही हुई । फिर भी मैंने सावधानी बस तीन चार गाडियां को एक साथ रोक कर जमा करता था और एक जिप आगे और एक जिप सभी गाडियों के पीछे लगा कर पुरा जंगल का रास्ता पार करवाता था जो लगभग पांच किलोमीटर लंबा था।

इस तरह लगभग चार घंटे बीत गए।

कोई घटना नही घटी ।तभी पांच बस एक साथ आ गई ।मैंने उनको भी रोक कर एक साथ खड़ा किया और उसी तरह आगे पीछे पुलिस की जिप को लगाकर जंगल पार करवाने बोला मैं पुलिस चेक पोस्ट पर ही अपनी गाड़ी और पांच जवानों को लेकर खड़ा रहा ।

करीब आधा घंटा का समय बिता होगा ।जंगल के रास्ते में अनेक तीखे मोड़ थे ।जंगल भी काफी घना था।मुझे खबर मिली पुलिस की दोनो जिप बम से उड़ा दी गई है।जोर दार धमाका हुआ था ।पूरा जंगल दहल उठा था ।मैडम ।

धमाका सुनते ही मैंने अपनी गाड़ी स्टार्ट करवाई और जवानों को लेकर तेजी से उधर भागा ।

जब मैं घटना स्थल पर पहुंचा तो देखा  पांचों बसों में लुटेरे घातक हथियार लेकर लूट पाट और मार काट मचा रहे थे।

मेरी दोनो जिप खाई में गिर चुकी थी।मुझे समझ मे नही आ रहा था पहले किसको बचाए ।मैंने तुरंत नजदीकी थाना को फोन कर घटना की सूचना देकर जरूरी सहायता  और एंबुलेंस भेजने को कहा और मोर्चा संभाल कर फायरिंग शुरु कर दिया ।दोनो तरफ से लगातार फायरिंग होती रही ।मुझे उन लुटेरों पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था ।पता नही वे लोग कितने आदमी थे मगर ड्राइवर लेकर हम लोग कुल सात  आदमी थे ।

गोलियां भी सीमित थी ।मैंने अपने लोगो से मोर्चा लेते रहने को कहा और पेड़ की आड़ लेते हुए बस की तरफ बढ़ने लगा।

धीरे धीरे मैं पांचों बसों के काफी करीब पहुंच गया था।

डीएसपी  अपना अनुभव सुना रहा था।दामिनी और सभी पुलिस ऑफिसर अपना दम साधे उसकी कहानी को सुन रहे थे।

राजेश अपने घर में अपने बेड पर लेटा हुआ था।

उसके पैर में मोच की वजह से काफी दर्द हो रहा था।उसकी मां गर्म तेल की मालिश कर रही थी।उसकी छोटी बहन रागिनी उसके लिए चाय और दवा तैयार कर रही थी ।तभी उसका फोन बजने लगा।

उसने फोन उठाकर बात किया । चिंता की कोई बात नही है।उनका ट्रांसफर कोई नही करवा सकता। उनकी वजह से यहां के अपराधियो की दाल नही गल रही है ।इसलिए सब उनको हटाने के लिए एड़ी चोटी एक कर रहे हैं मगर कुछ होने वाला नही है।आप लोग निश्चिंत रहे।

राजेश ने कहा और फोन रख दिया ।

राघव अपनी कहानी सुना ही रहा था तभी दामिनी का फोन बज उठा ।उसने देखा उसके नाना डीजीपी का फोन था।

उसने फोन उठाया और कहा _ सॉरी नानू मैं दशहरा में नानी से मिलने नही आ सकी क्योंकि मेरा यहां रहना बहुत जरूरी था।

मुझसे नही आपनी नानी से माफी मांगना।अभी मेरी बात सुन ।

जी नाना बोलिए_ दामिनी ने कहा ।

जरा सावधान रहना तेरे दुश्मन अब तेरे पीछे हाथ धोकर पद गए है ।तेरा ट्रांसफर करवाने के लिए मुख्य मंत्री से पैरवी करवा रहे हैं।

डीजीपी ने कहा ।

करने दीजिए नानू मैं तो सबका सफाया करने के बाद ही यहां से जाउंगी।

ठीक है बेटी अपना ख्याल रखना ।

फोन रखकर उसने राघव से कहा,_  आप अपनी बात जारी रखे।

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*”दामिनी का दम”* (भाग-25) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

बोकारो झारखंड

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