Crush – अनु ‘ इंदु ‘

बात उन दिनों की है जब मैं अमृतसर से M.A.B.Ed करने के बाद अपने घर आई थी ।

मैंने आकर एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया ।

मेरे पास 9th और 10th के बच्चे पढ़ते थे । 10th क्लास का एक स्टूडेंट विवेक था। सब उसे विक्की कहते थे । वो मेरे छोटे भाई का भी दोस्त था । मेरा छोटा भाई मुझसे 8 साल छोटा है । दोनों अलग अलग स्कूल में पढ़ते थे ।

मैंने यह नोटिस किया कि जब मैं पढ़ा रही होती थी  तो विवेक बस एक टक मुझे ही देखता रहता था  ।

एक दो बार मैंने उसे टोका भी कि अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो मगर वो चुप रहता , मंद मंद मुस्कुरा देता ।

उन दिनों सब बच्चों की होमवर्क की कापियां  क्लास में मेज़  पर चेकिंग के लिये रखी रहतीं थीं ।

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एक दिन मैंने जब नोटबुक चेक की तो एक पेज़  फोल्ड किया हुआ था कापी में ,  मैंने उसे खोला तो उसमें एक फिल्मी गाने की पहली लाइन लिखी हुई थी ”  दिल तेरे बिन कहीं लगता नहीं और वक़्त गुजरता नहीं , क्या यही प्यार है ? ‘

मैंने जब कापी पर नाम पढ़ा तो वो विवेक की कापी थी । उसने वो सब मेरे लिये ही लिखा था , यह जानते हुये भी मैंने उसे ज़ाहिर नहीं होने दिया कि मैंने पढ़ लिया है


। उसने भी जान बूझ कर फिल्मी गाने की लाइन लिखी थी कि मैं अगर गुस्सा करूँ तो वो कह सके कि उसने तो गाना लिखा हुआ था ।

मैंने वो कापी उसे वापिस कर दी । स्कूल से जब मैं घर जाती तो अक्सर वो बाईक पर मेरे पीछे घर तक आता । कहता तो कुछ नहीं था मगर यह उसका रोज़ का काम था ।

एक दिन जब मैं घर आई तो हमारी नौकरानी ने एक ख़त मुझे पकड़ाया और कहा कि यह विक्की  ने दिया है ।विवेक को सब “विक्की”  नाम से  बुलाते  थे

मैंने उसे खोला तो उसमें लिखा था कि वो मुझे बहुत प्यार करता है । मुझे बहुत गुस्सा आया क्यूंकि मेरे लिये वो मेरे छोटे भाई की तरह ही था । घर में यह बात बता नहीं पाई क्यूँ कि मेरे भाई और डैडी का गुस्सा मैं जानती थी ।मैंने इस बात को अपने तरीके से  हैंडल करना ही  उचित  समझा।

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जल्द ही एक प्राइवेट गर्ल्स कॉलेज में मुझे जॉब मिल गई ,मैं वहाँ पढ़ाने लगी । कॉलेज के एड्रेस  पर भी विक्की  के ख़त आते रहे । यहां तक कि उसने मुझे शादी के लिये भी प्रपोज किया । मैंने एक ख़त लिख कर उसे समझाया कि वो अपनी पढ़ाई पर फोकस करे । मेरा उसका कोई मेल नहीं और अगर वो नहीं माना तो उसके घर में सब बता दूँगी । इस बात से वो डर गया और ख़त आने बन्द हो गये । मेरी भी शादी हो गई और मैं दिल्ली आ गई । अभी हाल ही में किसी दोस्त के कॉन्टेक्ट लिस्ट  में फ़ेसबुक पर उससे मुलाक़ात हो गई । उसने मुझे मेसेज किया कि वो  मुझे  कभी  नहीं  भूल  सकता। चाहे इस बात को40 साल गुज़र गये हैँ मगर उसके लिये आज़ भी मैं उसकी वही मैडम हूँ, जिसे वो इतना प्यार करता था ।

अनु ‘ इंदु ‘

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