Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

“ससुराल में हक” – मीरा गुप्ता  सीमा की शादी को पांच साल हो गए और शादी के बाद उसका मायके जाना बहुत ही कम हो पाता हैं ।क्योंकि वह अकेली ही बहू हैं ससुर जी का देहांत हो गया हैं। जब भी मायके जाती है अपने मां बाप से मिलकर वापस आ जाती है भाभी … Read more

Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

सफेद झूठ – सिम्मी नाथ रूपम हंसमुख और मिलनसार शिक्षिका है , किंतु उसे अपनी झूठी तारीफ की बहुत बुरी लत है । उसकी इस आदत से उसके साथ की सभी शिक्षिकाएं परेशान रहती थीं ,आइए उसकी इस लत से जुड़ी कथा सुनती हूँ। बस में चढ़ते ही मधु मिस ने कहा वाह! आज तो … Read more

Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

सौतेले पिता के सफ़ेद झूठ की मिठास – ऋतु यादव मृगतृष्णा-संचय एवं मिष्ठी और चकोर उनके दो बच्चों का हंसता खेलता परिवार था।आज मिष्ठी के बैंक पी.ओ में चयन की पार्टी में ऋषि ने आकर उसके पिता होने का अधिकार जताया तो परिवार में खलबली मच गई। खासतौर से मिष्ठी के जीवन में, जिसे पता … Read more

“ज़िम्मेदारी” – ऋतु दादू : Moral Stories in Hindi

सौम्या और सौरभ के विवाह को पांच वर्ष हो गए थे, ससुराल में सास, ससुर, पति एवं एक विवाहित ननद है । सौम्या अपने घर की जिम्मेदारी बहुत अच्छे से निभा रही थी, सास ससुर को पूरा मान सम्मान देती, धीरे धीरे घर की जिम्मेदारी भी उसने अपने ऊपर ले ली थी। दो दिन पहले … Read more

स्वाभिमान – सुनीता मुखर्जी “श्रुति”: Moral Stories in Hindi

प्रिया ने नौवीं कक्षा में लेट एडमिशन लिया। पाठ्यक्रम काफी निकल चुका था। क्लास टीचर ने आकाश से प्रिया का कोर्स कंप्लीट करवाने लिए के लिए कहा। आकाश अपने सेक्शन का मॉनिटर था। उसने अपनी नोट्स बुक्स देकर पिछड़ा हुआ काम पूरा करवाने में उसकी पूरी मदद की। प्रिया को अपने पढ़ाई में कोई भी … Read more

यह मुझे मंजूर नहीं – डॉ कंचन शुक्ला  : Moral Stories in Hindi

‘बहू कान खोलकर सुन लो ! तुम्हारी सहेली की बेटी से मैं अपने पोते की शादी नहीं कराऊंगी ये मेरा आखिरी फैसला है इस घर में आज तक वही हुआ है जो मैंने चाहा है और आगे भी यही होता रहेगा मेरे सामने ये बात रखने की हिम्मत तुमने कैसे की कहां हमारा शाही खानदान … Read more

रिश्तो में तुलनात्मक व्यवहार क्यों? – प्राची अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

सुगंधा अपने परिवार में बड़ी बहू थी शुरू से ही। मायके में साधारण घर से थी। लेकिन यहां भरा पूरा परिवार था। कोई भी किसी तरीके का ताना उलाहना नहीं था लेकिन सुगंधा अपने को कमतर आंकती क्योंकि मायके से कमजोर जो थी। यह उसकी अपनी ही सोच थी। इसी उधेड़बुन में उसने चीजें खुद … Read more

आंसू बन गए मोती – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

रात के सन्नाटे में घड़ी की टिक-टिक की आवाज़ कमरे की खामोशी को और गहरा कर रही थी। बिस्तर पर लेटी वृद्धा सावित्री देवी की आंखों में नमी थी। उनकी कांपती उंगलियां एक पुरानी तस्वीर को सहला रही थीं, जिसमें उनका पूरा परिवार हंसते हुए दिख रहा था। लेकिन वह हंसी अब कहीं खो गई … Read more

कन्यादान का पुण्य – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मुश्किल से दो निवाले हलक के नीचे उतारे थे कि चारु का मोबाइल फिर से बजने लगा और साथ ही मां का राग भी लो अभी आई नहीं दो घड़ी बैठी नहीं कि फिर बुलावा आ गया … अरे कोई जरूरत नहीं है फोन उठाने की बजने दे निगोड़े को।दो घड़ी बैठ कर दुनियादारी की … Read more

आंखों में खटकना – राजेश इसरानी : Moral Stories in Hindi

वो अभी 25 वर्ष का था। उसके पिताजी ने बहुत मुश्किल और कठिनाइयों से उसकी पढ़ाई  करवाई थी। अपनी क्षमता से ज्यादा खर्चा कर उसको पढ़ाया था।  उसकी अच्छी जगह नौकरी लग गई थी। और पैकेज भी अच्छा था। जैसे कि आप जानते है ऐसे लड़कों को लड़की वाले ढूंढते ही रहते है।  उसी की … Read more

error: Content is protected !!