चाहत -मुझे सोने का पिंजरा नहीं बल्कि मेरे सपने को पंख चाहिए •••• – अमिता कुचया

रोली को  देखने लड़के वाले आने वाले थे।घर में बहुत सारी तैयारियां चल रही थी ।घर में लड़के वाले के सामने कोई कमी नहीं होना चाहिए । रोली की मां ने कहा•••

इतना सुनते ही पापा बोलने लगे – “हां- हां ये रिश्ता तो हो ही जाएगा। हम लड़के वालों की खातिरदारी में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”

चार – पांच तरह का नमकीन समोसा, कचौड़ी के साथ तीखी मीठी चटनी और दो तीन तरह का मीठा भी आ चुका था। जिस घर में रोली का रिश्ता होने वाला था। वहां धन‌ की कोई कमी नहीं थी। रोली के पापा कोई बड़े बिजनेसमैन नहीं थे।पर उन्होंने रोली को इस काबिल बना दिया था वह अपने सपनों की उड़ान भर सके।

इस तरह रोली मध्यमवर्गीय परिवार से थी।आज जो रिश्ता बुआ जी लाई थी, उनकी पसंद से आया। इस कारण आज लड़के वाले पहुंचने वाले थे। दोनों पक्ष की ओर से जन्म कुंडली मिलान हो गया था।बस लड़के को लड़की देखना था।

थोड़ी देर बाद लड़के वाले आते हैं ,रोली व अभय को भी समय दिया जाता है, तुम लोग भी आपस में बात कर लो।

इतने में एक हैंडसम लड़के को रोली देखते ही रह जाती है।अभय को भी रोली एक नजर में पसंद आ जाती है। रोली की पसंद पूछी जाती है । फिर रोली के पापा बताते हुए कहते हैं हमारी रोली ने कत्थक डांस बहुत से इनाम जीते हैं।इसे डांस का बहुत शौक है।मेरी बेटी को डांस मानो जान में बसता है।ये सब बाते उसके पापा ने लड़के वालों को बताई।

उन लोगों ने कहा-” हमें योग्य लड़की मिल रही है। और इससे ज्यादा क्या ‌चाहिए। रिश्ता पक्का हो गया।” अब इधर लड़का अभय रोली को घर के  इंटीरियर डिजाइन दिखा रहा है।

और रोली से राय जान रहा था।बस तब रोली ने कहा -“मुझे संगमरमरी ताजमहल नहीं चाहिए।बस मेरी मुझे मेरा ऐसा आशिक चाहिए जो मरने के बाद नहीं बल्कि जीते जी मेरी हर खुशियां पूरी करे। “

इतना सब सुनने के बाद भी वो अपनी बात को महत्व दें रहा था।तब वह कुछ न बोली।

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फिर एक दिन रोली का नेशनल लेबल पर डांस सिलेक्शन  हो गया।उसके डांस सिलेक्शन पर सबकी बधाईयां आ रही थी। केवल अभय की बधाई नहीं आई। जिसका उसे इंतजार था।

फिर उसके मन में विचार आया मेरे पैशन का अभय के लिए कोई मायने नहीं हैं क्या!

उस  बारे में कुछ सुनना ही नहीं चाहता है, न ही कोई बात करता है!उसे बहुत आश्चर्य हुआ।

धीरे धीरे कंपीटिशन का समय आ गया।अभय ने बताया कि सगाई पांच तारीख को है।वह दिन शुभ है।तब रोली ने कहा-” मेरा डांस कंपीटिशन भी उसी  डेट को  है। सगाई की डेट बढ़ा लीजिए।”तब अभय ने कहा-” ऐसा अरेंजमेंट कैंसिल नहीं हो सकता है।

फिर रोली के लिए असमंजस की स्थिति थी। उसने अभय से कहा-” देखो मेरे लिए वर्षों की मेहनत का नतीजा है कि जो  मैं आज इस मुकाम तक पहुंच सकी। मैं इस मौके को गंवाना नहीं चाहती, इसलिए तुम सगाई की डेट बढ़ा लो।”

यहां अभय का इगो सामने आ रहा था । उसने कहा – “रोली तुम्हारे लिए मुझसे ज्यादा महत्वपूर्ण डांस कंपीटिशन है क्या?”

तब रोली ने कहा-” हां अभय मैंने यहां तक पहुंचने के लिए कितने पापड़ बेले है, मैं ही जानती हूं।

आज रोली के पापा बहुत खुश थे।उनका सपना था कि हमारी बेटी नेशनल लेबल के साथ इंटरनेशनल लेवल तक पहुंचे।

पापा और घर वालों का मानना था कि जब मौका मिला है तो पहले सपने पूरे करो।तो सगाई की डेट तो आगे बढ़ाई जा सकती है।पर अभय और उसके घर वाले नहीं माने।

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अब अभय ने कहा-” देखो रोली तुम्हें मेरा हमसफ़र बनना है ,तो तुम्हें मेरे अनुसार चलना पड़ेगा। मैंने शादी को लेकर  कितने सपने सजाए हैं। कितना प्यारा हाल बुक कर लिया ,थीम भी सोच ली है।सब तय हो चुका है।जो तुमने सपने में नहीं सोची होगी।

तब रोली ने कहा-” मेरे सपने का क्या ?तुम अभी पानी फेर रहो हो । फिर शादी के बाद मैं तो तुम्हारे इशारों की कठपुतली बन रह जाऊंगी।अब मुझे ऐसा जीवन साथी नहीं चाहिए।कि मेरे लिए ताजमहल बनवाए। और मेरी भावनाओं को ही न समझे। मैं तो उस तोते की तरह नहीं रहना चाहती हूं।उसे सोने के पिंजरे में रहकर पंख फड़फड़ाती रहूं।और  अपने लिए कुछ तुम्हारे आगे सोच ही न पाऊं।मैं समझ चुकी हूं। तुम्हें मेरी कला की कद्र नहीं है। तुम्हारे लिए तुम्हारा ताजमहल जैसा घर और पैसा ही मायने रखता है। “

इस तरह उसने अपनी बात कही।आज उसे संतुष्टि हो रही थी।कि उसने अपने  लिए ऐसी जिंदगी चुनीं, जिसमें स्वयं की मर्जी हो, खुद का वजूद हो।

इस बात पर उसे बुआ जी ताने भी दे रहे थी। इतना अच्छा रिश्ता हाथ से छूट गया।

तब रोली ने बुआ जी कहा- ” ऐसे ताजमहल का क्या ! जीते जी जब सुख  न मिले। जीने की चाह ही छीन ली  जाए। क्या आप मेरी चाहत नहीं जानती ?

मरते दम तक  मैं डांस को नहीं छोड़ नहीं सकती।

जब आज के जीने की आजादी न हो तो मुझे ताजमहल जैसे घर में रहने का सुख  नहीं चाहिए।

इस तरह रोली ने अपनी दिशा खोज ली और अपने पंख की उड़ान उड़ने भरने लगी।

इस तरह अभय को सबक मिला कि अच्छी योग्य लड़की को अपने इशारों नहीं नचा सकतें हैं।

दोस्तों -जिंदगी के लिए पैसा और महल जैसा घर ही सब कुछ नहीं होता, बल्कि खुद का वजूद, नाम पहचान भी मायने रखती है। इसलिए इंसान को दूसरे की फीलिंग को समझना चाहिए। ताकि हमसफ़र भी आगे बढ़े।न कि रुकावट बनके खड़े हो जाओ।जो रोली के साथ हुआ। उसे क्या करना चाहिए था?

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दोस्तों -जीवन में  जब हमें अपने सपने और जीवन साथी में से एक को चुनना पड़े तो क्या करना चाहिए। रोली ने जो निर्णय लिया क्या वह सही था? कृपया  कमेंट करके विचार और सुझाव जरुर व्यक्त करें। क्योंकि ये रचना मौलिक और वास्तविक है।ये काल्पनिक नहीं है।इस पर अपनी राय दें। इसका इंतजार रहेगा।

रचना पसंद आए तो लाइक शेयर एवं फालो करें और कमेंट भी करें।

#चाहत

धन्यवाद 🙏❤️

आपकी अपनी दोस्त ✍️

अमिता कुचया

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