दाल में काला होना – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

किट्टी पार्टी में गपशप पूरे जोर शोरसे चल रही थी। परंतु आज की गपशप का रंग कुछ अलग ही था। हमेशा तो किटटीमें सभी मेम्बर एक दूसरे की साड़ी व गहनों की चर्चा करती थी कि अरे नलिनी तेरा डायमंड का नैकलस तो बहुत चमक रहा है कहां से लिया और कितने का पड़ा आदि आदि।

आज किट्टी में सभी एक स्वर से चर्चा कर रही थी कि मीनू आज किटीमें नही आई।तभी दूसरी मेंबर जो मीनू की पड़ोसन थी तपाक से बोली अरे ,आएगी कैसे उसकी बेटी जो घर आकर बैठ गई है।

इतना सुनना था कि सभी अन्य मेंबरों के मुंह से निकला क्या।ये क्या कह रही हो मंजू क्या यह सच है।औरनहीतो क्या मुझे क्या पड़ी है जो झूठ बोलू। मुझे तो #दालमें कुछ काला लगता है।नही तो आजकल कौन सी लड़की शादी के बाद इतने दिनमायके में रहती है।

हां कह तो तुम ठीक ही रही हो।पता नही बिचारी मीनू पर क्या बीत रही होगी।

हाय यह तो बहुत बुरा हुआ बिचारी मीनू के साथ ,एक तो शादी इतनी देर से होपाई उसकी बेटी की।और ऊपर से ये नई मुसीबत।कितना पैसा खर्च किया था मीनू ने अपनी बेटी की शादी में।।

भई आजकल तो यह फैशन सा बन गया है कि आज शादी फिर साल छह महीने में तलाक।पता नही लड़कियां क्यों नही निभा पाती अपने ससुराल में।बातों का जोर पूरा मीनू मय था।सभी अपनी अपनी राय देरहे थे।

भई,पहले का जमाना अच्छा था,छोटी उम्र में शादी हो जाती थी, लड़कियां निभा लेती थी।

आज की पीढ़ी की लड़कियां किसी सुनती ही कहां है। जितने मुंह उतनी बातें ।

तभी डोर बेल बजने लगी,कौन होगा सोचकर होस्ट दरबाजा खोलने उठी।दरबाजा खोलते ही जोर से बोली सखियों हमारी मीनू आगई,जिसे हम सब कितना याद कररहे थे।

सबके मुंह पर ताला लग गया था।

अरे मीनू बड़ी देर करदीआने में ,हां देर तो होगई सॉरी क्या करती बेटी नीना से बातें करने में समय का पता ही नहीं चला।

एक अन्य मेंबर ने जानबूझ कर पूछा, क्या नीना आजकल तेरे पास आई हुई है।

हां और नहीं तो क्या,नीना के कदम ऐसे पड़े उसके पति के घर कि हमारे दामाद जी को एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में दोसालके लिए यू के में ही रहना पड़ेगा।उनका बीसा पासपोर्ट रैडी था सो वे तो चले गये।

इसका पासपोर्ट व बीसा जैसे ही रैडी हो जायगा यह भी चली जायेगी।पता नही फिर कब तक बापस आना हो ।इसलिये मेरे पास रहने आगई।

मीनू की बात बन कर सबके मुंह पर ताला लग गया।सब मीनू को बधाई देने लगे।

किट्टी का कार्यक्रम फिर से शुरू हो गया था।

बिना पूरी बात जाने किसी के बारे में ऐसी ऊटपटांग बातें करना निहायत ही बचकानी हरकत होती है।

स्वरचित व मौलिक

माधुरी गुप्ता

नई दिल्ली

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