दाखिला – गुरविन्दर टूटेजा

  वंशिका जल्दी करो जरा भी देर हो गयी तो सारे किये धरे पर पानी फिर जायेगा….तुम्हे पता तो है मैं सुबह चार बजे लाईन में लगा  तब जाकर एडमिशन फार्म मिला…!!!

  हाँ समर पता है मुझे सबसे अच्छा स्कूल है ये दिल्ली का….वंश का एडमिशन तो हमें इसी स्कूल में कराना है…चलो चले |

 स्कूल में माता-पिता से भी पूछताछ की गयी व बच्चे का तो इंटरव्यूह हुआ ही…वैसे अभी तो सब अच्छे से हो गया…अब लिस्ट आयेगी तो पता चलेगा कि दाखिला मिला कि नही..????

   चार दिन बाद लिस्ट में वंश का नाम आ गया घर में ऐसे माहौल था जैसे दीवाली हो…!!!

 समर ने जब फीस कार्ड देखा तो उसके होश उड़ गये पर बच्चे के भविष्य की बात थी कर्जा लेकर एडमिशन फीस व पहली किस्त भर दी…अब बारी आई यूनीफार्म व किताबों की उसमें भी स्कूल वालों की मनमानी कि जहाँ से उनको कमीशन मिलता है वही से लेनी पड़ेगी…वो भी ली क्या करे…..!!!!

आज वंश का पहला दिन था स्कूल में….और सामान की लिस्ट थमा दी…..ऐसे ही चलता रहा साल निकल गया |

आज रिजल्ट लेने जाना था वंश का समर व वंशिका फूले नही समा रहे थे….दोनो स्कूल पहुँचे तो  क्लास टीचर ने कहा कि वंश का रिजल्ट रोक दिया है आप पहले प्रिन्सीपल मैडम से मिलना होगा…उनके आफिस के सामने भी लम्बी लाईन बहुत से बच्चों के माता-पिता परेशान हो रहे थे….!!!

 प्रिन्सीपल मेडम के आफिस में गये तो उन्होने कहा कि फीस की आखिरी किस्त नही भरी है पहले वो भरो तो ही रिजल्ट मिलेगा…दोनो मुँह लटकाये बाहर आ गये और सोच रहे थे अभी तो शुरूआत है आगे जाने क्या क्या होगा….??????

” विद्या संस्कार है….उसे संस्कार ही रहने दो….

व्यापार ना बनाओ..!! “

गुरविन्दर टूटेजा

उज्जैन (म.प्र)

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