*”दामिनी का दम”* (भाग-17) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

आधी रात को करीब बारह बजे राजेश अपनी दूसरी कार  लेकर दामिनी की कोठी पर पहुंचा ।दामिनी के कहने के मुताबिक उसने अपने मालिक से बोलकर दूसरी कार ले लिया था।

दामिनी ने उसे अपना ड्रेस भी बदलकर आने को कहा था ।

राजेश के आते ही उसने कहा _ वाह राजेश आज तो तुम हीरो और स्मार्ट लग रहे हो ।उसकी तारीफ सुनकर राजेश  शरमा गया और बोला _ मैडम मेरा  मजाक मत उड़ाइए ।जैसा आपने कहा था मैंने वैसा ही किया ।अब जैसा लगूं हूं तो टेक्सी ड्राइवर ही ।

मैं तुम्हारा मजाक नही उड़ा रही हूं जो सच है वही बता रही हूं ।दामिनी ने मुस्कुराते हुए कहा ।उसे राजेश का भोलापन बहुत भाता था।

तभी उसने उससे पूछा _ एक बात बताओ जिस रात मैं पहली बार तुमसे मिली थी और तुम मेरे बारे में नही जानते थे ।मुझे चाय पिलाने ले गए और रात भर इधर उधर घुमाते रहे उस समय मेरे बारे में क्या सोच रहे थे।

क्या सोचता मैडम ।बस यही सोच रहा था की कब आपसे पीछा छुटे और मैं अपना किराया लेकर फिर स्टेशन जाऊं ताकि दूसरी सवारी ले सकूं ।

उसकी बात सुनकर दामिनी ठहाका मार कर हंसने लगी ।

ओह अच्छा तो तुम मुझसे पीछा छुड़ाना चाहते थे। जबकी और कोई होता और एक जवान और सुंदर लड़की रात भर अकेले गाड़ी में घूमते रहती तो कुछ और सोचता ।

दामिनी ने मुस्कुराते हुए कहा।

मैडम मैं एक टेक्सी ड्राइवर हूं ।मेरी टेक्सी में आए दिन कोई न कोई लड़की या औरत आते जाते रहती हैं।मैं बस उनको उनकी मंजिल तक पहुंचाता हु और अपने किराया से मतलब रखता हूं।बाकी मैं किसी के बारे मे कुछ नही सोचता हूं चाहे जवान लड़की हो या बूढ़ी औरत।मैं अपनी रोजी रोटी से बेईमानी नही कर सकता. ।बाकी लोग क्या सोचते हैं और क्या करते हैं मुझे कोई लेना देना नहीं है।

राजेश ने गंभीर होकर कहा।

वाह वाह बहुत खूब तुमने बिल्कुल सही जवाब दिया है।वाकई तुम बड़े ईमानदार और शरीफ इंसान हो।मैं तुम्हारी ईमानदारी के लिए तुम्हे बधाई देती हूं।दामिनी ने ताली बजाते हुए कहा।

थैंक यू मैडम।राजेश ने कहा ।

दामिनी ने अपने निजी सचिव नितिन को बुलाया और कहा _ डीएसपी राघव ठाकुर से फोन कर पूछो वो कितनी देर में आयेंगे ।साथ में महिला थाना प्रभारी प्रभा गुप्ता से भी फोन कर पूछो वो महिला सिपाही लेकर निकली या नही।

नितिन ने थोड़ी देर में सबसे बात कर बताया मैडम दोनो अपनी  अपनी टीम के साथ बीस मिनट में पहुंच जायेंगे।

ठीक है तुम अपने घर जाना चाहो तो जा सकते हो ।कुछ फाइल मैंने साइन कर दिया है कल ऑफिस मंगा लेना।

नितिन ने कहा ठीक है मैडम और उसने अपनी बाइक स्टार्ट किया और चला गया ।

दामिनी ने अपने रसोइया से दो कप चाय उसके कमरे में भेजने को कहा।

फिर वो राजेश को लेकर अपने कमरे में चली गई ।

मैं चाहती हूं तुम्हारे नाम से एक बार नई गाड़ी बैंक से लोन दिलवाकर खरीदवा दूं और उसे अपने ऑफिस में  लगवा दूं ।इससे तुम्हे महीने की अच्छी पेमेंट मिल जायेगी जिससे तुम बैंक की किश्त भी भर पाओगे और अपने घर का खर्चा भी चला पाओगे।

दामिनी ने अपने कमरे में आते हुए कहा ।

लेकिन मैडम कोई बैंक मुझे लोन क्यों देगा मेरे पास गारंटी में देने को कुछ नही है।वैसे आपकी योजना अच्छी है।

राजेश ने असमर्थता व्यक्त करते हुए कहा।

उसकी चिंता तुम मत करो।मैं कुछ करती हूं ।दामिनी ने कहा।

तुम एक काम और करना_ कल मैं ग्यारह बजे तुम्हारी बहन रागिनी के कोलेज में जाऊंगी वहा उसे कुछ आवारा लड़के छेड़ते है।उनको सबक सिखाना है।मैं कल अपनी सरकारी गाड़ी से तुम्हारे घर जाऊंगी और तुम्हारी बहन के साथ उसकी सहेली बनकर सिविल ड्रेस में जाऊंगी।उन बदमासो को रंगे हाथो पकड़ूंगी।

क्या मेरी बहन को लड़के छेड़ते हैं मैडम।लेकिन रागिनी ने कभी बताया नही मुझे वर्ना मैं उन लड़कों की हड्डियां तोड़ देता।

राजेश ने आवेश में कहा ।

तुम शांत रहो ।वे बड़े खतरनाक लड़के है तुम पर खतरा कर सकते थे इसलिए रागिनी ने तुमको नही बताया था।दामिनी ने उसे  शांत करते हुए कहा।

पहले काम की बात सुनो _ कल तुम स्टेशन जाओगे और जितने भी ड्राइवर है उनसे बात कर मेरी मीटिंग करवाओ।इस शहर से अपराध को खत्म करने के लिए उनके सहयोग की जरूरत है ।

लेकिन मैडम इस शहर में कुल चार टेक्सी स्टेंड है।

रेलवे स्टेशन,बस स्टैंड ,हवाई अड्डा और चौथा ट्रेवलिंग एजेंसी का है । मैं सिर्फ स्टेशन के सभी ड्राइवर को जानता हूं।

राजेश ने कहा।

कोई बात नही कल तुम्हारी यही ड्यूटी है सभी टेक्सी स्टेंड के ड्राइवर से मिलो अपनी जान पहचान बढ़ाओ और मेरा संदेश उनको देकर जल्दी मीटिंग फिक्स करो।

अब कल से तुम्हारा किराया मेरे ऑफिस से मिलेगा।कल तुम एक एग्रीमेंट पेपर पर साइन कर देना और अपना आधार कार्ड ,ड्राइवर लाइसेंस के साथ सभी शैक्षणिक कागजात नितिन को दे देना।

तुम अब मेरा पर्सनल ड्राइवर हो ।तुम्हे अब टेक्सी चलाने की जरूरत नही है।जब तक तुम्हारी गाड़ी नही आ जाती है।तब तक मैं अपने नाम से गाड़ी लेती हूं और तुम उसे चलाओगे।

जैसा आप उचित समझे मैडम।राजेश ने अपनी सहमति जताते हुए कहा।

कल तुम चाहो तो पेपर साइन करने के बाद घर खर्च के लिए ऑफिस से एडवांस ले सकते हो ।दामिनी ने कहा।

तभी रसोइया दो कप चाय लेकर आ गया।

दामिनी ने राजेश को चाय देते हुए कहा _ आज रात हमे कुछ अगवा की गई लड़कियो को तस्करों से छुड़ाना है।वे लोग बड़े खतरनाक अपराधी है जरा संभल कर रहना।

डरना नही मैं हूं तुम्हारे साथ मेरी एक रिवाल्वर तुम भी रख लेना।दामिनी ने चाय पीते हुए कहा ।

तभी एक सिपाही ने आकार बताया मैडम डीएसपी राघव साहब और  प्रभा मैडम अपनी अपनी टीम के साथ  आ गए हैं।

ठीक है तुम चलो मैं आ रही हूं ।दामिनी ने कहा ।वो सिपाही उसे सैल्यूट कर चला गया।

दामिनी ने एक रिवाल्वर देते हुए राजेश से कहा _ लो इसे रख लो और जल्दी जाकर अपनी कार में बैठ कर तैयार रहो ।

जी मैडम ठीक है।कहकर राजेश अपनी जेब में रिवाल्वर रख कर बाहर निकल गया।

उसके जाते ही दामिनी ने तुरंत अपने कपड़े चेंज किया . सादा रंग का टी शर्ट और  नीला रंग का जींस पहन लिया।अपनी कई जेबों में अपने कई जरूरी हथियार रखे और बाहर निकल गई।

बाहर डीएसपी और महिला दरोगा अपने दल बल के साथ उसका इंतजार कर रहे थे।

उसे देखते ही सबने उसका जोरदार सैल्यूट से स्वागत किया ।

दामिनी ने कहा _ सबोग तैयार है।सबने कहा जी मैडम ।

तब रागिनी ने गुप्त रूप से सबको अपनी योजना बताई और कहा _ सबलॉग अपनी अपनी जिम्मेदारी बखूबी से निभायेंगे वरना अपराधी हाथ से निकल जाएंगे और बेचारी लड़कियो की जिंदगी नर्क बना देंगे।

डीएसपी ने कहा _ मैडम बहुत दिनो के बाद आपके आने के बाद कुछ करने का मौका मिलने जा रहा है।आप चिंता मत करे ।हमलोग अपनी जान पर खेल कर अपराधियों को पकड़ने में आपकी मदद करेंगे ।

ओके बेरी गुड तो चलिए सब लोग अब कुच करते है ।इतना कहकर दामिनी लपकते हुए राजेश की कार के पास पास पहुंच गई।राजेश ने तुरंत कार का पिछला दरवाजा खोल दिया ।वो उसमे बैठ गई।

बैठते ही दामिनी ने कार आगे बढ़ाने को कहा ।

राजेश ने कार को तेज गति से आगे बढ़ा दिया ।

बाकी टीम उसके पीछे पीछे चलने लगी।

शहर के पुलिस चेक पोस्ट पर पहुंच कर सबने अपनी अपनी गाड़िया अंधेरे में छिपा कर खड़ा कर दिया ।

डीएसपी राघवऔर महिला दरोगा प्रभा ने अपने अपने प्वाइंट पर मोर्चा संभाल लिया।

बाकी पुलिस के जवान अपनी अपनी बंदूके संभाले अंधेरे में छिप कर पूरी मुस्तैदी से तैयार खड़े थे।

दामिनी एक बैग लेकर चेक पोस्ट पर खड़ी हो गई।चेकपोस्ट के भी सभी पुलिस के जवान दामिनी को देखकर सैल्यूट मारकर तैयार खड़े थे।

दामिनी ने उन्हे इस मिनी बस का पहचान बताते हुए कहा _ जैसे ही वो आए उसे रोक देना है।

कई गाड़िया आई गई।दामिनी ने सबको जाने दिया।तभी अंधेरे में एक लाइट दिखाई दी।दामिनी ने कहा शायद ये हो सकती है सभी होशियार रहना ।

जैसे ही वो मिनी बस पास आई ।जवानों ने बैरियर नीचे गिरा दिया ।वो बस आकर रुक गई ।

दामिनी ने उसका प्लेट नंबर चेक किया ।बिलकुल वही मिनी बस थी जिसकी उसे सूचना मिली।

बस के रुकते ही दामिनी लपकर उसके गेट के पास गई और पूछी बस कहा जा रही है। कडकटर ने कहा _ रामनाथपुर जा रही है।

जी मुझे भी उधर ही जाना है क्या मुझे भी ले लेंगे।जो भाड़ा होगा मैं दे दूंगी ।मेरी ट्रेन छूट गई है इसलिए चेकपोस्ट पर आकर पुलिस से मदद लेना पड़ा।दामिनी ने कहा।

इतनी रात को एक जवान लड़की को देखकर उसको लालच आ गया ।उसने कहा ठीक है चलो जल्दी आओ ।पूरे ढाई सौ रुपए लगेंगे।

ठीक है मैं दे दूंगी ।इतना कहकर वो अपना बैग  लेकर उसमें चढ़ गई उसके चढ़ते ही डीएसपी राघव और प्रभा सतर्क हो गए।

राजेश भी शंकित होकर सब देखने लगा।भय से उसका दिल धक धक धड़कने लगा था ।भगवान जाने आगे क्या होगा।मैडम को जरा भी डर नही लगता है।कही भी अकेले भीड़ जाति है।भला अकेले जाने की क्या जरूरत थी ।इतने पुलिस वाले है ।बस को कब्जे में ले लेना चाहिए था अगर वही बस है तो ।उसने मन में सोचा।

बस में चढ़ते ही दामिनी ने देखा बस में कोई लड़की नहीं है।उसका माथा ठनक गया।क्या उसे गलत सूचना मिली थी ।लेकिन ऐसा हो नही सकता ।सूचना बहुत ही विश्वशनीय जगह से मिली थी ।उसने चार पांच हट्टे कट्टे लोग बैठे हुए थे।देखने से ही सभी बदमाश लग रहे थे।

तभी उसने कहा _ अरे मेरा एक जरूरी पेपर छूट गया है अब मैं नही जा सकती ।इतना कहकर वो बस से नीचे उतरने लगी ।

तभी बस अचानक स्टार्ट हुई बैरियर को तोड़ते हुए आगे निकल गई और तेज गति से दौड़ने लगी ।

दामिनी को महसूस हुआ जरूर कोई गड़बड़ है वरना बस नही भागती।

उधर बैरियर टूटते ही सभी चौकन्ने हो गए और अपनी अपनी गाड़ियों में बैठकर उस बस का पीछा करने को बोले।

उस समय चार पुलिस की गाड़िया थी। सभी तीर की भांति निकल गई।

सबको अपने सीनियर पुलिस ऑफिसर एसपी की चिंता होने लगी थी ।

राजेश को बहुत जोर का झटका लगा ।उसे दामिनी की जान जोखिम में लगी ।हालांकि वो एक बहादुर लड़की थी ।राजेश उसकी बहादुरी देख चुका था।

लेकिन उस बस में पता नहीं कितने और कौन लोग होंगे मैडम के साथ क्या हो रहा होगा ।बस क्यों भागी ।इसी चिंता में राजेश ने अपना आपा खो दिया और अपनी कार स्टार्ट कर बंदूक की गोली की तरह  कार को सड़क पर दौड़ा दिया ।

कार हवा से बात करती हुई  सभी पुलिस की गाड़ियों को पीछे छोड़ते हुए बस के पीछे लग गई।

बस काफी तेज रफ्तार से भागी जा रही थी।राजेश को बार बार दामिनी का हंसता हुआ चेहरा याद आ रहा था ।

बस में दामिनी ने ड्राइवर से चिल्ला कर पूछा _ जब मुझे नही जाना है तो तुमने बस क्यों भगा दिया।

जल्दी बस रोको मुझे उतरने दो ।

मगर बस नही रुकी ।

दो बदमाशो ने खड़ा होकर कहा _ अब कहा जाओगी जाने मन चलो हमारे साथ राज करोगी ।

उसकी बात सुनकर सभी हंसने लगे ।

दामिनी ने कसकर एक मुक्का उसकी कनपटी पर मारा वो वही बिना आवाज किए फर्श पर गिर पड़ा।

उसकी इस हरकत पर सारे बदमाश चौकन्ने हो गए ।एक ने उसपर छलांग लगा दिया और उसे दबोचना लेकिन अप दामिनी को छू भी पाता इससे पहले दामिनी का एक पांव इतनी जोर से इसके पेट में लगा वो गेंडे की तरह डकारते हुए अपना पेट पकड़कर फर्श पर बैठ गया ।

राजेश जैसे एक्सीलेटर पर खड़ा ही हो गया था । कार तुफानी गति में हवा से बात करती हुई उड़ती जा रही थी ।उसे  होश ही नहीं था वो क्या कर रहा है।उसे बस दामिनी को बचाने की चिंता हो रही हैं थी।

अब वो बस के काफी करीब पहुंच चुका था ।उसने अपनी रिवाल्वर निकाल कर बस के पिछले हिस्से के टायर पर गोली चला दिया लेकिन उसका निशाना चूक गया।

गोली चलने की बहुत जोरदार आवाज हुई।

अंदर के सभी बदमाश सावधान हो गए ।

एक ने कहा लगता है बैरियर तोड़ने की वजह से पुलिस उनका पीछा कर रही है ।

लेकिन पुलिस तो बिकी हुई है वो क्यों पीछा करेगी ।दूसरे ने कहा और ड्राइवर को बस और तेज भगाने को कहा ।

सबने अपने हथियार निकाल लिए और दामिनी को घेर लिया।

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*”दामिनी का दम”* (भाग-18) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

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