छोटी – छोटी जिद बड़े- बड़े रिश्ते खराब कर देती हैं !! – स्वाती जैंन

छोटी , माँ कैसी हैं ?? माँ की तबीयत तो ठीक हैना सुहानी ने अपनी छोटी बहन मोहिनी से पूछा !!

 

हां मां की तबीयत अभी तो ठीक है दीदी मगर मां अगर ऐसे ही कामवाली की तरह काम करती रहीं तो माँ की तबीयत बिगड़ते देर नहीं लगेगी मोहिनी बोली !!

वैसे भी मां को कभी पेट दर्द , कमर दर्द लगा ही रहता हैं और ऐसे में मां जिद्दी भी बहुत हैं उन्हें अपने हाथ से ही सारा काम जो करना होता है अब उन्हें कौन समझाए ??

मोहिनी अभी कुछ दिन मायके रहकर आई थी , सुहानी को मायके गए वक्त बीत चुका था इसलिए उसने मोहिनी से माँ का हालचाल पूछा क्यूंकि सुहानी जब भी मां से बात करती मां हमेशा ठीक है कहती मगर बहुत बार मां की आवाज से सुहानी को अहसास हुआ है जैसे मां ठीक नही हैं !!

सुहानी बोली मोहिनी तुम कहना क्या चाहती हो ??

मोहिनी बोली दीदी जब से भाभी को बेटा हुआ है भाभी घर का कुछ काम नहीं करतीं बस अपने बच्चे को दिनभर गोद में लिए बैठे रहती हैं !!

मां का सारा दिन भाभी और उसके बच्चे की सेवा में ही निकल जाता है , मां कुछ बोलती भी तो नहीं !!

भाभी को फुल टाईम सर्वेंट मिली हुई है मां के रूप में !

भाभी को बेटी के बाद बेटे की बहुत चाह थी वह पूरी हुई मगर इसका मतलब यह तो नहीं कि दिनभर बेटे को अपने से चिपकाए रखो , थोड़ी देर मां के पास भी तो दो वह भी पोते के साथ खेलना चाहती हैं मगर भाभी अपने कमरे से बाहर आएं तब तो मां बच्चे के साथ खेलें !!

मां का दर्द भाभी कभी नहीं समझ पाएगी !!

मां बिचारी कुछ बोलती नहीं बस चुपचाप घर का काम करती रहती हैं , इसका मतलब यह तो नही कि उन्हें अपने पोते के साथ खेलने का मन नहीं करता !!



वे अंदर ही अंदर मन मसोस कर रह जाती हैं !!

भाभी जानती हैं मां को घर का काम करना पसंद है इसलिए तो वह भी अपने कमरे में घुसी रहती हैं !!

सुहानी को अपनी मां पर तरस आ गया और उसने दो दिन बाद मायके जाने की सोची !!

सुहानी को देखकर उसकी भाभी कामिनी अपने कमरे से बाहर आई और अपना बच्चा उसके हाथ में थमाते हुए बोली दीदी देखिए कितना बड़ा हो गया आपका लल्ला ??

छोटा सा था जब आप इसे मिलने आई थी !!

लल्ला से बोली बोलो बुआ बुआ ……….

बेटी आयशा फुल वॉल्युम में टी.वी देख रही थी उसे कामिनी ने जोर से चिल्लाकर कहा पूरा दिन टीवी देखती हो टी.वी बंद करो लल्ला के कान में दिक्कत ना हो जाए !!

दीदी जब से लल्ला हुआ है आयशा पूरा दिन टी .वी देखती है किसी की नही सुनती !!

मैं भी तो पूरे दिन लल्ला के काम में व्यस्त रहती हूं , मुझे अपने कमरे से बाहर आने का समय ही नहीं मिल पाता !!

सुहानी ने चाय – नाश्ता किया और दो घंटे बाद बोली लल्ला तो बिलकुल परेशान नहीं करता हैं भाभी , आप इसे यहीं बाहर खेलने दीजिए!

एक ही कमरे में रहेगा तो सबसे लगाव कैसे होगा ??



दादा- दादी , बुआ सभी को कैसे पहचानेगा ??

सुहानी की मां राम्या जी भी वहीं पास बैठी थीं , उन्होंने सुहानी को आँख दिखाई ताकि सुहानी कुछ ना बोले मगर सुहानी प्यार से बोली भाभी मैं जानती हूं आपकी चाह थी आपको एक बेटी के बाद बेटा हो मगर मातृत्व के सुखद एहसास में आप घर , अपनी बच्ची सभी को नजरअंदाज कर रही हैं !!

आप लल्ला को लेकर अपने ही कमरे में घुसी रहती हैं तो आपकी बेटी आयशा पूरा दिन टी.वी देखेगी ही ना !!

भाभी आप बुरा मत मानिएगा मगर मैं आपके भले के लिए कह रही हूं , मां की तबीयत भी अब सही नहीं रहती तो लल्ला को आप मां को संभालने दीजिए ताकि मां बैठे – बैठे लल्ला के साथ खेल सकें और मां घर के कामों में हमेशा आपका हांथ बंटाते आई हैं तो आगे भी बटाएंगी मगर पूरा घर का काम मां पर डालना सही नहीं है !!

कामिनी बोली दीदी मुझसे घर का काम नहीं होता है मैंने मां से कहा था कि हम कुक रख देते हैं मगर मां ने इंकार कर दिया , कुक रहेगा तो दोनों को आसानी हो जाएगी !!

सुहानी ने देखा था मां और भाभी के रिश्ते में खटास उतपन्न हो गई है शायद कारण यही था भाभी कुक रखना चाहती हैं और मां मना कर रही हैं !!

सुहानी बोली हां कुक रखने में कोई बुराई नहीं , आप थोड़े दिन कुक रख लो फिर बच्चा थोड़ा बड़ा हो जाए तब देख लेना !!

राम्या जी पहले तो कुक रखने नहीं मानी मगर सुहानी बोली मां आपने पूरी जिंदगी घर का काम किया मगर अब आपकी उम्र हो चली है और भाभी अपने दो छोटे बच्चों में व्यस्त हैं !!

जब उन्हें एहसास होगा कि अब वे रसोई संभाल सकती हैं तब वे देख लेंगी !!

आप अकेले कब तक काम करेंगी तब जाकर राम्या जी ने कुक रखने हामी भरी !!

दोस्तों , कभी – कभी छोटी – छोटी जिद के कारण रिश्ते खराब हो जाते हैं बेहतर है वक्त रहते हम सब संभाल लें !!

आपको यह कहानी कैसी लगी कृपया अपनी प्रतिक्रिया जरुर दें तथा मेरी अन्य रचनाओं को पढ़ने के लिए मुझे फॉलो

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आपकी सखी

स्वाती जैंन

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