ससुराल में शादी थी, अक्षय का जाना जरूरी था। वो अलग बात है कि घर में भी उसके पापा की तबियत नासाज थी। पर पत्नी रवीना को नाराज नही करना चाहता था। नियत दिन ससुराल के लिए पत्नी के साथ चल पड़े। माँ, पापा को घर छोड़कर ही गए थे, दोनो का बुढ़ापा था, वैसे भी भीड़ भाड़ उन्हें रास नही आती थी।
शादी वाले घर के शोर में अक्षय और रवीना बहुत खुश थे, दोनो बच्चे भी मामा, मामी बच्चो के साथ मस्त थे। शादी के दिन सुबह ही अक्षय के पास उंसकी पुरानी दोस्त अमिता का फ़ोन आया, ” हेलो, अक्षय आ सको तो जल्दी से आओ, मेरे पापा के दिल मे दर्द उठा, अस्पताल लायी, तो डॉक्टर हार्ट अटैक बता रहे, मन घबरा रहा।” ये वही अमिता थी, जिससे शादी के पहले चार, पांच साल उसका संबंध रहा। पर वो समय ऐसा था कि लड़के या लड़की मम्मी, पापा से बहुत डरते थे।
अक्षय ने जवाब दिया, शादी में आया हूँ, जरा सोचने का वक़्त दो।
अक्षय अपनी पत्नी रवीना से बोलकर निकल गया, कुछ जरूरी काम है, रात यहां बारात आने तक मैं पहुँच जाऊंगा।
शाम को जब रवीना तैयार होने लगी, गहनों का डब्बा खोला, तो सोने का भारी हार उसके डब्बे से गायब था। परेशान हो गयी, क्योंकि एक ही कमरे में कई लोग रुके थे।
अपने भाई और भाभी को बता कर रोने लगी, कि घर जाकर सासु जी को क्या कहूंगी, उन्होंने ही मुझे मेरी शादी में पहनाया था।
हर जगह हर किसी के ऊपर शक की सुई घूमने लगी, फिर जब अक्षय रात लौट कर आये, वो भी रवीना को ही कई खरी खोटी सुनाने लगे, अपना सामान संभालना भी तुमको नही आता। अब क्या भरपाई पूरी करेंगे तुम्हारे भाई, भाभी?
रवीना का भी रोते रोते बुरा हाल था, उसी हाल में अपने घर लौट आयी।
सब बातें जानकर सब लोगो ने रवीना का मायके जाना भी रोक दिया था।
आज अमिता के पापा अक्षय की मम्मी से मॉल में मिले, और धन्यवाद दिया, “आपका बेटा अक्षय बहुत मिलनसार और समय पर मदद करने वाला है, मुझे दिल के दौरा पड़ा था, उसने एक दिन में ही दो लाख रुपये की मदद करी, जो हम ताउम्र भुला नही पाएंगे।
और अक्षय की मम्मी ने पूछा, “कब”
और तारीख सुनकर उनके होश उड़ गए, और कोई बेटा अपने परिवार से ऐसा धोखा भी कर सकता है, उन्हें विश्वास नही हो रहा था।
#धोखा
स्वरचित
भगवती सक्सेना गौड़