चक्कर जन्म कुंडली का – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

     फाइनली गरिमा और हेमंत की शादी हो ही गई, आजकल तो  वे दोनों अपने हनीमून ट्रिप पर स्विट्ज़रलैण्ड मैं ऐश कर रहे हैं ,उनके घर वालों का तो पता नहीं परन्तु मैं बहुत ख़ुश हूँ क्योंकि अभी थोड़ी देर पहले ही गरिमा ने 2 मिनट के लिए स्विट्ज़रलैण्ड से बात की —थैंक्स , “आंटी इतना अच्छा लाइफ़ पार्टनर मिलवाने के लिए ” पीछे से हेमंत का भी स्वर उभरा , डार्लिंग मेरी तरफ़ से भी आंटी को थैंक्स बोल देना ,फिर दोनों की सम्मिलित हँसी का स्वर उभरा और फ़ोन काट दिया .

दोनों कितने ख़ुश लग रहे थे मैंने राहत की साँस ली ,क्योंकि दोनों को मिलवाने में देखा जाए तो मैंने ही बीच की कड़ी का काम किया था ,संयोगिक घटनाओं की विचित्रता को भला कौन समझ सकता है मेरे मन में यादों की फ़ाइल के पन्ने फड़फड़ाने लगे थे.

आज से तीन साल पहले गरिमा को मैंने अपनी फ्रेंड विनीता के घर हुई किटी पार्टी में देखा था .लंबी छरहरी गरिमा रूप लावण्य की धनी तो थी ही. नाम के अनुरूप व्यक्तित्व में संस्कारी छाप भी स्पष्ट दिखाई दे रही थी. उसको देखते ही लगा काश़ कोई मेरा बेटा होता तो मैं गरिमा का हाथ उसकी माँ से माँग लेती . मुझे गरिमा की तरफ़ ताकते देख विनीता ने मुझसे उसका परिचय करवाया — ‘‘बेटे ये कृष्णा आंटी  है हमारी किटी मेम्बर.‘‘गरिमा कुछ देर मेरे पास बैठी मैंने उसकी जॉब के बारे में बातचीत की फिर किटी के अन्न्य सदस्य आने से वह  उठकर अपने कमरे में चली गई थी .

मेरी फ्रेंड सुमन ने भी जब गरिमा को देखा तो उसकी नज़रों से लग रहा था की गरिमा के व्यक्तित्व ने सुमन को भी प्रभावित किया था ,धीरे धीरे किटी के अन्य सदस्यों के आ जाने से बातचीत का रुख़ डिमोनटाइजेसन की तरफ बदल गया था ,कोई 2 हज़ार के नए नोट को अच्छा बता रही थी तो कोई इससे उपजी परेशानियाँ गिना रही थी.

किटी पूरे शबाब पर थी सब गपशप करने में लगी हुई थी ,साथ ही कनिखियो से एक दूसरे की साड़ी और ज्वेलरी को निहारने का सिलसिला भी चल रहा था ,कि इसकी साड़ी मेरी साड़ी से अच्छी क्यों है  किसका हार असली है और किसका डाइमंड नकली.

             विनीता के घर से निकलने पर सुमन ने बातचीत शुरू की ,सच इसकी बिटिया कितनी प्यारी है तू कोई चक्कर चला ना मै भी आज कल हेमंत की शादी को लेकर काफ़ी चिंतित हूँ ,उम्र धीरे धीरे बढ़ती जा रही है मेरी भी और हेमंत की भी .कोई अच्छी सी लड़की मिल जाए तो इसका रिश्ता पक्का करके मैं निश्चित हो जाऊँ.                               

देख कृष्ण,जब तुम विनीता से बात करोगी,तो हेमंत के बारे में कुछ संक्षिप्त परिचय दे देना ,हेमंत ने MBA किया है और आज कल एक MNC में डायरेक्टर के पद पर है ,उसकी लम्बाई ६ फुट ३ इंच  है ,तो वह चाहता है कि लड़की भी लंबी हो तो सोने में सुहागा ,रही उम्र की बात  चौतीस पूरे करने जा रहा है 2 महीने में ,मेरे ख्याल से गरिमा  भी  ३० से ऊपर की ही होगी ,मुझे तो सबसे ज़्यादा उसकी लंबाई भा गई है ,सुमन अपनी ही रौ में बोलती जा रही थी कि मैंने उसे टोका ,देख मैं विनीता से बात करके देखती हूँ फिर जोड़ियां तो ऊपर वाले के यहाँ से ही बन कर आती है.

कुछ दिनों बाद जब मैं विनीता से मिलने उसके घर गई तो देखा विनीता किसी की जन्मकुंडली लेकर बैठी थी लैपटॉप सामने खुला पड़ा था मुझे देखकर लैपटॉप बंद करते हुए बोली ‘‘आ बैठ अभी चाय बनाकर लाती हूँ फिर ठाठ से गप्पे मारेंगे,जब विनीता चाय लेकर आयी तो मैंने पूछा आज किस का भाग्य सवॉरने में लगी थी.‘‘

दरअसल कुछ साल पहले विनीता ने ज्योतिषाचार्य का डिप्लोमा  किया था तभी से वह जन्मकुंडली देखने ओर मिलाने लगी थी ,किटी  पार्टी  की दो चार सखियों के बच्चों की कुंडलियाँ मिलाई और उनके बच्चों की शादीशुदा लाइफ़ ख़ुशहाल गुज़र रही थी ,तभी से विनीता का कुण्डली मिलाने में विश्वास कुछ अधिक गहरा हो चला था .गरिमा के रिश्ते की बात जहां भी चलती सबसे पहले बिनीता कुण्डली मिलाने  बैठ जाती ,बिना लड़के को मिले देखे ,अब तक सैकड़ों लड़कों को रिजेक्ट कर चुकी थी और गरिमा की उम्र बढ़कर 32 पार करने को थी.

उम्र बढ़ने पर गरिमा के चेहरे की मुस्कराहट धीरे धीरे ग़ायब हो रही थी ,स्वयं विनीता भी आज कल तनाव व चिड़चिडाहट के घेरे में आती जा रही थी ,गरिमा ने तो अपने मन की भड़ास निकालते हुए यहाँ तक कह दिया था कि यदि कुण्डली मिलाने से सभी की शादी सफल होती तो आज तलाक़ की संख्या लाखों तक नहीं पहुँचती ,शादी में कुंडली के अलावा स्वभाव रुचियों व आदतों की साझेदारी भी बहुत मायने रखती है ,अब मै अपने हिसाब से अपने लिए जीवनसाथी ढूंढती हूँ ,गरिमा ने कहा .

बेटा भावावेश में आकार कहीं कुछ गलती ना कर बैठना ,आख़िर मैं तुम्हारे सुखद भविष्य के लिए ही तो ये सब कर रही हूँ ,उस सुखद भविष्य के इंतज़ार में चाहे मेरी उम्र ही क्यों न बढती जाए और ‘‘रही गलती की बात सो गलती से कुछ नहीं होता सब कुछ नियति करवाती है ,‘‘गरिमा के शब्द सुनकर विनीता हक्की-बक्की रह गई थी.

अगले महीने की किट्टी पार्टी सुमन  के घर थी विनीता यह कहकर जल्दी घर लौट गई कि आज गरिमा का बर्थडे है सो घर पर छोटा सा गेट टुगेदर रखा है ,किटी की एक दो मेम्बर जो कुछ मुँह फट टाइप की थी ने तो यहाँ तक कह दिया कब तक गरिमा का बर्थडे अपने घर पर ही मनाती रहोगी किसी दूसरे को भी तो मौक़ा दो उसकी बर्थडे मनाने का.विनीता खिसियानी हंसी हस कर रह गई थी,बस वहां से तुरंत निकल ली थी.

पिछले हफ़्ते मार्केट में अचानक गरिमा मिल गयी मैंने उसे विेलेटड हैप्पी बर्थडे विश किया तो उसने , थैंक्यू बोला . और गरिमा क्या चल रहा है लाइफ़ में ,मैंने पूछा कुछ ख़ास नहीं आंटी लाइफ़ बड़ी मोनोटोनस हो गई है ,कोर्ट से घर ,घर से कोर्ट वही सिमटकर रह गयी हूँ  ,एक्चुअली आई नीड़ सम ग्रेट चेजं  जिससे उसका सीधा सा मतलब था कि अब वह शादी करके घर बसाने को आतुर है ,कोर्ट में दूसरों के केस लड़ते लड़ते थक चुकी हूँ ,अब मैं अपना ख़ुद का केस सुलझाना चाहती हूँ फीकी सी मुस्कराहट बिखेरते हुए गरिमा बोली .

एक दिन जव मैं विनीता से मिलने उसके घर गई और बातचीत के दौरान मैंने गरिमा के रिश्ते के लिए हेमंत

का नाम सुझाया तो विनीता चौंकती हुई सी मेरी तरफ देखने लगी. मेरी पूरी बात सुने विना ही उसने यह रिश्ता खोटे सिक्के सा ठुकरा दिया.

उसका मानना था कि रिश्ता तो बराबर के स्टैंडर्ड के लोगों के साथ ही जोड़ा जाता है.जानी पहचानी है ,

किटी मेंबर है तो इसका मतलब यह तो नहीं कि उससे रिश्ता जोड़ लूं,कहां उसका परिवार और कहां हम लोग.

दूसरे दिन सुबह- सुबह सुमन ने फ़ोन खटका दिया स्वर में कुछ परेशानी सी झलक रही थी ,सुन तू मेरे घर थोड़ी देर को आ सकती है कुछ ज़रूरी सलाह लेनी है तुमसे ,दरअसल सुमन अकेली रहती है बेटियां घर बसाकर  अपनी ससुराल जा चुकी है और बेटा हेमंत आज कल बैंगलोर में मार्केटिंग डायरेक्टर के पद पर किसी बड़ी कंपनी में कार्यरत है .कुछ ही महीनों में विदेश की पोस्टिंग पर जाने की तैयारी चल रही है इसी कारण सुमन चाहती है विदेश जाने से पहले अपना घर बसा लें तो अच्छा है शायद इसी बाबत कुछ सलाह मशविरा करने बुलाया होगा मैंने मन ही मन सोचा .

 

सुमन के घर पहुँचने पर उससे बातचीत करने पर पता चला कि उसके बेटे हेमंत के ऊपर किसी ने फ़्रोड केस बना दिया है जैसे जैसे उसके विदेश जाने की तारीख़ नज़दीक आती जा रही है ,उसकी घबराहट बढ़ती जा रही है जाने से पहले वह इस केस को निपटाना चाहता है हर हाल में ,सो यदि किसी अच्छे वक़ील को जानती है तो प्लीज़ मेरी मदद कर दो .

अरेःइसमें इतना सोचने वाली क्या बात है अपने विनीता की बेटी गरिमा टॉप क्लास की लॉयर है ,वह किस दिन काम आएगी उसका रिकॉर्ड है कि आजतक जो भी केस हाथ में लिया है जीत ही हासिल की है तुम कहो तो मैं हेमंत को गरिमा का नंबर बता देती हूँ दोनों आपस में केस से संबंधित बातचीत ख़ुद ही कर लेंगे .

हेमंत ने फ़ोन पर गरिमा को अपना संक्षिप्त परिचय देते हुए अपने केस की सारी डिटेल बता दी ,सारी डिटेल सुनने के बाद गरिमा हेमंत का केस हाथ में लेने को तैयार हो गई इतना ही नहीं गरिमा ने हेमंत को आश्वासन दिया डोंटबरी ,केस हम ही जीतेंगे . मुझे भी आपकी क़ाबिलीयत पर पूरा भरोसा है हेमंत ने कहा फिर कल कोर्ट में मिलते हैं.

कोर्ट शुरू होने से एक घंटा पहले ही दोनों कोर्ट परिसर में पहुँच चुके थे ,कुछ औपचारिक  बातचीत के बाद दोनों ने  केस शुरू होने से पहले 1 एक कप चाय  पीने की एक साथ इच्छा ज़ाहिर की ,कैंटीन में चाय पीते पीते जब भी गरिमा ने हेमंत की तरफ़ देखा उसे कनखियों से अपनी तरफ़ देखते ही पायाऔर उसके कपोल लज्जा से लालहो गए ,आख़िर दोनों हम उम्र तो थे ही.

कोर्ट शुरू  होने का टाइम हो गया था सो दोनों कोर्ट रूम में पहुँचे केस शुरू होने पर गरिमा ने अपनी धुआँधार दलीलों से प्रतिद्वंदी पक्ष के वक़ील को निरुत्तर कर दिया .फिर भी जज साहब ने कोई फ़ैसला सुनाने से पहले अगली हियरिंग अगले हफ़्ते होने की घोषणा की .

इस एक हफ़्ते के दौरान गरिमा व  हेमंत केस की बाबत बातचीत करने के बहाने किसी न किसी रेस्टोरेंट में शाम इकट्ठी गुज़ारने लगे .एक हफ़्ते की मुलाक़ात में दोनों की साझेदारी कुछ इस तरह बड़ी कि केस से हटकर वे दोनों एक दूसरे की रुचियों स्वभाव व  आदतों के बारे में भी बातचीत करने लगे ,देखा जाए तो दोनों की दिलचस्पी एक दूसरे में बढ़ रही थी.

अगले हियरिंग में केस पूरी तरह सुलझ गया और फ़ैसला हेमंत के पक्ष में आया ,फ़ैसला सुनकर गरिमा व हेमंत दोनों ही बहुत ख़ुश थे ,‘‘इतनी बड़ी जीत पर अच्छी सी ट्रीट तो बनती ही है क्या ख्याल है तुम्हारा गरिमा ,,हेमंत ने अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा .गरिमा को हेमंत का आपसे तुम कहना अच्छा लगा ,लेकिन ख़ुश तो वह भी थी तो बोली ,‘‘हाँ क्यों नहीं कोर्ट से थोड़ी ही दूर पर 1 बढ़िया सा रेस्टोरेंट है वहाँ चलकर चाय ओर स्नैकस का आनंद लेते हैं ‘‘जब तक स्नैक्स आते दोनों बातचीत में मशगूल हो गये.

‘‘तुम बुरा ना मानो तो एक बात पूछूँ ,,हेमंत ने कहा ‘‘हाँ पूछो तुमने अभी तक शादी क्यों नहीं

की,, बस अभी तक कोई मन भाता टकराया ही नहीं ,गरिमा ने हेमंत की आँखों में आंखें डालते हुए कहा .,,गरिमा को इस तरह अपनी और देखते हेमंत कुछ झेप सा गया ,चाय की चुस्की के साथ दोनों ने 1एकदूसरे से ढेर सारी व्यक्तिगत बातें की क्योंकि अब तक इन दोनों की दोस्ती गहरी हो चुकी थी और उन्हें साथ साथ समय गुज़ारना रास आने लगा था.

 चाय पीते पीते धुआँधार बारिश शुरू हो गई ऐसे में घर के लिए निकलना नामुमकिन था सो बारिश के साथ साथ बातचीत का रेला भी बहने लगा .दोनों ही हम उम्र थे , अतः बिना लाग लपेट के हेमंत ने पूछा ‘‘आख़िर तुम्हें कैसा लाइफ़ पार्टनर चाहिए शायद मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकू , बिलकुल तुम्हारे जैसा गरिमा ने हेमंत की आँखों में आंखें डाल देते हुए शरारती मुस्कान भरकर कहा .,,हेमंत भी ख़ुशी से उछल पड़ा ,रुको इतना ख़ुश होने की ज़रूरत नहीं है मैं पहले तो तुमको अपने माँ बाप से मिलवाऊँगी तभी बात आगे बढ़ेगी ,आख़िर ज़िंदगी भर का सवाल है ज़िंदगी के अहम केस की दो तीन हियरिग तो होनी ही चाहिए  ,इस बीच बारिश बंद हो चुकी थी जल्दी ही दोबारा मिलने का वायदा लेकर दोनों अपने अपने घर चले गए .

  रात को डिनर के लिये गरिमाअपने घरवालों के साथ बैठी तो उसने चहकते हुयेकहा -‘‘पापा आज मैंने दो केस एकसाथ जीते हैं,,,

   ‘‘एक तो जो मैंने आपको बताया था न हेमंत का, दूसरा मैंने अपना  जीवनसाथी चुन लिया है,उसने

   निर्णयात्मक स्वर में अपना फ़ैसला सुनाते हुए कहा,,

         उसके पापा ने उत्साह  भरे स्वर में आश्चर्य से पूछा ‘‘अचछा कौन है वह खुशनसीब,कब मिलवा रही हो ,इतनी देर से बाप बेटी की बातचीत सुनकर चुप बैठी विनिता बोली ऐसे कैसे तुम अपना जीवन साथी चुन सकती हो आख़िर ज़िंदगी भर का सवाल है बिना जन्मकुंडली मिलाये शादी कैसे हो सकती है.

    पापा हेमंत  ,‘‘जिसको मैंने अपना जीवन साथी चुना है वह मम्मी की किटी की सहेली सुमन आंटी का बेटा है ,मम्मी उनके परिवार से अच्छी तरह परिचित है ,,सुमन का नाम सुनकर मम्मी के मुँह पर हवाइयाँ उड़ने लगी , मम्मी  को नज़रअंदाज़ करते हुए उसके पापा ने कहा , तुम्हारी पसंद पर पूरा भरोसा है हम सबको उससे मिलवाओ और शादी की तारीख़ पक्की करते हैं.

 गरिमा के  पापा ने उसकी पसंद पर अपनी मुहर लगाते हुए कहा-‘‘आखिर हमारी बेटी इतने बड़े-बड़े केस हैडिंल करती है तो यह तो उसकी अपनी जिदंगी का मुक़दमा है, इसे ज़रूर  जीत हासिल होगी,तुम तो बस अपनी कुंडली मिलान का चक्कर छोड़ इसकी शादी की तैयारी करो और अपनी शुभकामनाएं और आशीर्वाद देने को तैयार रहो, रैस्ट इज हिस्ट्री.

स्व रचित व मौलिक

माधुरी गुप्ता

नई दिल्ली

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