” चाहत का उपहास” – कविता भड़ाना : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “सोनम के लिए जब उसकी छोटी भाभी ने अपने भाई के साथ रिश्ते की बात ससुराल में कही, तो मानों भूचाल ही आ गया…

 सोनम की मां, और छोटी बहु की सास दहाड़ कर बोली “तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मेरी नाजों से पली बेटी के लिए अपने गंवारू भाई के साथ रिश्ते की बात भी चलाने की, कहां तुम गावों के रहने वाले, और कहां शहर में सभी सुख सुविधाओं में पली बढ़ी मेरी बेटी…

पर मांजी सोनम दीदी भी मेरे भाई रोहन से प्यार करती है और ये बात खुद रोहन ने मुझे बताई, इसीलिए मैंने आप सब से रिश्ते की बात चलाई है, और सोनम दीदी भी तो रोहन को पसंद करती है, अभी दो महीने पहले जब मेरे साथ एक हफ्ते गांव में मेरे साथ रह कर आई, तब वहा भी अधिकतर समय दोनो ने साथ बिताया और यहां वापस आकर भी तो दोनो सारा दिन फोन पर लगे रहते है, रोहन को सोनम बहुत पसंद है और बिजनेस के लिए बाहर जाने से पहले वह सोनम से शादी करके अपने साथ ले जाना चाहता है और आप जानते है वो कहा जा रहा है, वो आ*…. /

“ओहो भाभी सच्ची आप गांव में रहने वाले लोगो की बस यही दिक्कत है, हंस कर बात क्या कर ली मैने, रोहन को लगा मुझे उससे प्यार हो गया” और छोटी भाभी की बात बीच में ही काटकर सोनम हंसने लगी… छोटी बहु को ये अपमान सहन नही हो रहा था, माना वो देहात से है, परंतु उनके पिता बहुत बड़े जमींदार है,सभी सुख सुविधाएं गांव में भी उपलब्ध है और नौकरों की पूरी फ़ौज है हवेली में देखरेख के लिए….

वही दिल्ली शहर में एक पुरानी बड़ी सी कोठी में , संयुक्त परिवार में रहने वाले छोटी बहु के ससुराल वाले अपने आपको आधुनिक, और उन्हें गवारू ही मानते आए है..

खैर बात आई गई हो गई और कुछ समय बाद सोनम की शादी दिल्ली में ही रहने वाले मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले आदित्य से हो गई और दिल्ली की एक सुंदर सी सोसाइटी के तीन कमरों के फ्लैट में अपनी गृहस्थी की शुरुआत कर ली।….

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मां भी अपनी बेटी की बलाएं लेती रहती और छोटी बहु को सुनाने के लिए कहती  “मेरी राजकुमारी सी बेटी कैसे रहती वहा देहात में”पर छोटी बहु बस मुस्कुरा कर रह जाती……

आज छोटी बहु के यहां से गृह प्रवेश का निमंत्रण आया था, दिल्ली में ही रोहन ने एक घर खरीदा है,सो सभी को बुलाया था… छोटी बहु ने सोनम और उसके पति को भी आने का निमंत्रण दिया…. 

मन ही मन सोनम बड़ी खुश हुई की आज वो ऐसे तैयार होकर जायेगी की रोहन उसे देखता रह जाए, आदित्य को भी उसने चलने के लिए मना लिया था, यहां “चाहत” तो कहीं भी नही थी, सिर्फ अपने रूप और स्टैंडर्ड से नीचा दिखाने की ही लालसा अधिक थी….

अब सब अपनी अपनी गाड़ियों से बताए हुए पते पर पहुंचे तो देखा एक शानदार बंगला, बिजली की रंग -बिरंगी रोशनी से नहाया हुआ अपनी वैभवता की कहानी खुद ही बयां कर रहा था…अंदर महंगी महंगी गाडियां खड़ी हुई थी.. .

छोटी बहु के पिताजी और माताजी ने सबका बड़ा आदर सत्कार किया और बेहद आधुनिक और सजे हुए ड्राइंग रूम में ले आए……तभी ब्रांडेड सूट बूट में सजा हुआ रोहन वहा आया और सबको प्रणाम किया….सोनम तो बस आंखे फाड़े उसे देखे ही जा रही थी की ये सीधा साधा देहाती लड़का इतना कैसे बदल गया…. 

सोनम की मां का भी वही हाल था, छोटी बहु के पिताजी की रहीसी तो पता थी, परंतु दिल्ली के सबसे पाश एरिया में ये आलीशान बंगला और रोहन का ये रूप देख वो भी असमंज में थी, हमेशा गवार और गांव वाले बोल बोल कर अपमान करने वाली छोटी बहु की सास आज खुद इनकी अमीरी और आधुनिकता के सामने बहुत तुछ हो गई थी…

छोटी बहु जो शायद सबके मन की उलझन समझ चुकी थी तो, उसने बताना शुरू किया की “रोहन को अपने नए बिजनेस  के लिए तीन साल के लिए अमेरिका जाना था

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“इतना सुनते ही सोनम को झटका लगा और सोचने लगी तो क्या रोहन उसे शादी के बाद अपने साथ अमेरिका ले जाना चाहता था…भाभी की बात पूरी नहीं सुनने के लिए उसे अपने और अपनी किस्मत पर गुस्सा आने लगा”…

 तब इसने कहा कि वह सोनम को पसंद करता है और अगर सब की मर्जी हो तो वह शादी करके सोनम के साथ ही तीन साल के लिए अमेरिका चला जायेगा…. पर सोनम की ना के बाद उसने अमेरिका में ही साथ काम करने वाली हिंदुस्तानी लड़की से शादी कर ली है और अब दोनो यही दिल्ली में रहकर अपना बिजनेस शुरू कर रहे है और इसीलिए ये घर खरीदा है….

 तभी एक बेहद खूबसूरत लड़की वहा आई तो पता चला यही है रोहन की पत्नी “रिया”…..

 रिया अपने माता पिता की एकलौती संतान है और बचपन से वह अमेरिका में ही अपने माता पिता के साथ रह रही थी… साथ साथ काम करते हुए रोहन की सादगी और ईमानदारी ने उसे बहुत प्रभावित किया और फिर कुछ समय साथ बिताने के बाद दोनो ने शादी का फैसला कर लिया.

  अब रिया, रोहन के साथ यही दिल्ली में रहेगी ताकि रोहन के मां पिताजी को अकेलापन न लगे और वो लोग उनकी सेवा भी कर सके….

सोनम को अचानक से बड़ा खालीपन लगने लगा, बिना सोचे समझे मजाक उड़ाना और भावनाओं की कदर ना करने का उसे ये खामियाजा भरना पड़ेगा, ये तो उसने सोचा भी ना था…. रोहन की मासूम और पवित्र चाहत का अपमान उसे नही करना चाहिए था, उसे अब समझ आ रहा था…. इधर आदित्य इन सब बातो से बेखबर रिया और रोहन के साथ खूब हंसी मजाक कर रहा था…

सोनम की मां को भी समझ आ गया की जिसे पीतल समझ रही थी वो तो खरा सोना निकला और जो उसकी बेटी का हो सकता था।…..

स्वरचित, काल्पनिक कहानी

#चाहत

कविता भड़ाना

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