कुमुद आज बहुत गिलटी फील कर रही थी ; एक ऐसी बात की, जिसकी जिम्मेदार वह बिल्कुल नही थी । आज सरिता की सगाई थी, होटल श्री माया से लेकिन उसने उसे इनवाइट नही किया था ! उसकी सबसे प्यारी सखी उसे याद आ रही थी वो शाम जब वह सरिता से कैमेस्ट्री के नोट्स लेकर आई थी। बहुत इम्पोर्टेन्ट नोट्स थे ,कुमुद पिछले आठ दिनों कॉलेज नही जा पाई थी तबियत खराब होने की वजह से ,इसीलिए सरिता से दो तीन दिन के लिए नोट्स ले आई थी । कॉपी करने के लिए । सरिता ओर कुमुद दोनो ही पढ़ने में बहुत होशियार थी ।और दोनो में बहुत बनती भी थी । लेकिन शीला को इन दोनों के साथ से बहुत ईर्ष्या होती थी , पढ़ने में भी औसत ही थी।उसका ध्यान घूमने फिरने और मौज मस्ती में ज्यादा रहता था ।क्लास भी बहुत मिस करती थी। उसे जब बातों बातों में मालूम हुआ कि कुमुद सरिता के महत्वपूर्ण नोट्स लेकर आई है तो उसने मन ही मन एक षड्यंत्रकारी योजना बना ली। वह कुमुद के पास गई और बोली मेरी मम्मी की तबीयत खराब होने से मैं क्लास में कैमेस्ट्री के नोट्स नही नोट कर पाई ।
मिस हो गई क्लास !अगर तुम दे दो तो मैं कल वापस कर दूँगी कॉपी करके ।कुमुद सोच मैं पड़ गई कि सरिता ने मुझे विश्वास करके नोट्स दिए हैं । बीस दिन बाद एग्जाम शुरू होने वाले थे और उसे दो दिन में नोट्स लौटाना भी है।उसने शीला को कहा मैं सरिता को नोट्स वापस कर दूँगी तब तुम ले लेना । पर वो तो पूरा प्लान बना कर आई थी । कुमुद से बोली मुझे परसों देवास जाना है इसलिये कल शाम को मैं तुम्हें नोट्स पक्का वापस कर दूँगी ,हारकर कुमुद ने सरिता की नोट्स डायरी शीला को इस वादे के साथ दी कि कल शाम से पहले वह लौटा देगी ।कुमुद दूसरे दिन शाम तक इंतजार करती रही लेकिन कुमुद नही आई ।
तब वह तीसरे दिन सुबह उसके घर गई तो उसका माली लॉन में ही मिल गया ,उसने पूछा कि शीला कहा है ।तो वह बोला बेबी तो कल सुबह ही देवास अपने चाचा के यहां चली गई अब परीक्षा देने ही इंदौर आएगी । सुनकर कुमुद का सिर चकराने लगा । कि सरिता को अब वह क्या जवाब देगी ,क्योकि उसने तो उसपर विश्वास करके ही महत्त्वपूर्ण कॉपी दी थी । और उसने भी सरलता से ही शीला को नोट्स दिए थे । विश्वास पर ही लेकिन उसके मन मे उनकी फ्रेंडशिप को तोड़ने का ऐसा ” छल ” था वह सोच भी नही सकी थी ।उधर सरिता को जब ये बात मालूम हुई उसने कुमुद को ही दोषी ठहराया । ओर कुमुद से सारे रिश्ते तोड़ लिए ।उसे लगा कुमुद उससे नोट्स वापस न देने के बहाने दोष शीला को दे रही है । और हुआ भी वही जब कॉलेज में सरिता से मिली तो कह दिया मेने कोई नोट्स कॉपी कुमुद से नही ली । दोनो सहेलियां दूर हो गई शीला के छल कुचक्र में ,ओर आज नए जीवन के आरम्भ की खुशी में भी कुमुद को सरिता ने याद नही किया ।
स्वरचित
किरण केशरे