वो आज वापस आ गई।पूरे दो महीने बाद।
कुछ अजीब सी लग रही है।अचानक से मोटी हो गई है।स्वभाव भी कुछ अलग सा हो गया है ।
जी हाँ !विद्या की बात कर रही हूँ जो दो महीने पहले स्कूल में जॉब करने आई थी।
न जाने कौनसा ग्रहण लग गया उसके लावण्य और स्वभाव को ?
अभी नई नई शादी हुई है उसकी।
जब दो महीने पहले आई थी बहुत उत्साहित और उत्सुक थी हर काम करने के लिए।”मुझे पढ़ाना भी है, मुझे कौनसी क्लास मिलेगी ? मैं कौनसा विषय पढ़ाऊँ ?।नवरात्रि है,मैं लड़कियों को गरबा सिखा देती हूँ।”
सिखाया भी ,बहुत सुंदर !लेकिन लड़कियां अपनी प्रस्तुति दें उससे पहले ही वो गायब हो गई।
बाद में पता चला कि उसकी माँ अत्यधिक बीमार हो गई थी और उसे अचानक जाना पड़ा।
चलो मान लिया कि अचानक जाना पड़ा लेकिन लौटने के बाद ये हुलिया ! ये चुप्पी ! कुछ समझ नहीं आ रहा था । वो चहकना ,मचलना ,चंचलता
सब गायब हो गई ।
आखिर मुझसे रहा न गया।दोपहर तक तो मैंने उसे पास बुला कर पूछ लिया ,क्या हुआ है तुम्हें ?पहले वाली विद्या कहाँ खो गई है ?
मैंने आगे पूछा ,किससे परेशानी है तुम्हें ?घर में कोई प्रॉब्लम है ?सासुमाँ ठीक नहीं है या पति देव से समस्या है ?
कुछ देर चुप रहने के बाद उसने कहा ,मेरे पति देव से !
मैं सन्न रह गई।उसने बताया ,दरअसल मेरे पति को थोड़ा रिज़र्व रहना पसंद है ।उन्हें फेस बुक,
यू ट्यूब ,इंस्टा पर मेरी सक्रियता पसन्द नहीं है।
मेरे उसकी कॉउंसलिंग के मंसूबे धरे के धरे रह गए। मैंने मुस्कुराते हुए सूनी आँखों से उसके सिर पर हाथ रखते हुए कहा ,काम में मन लगाओ सब ठीक हो जाएगा और मैं पैंतीस साल पहले बीते हुए क्षणों के विचार में गोते लगाने लगी।
तब मेरी भी तो नई शादी हुई थी।फेस बुक का कोई अस्तित्व नहीं था फिर पति के अनुसार मैं हर फेस के लिए एक बुक बन गई थी।
यू ट्यूब का आविष्कार नही हुआ था तब किन्तु मेरे जीवन मे एक अत्यंत भयंकर यू टर्न आ गया था।
इंस्टाग्राम का कोई अता पता नहीं था लेकिन मेरी दिनचर्या में एक बहुत इंस्टेंट बदलाव ला दिया गया था।इतना बड़ा बदलाव कि मैं अवसादग्रस्त रहने लगीं थी ।
उनके अनुसार इस दुनिया का हर व्यक्ति अपनी बीवी और प्रेमिका को छोड़ कर मुझे ही देखता
रहता था और निश्चित ही मैं उसे !
क्या कह कर मैं विद्या को समझाइश दे पाती जो खुद ही जिंदगी भर पीडित रही !
एक यक्ष प्रश्न के साथ बेमन से मैं अपने काम में लग गई।
ज्योति अप्रतिम
स्वलिखित