खुशियां कभी पैसो से नहीं खरीदी जा सकती !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

शीनम , तुमने मुझे बताया क्यूं नहीं कि पापा ने फोन किया था तुमको कल , वहां मम्मी की तबीयत इतनी खराब हैं और तुमने मुझे बताना भी जरूरी नहीं समझा गुस्से में बोला रोहित !! रोहित , पहली बात तो यह कि वह तुम्हारी मम्मी हैं और आए दिन उनकी तबीयत खराब होती रहती … Read more

जब जागो तभी सवेरा – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

मेघा की मम्मी रेणु जी को मेघा के साथ रहते हुए मुश्किल से एक सप्ताह ही हुए थे लेकिन उन्होंने उसकी दिखावे वाली सोच को बहुत अच्छी तरह से भाप लिया था । ऊबने तो वो दो दिन से ही लगी थीं पर जिन परिस्थितियों में वो मेघा के पास आई थीं उन्हें टोकना सही … Read more

औलाद के मोह के कारण वो सब सह गई – अर्चना झा : Moral Stories in Hindi

मेरा चेहरा उतरा हुआ देखकर अरुणा ने तपाक से पूछा, अब क्या हुआ,अब तो सारी व्यवस्था अच्छे से हो गई, मंच सज गया, कुर्सियां लग गई, नाश्ते,खाने की व्यवस्था भी हो गई आगंतुकों के लिए,ऐसे मुंह क्यों लटकाया हुआ है, मैंने कहा यार ये एंकर बड़ी खड़ूस लगी मुझे, अजीब तरीके से बात करती है, … Read more

स्वार्थी संसार – अर्चना झा : Moral Stories in Hindi

नाजों से पहली सुमन को कहां पता था कि उसके जीवन में एक मोड़ ऐसा भी आएगा कि  सुमन वो सिर्फ नाम की यह जाएगी, न कोई सुंगध न ताजगी बस किसी मुरझाए फूल की तरह जिंदगी गुजारनी होगी , घर के कामों से थक कर ज़रा सा बैठी ही थी सुमन की सासूमां की … Read more

झूठ बोलकर रिश्ता करना ठीक नहीं – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

उसकी शिकायत यह नहीं थी कि उसके लिए ऐसा वर ढूंढ़ा जिसके पैर में नुक्स था , उसकी शिकायत तो यह थी कि उससे यह बात छिपाई गई , दोनों पक्ष द्वारा। कोई भी रिश्ता छल के साथ कैसे निभ सकता है?  यह सोचकर वह हैरान थी, और यही कारण था कि उसने साफ शब्दों … Read more

स्वार्थी संसार – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“सुनो!ये रहे दो सौ रुपए !आज लौटते हुए अपनी दमा की दवाई जरूर लेते आना,रोज रात में खांसते खांसते बेहाल हो जाते हो!,मुझसे तो देखा नहीं जाता तुम्हारा हाल?शीला ने अपने पति जीवन से कहा! तभी स्कूलके लिए बाहर निकलते हुए उनके बेटे मनु ने मुंह बनाते हुए कहा “पापा! जल्दी से ये दो सौ … Read more

गोपी बुआ – मनु वाशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

अरे जल्दी करो, देर हो जायेगी। उनको साड़ी भी तो ओढ़ाना है। गोपी बुआ, सब इसी नाम से बुलाते थे। पूरे मोहल्ले की बुआ थीं, तीन पीढ़ियों की खुशियों और दुखों की गवाह। किसी के यहां बच्चा हुआ हो, शादी हो, कोई त्यौहार या कुछ और काम हो, सब बुआ को याद करते और बुआ … Read more

नारियल वाली टॉफी – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

महीने की पांच तारीख आते ही घर में गहमागहमी मच जाती।वैसे तो अब तीन लोग ही रह गएं हैं घर में।पति जब तक थे,किराने का सामान लाना पूरी तत्परता से निभाते थे।कोई भी चीज छूटती ना थी।अपने पापा के लिए बोरोलीन,मां की वैसलीन अत्यंत आवश्यक चीजें थीं।उसके बाद बच्चों की हर फरमाइश पूरी करते थे।सारा … Read more

जब खुद पर बीतती है – गीतू महाजन : Moral Stories in Hindi

नई नवेली बहू शुचिता की आज पहली रसोई थी। उसने सबके मनपसंद छोले पूरी और खीर बनाई थी। सबको उसका स्वाद बहुत पसंद आया और उसकी  सास कमलेश जी अपनी बहू को शगुन पकड़ाते हुए बोली,”तुम्हारे हाथ में बहुत स्वाद है बहू, मुझे विश्वास है इस रसोई को तुम अच्छी तरह से संभाल पाओगी”। तभी … Read more

इतना स्वार्थी भी न बनो – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

 आज सुबह-सुबह ही घर में बड़ा हंगामा हो गया। जितना आदेश और पूर्वी परिवार के लिए करते, उतना ही उन्हें सुनाया जाता। न जाने क्यों पूरा परिवार इतना स्वार्थी हो चुका था कि आदेश और पूर्वी के तन-मन-धन से पूर्णतया सहयोग करने के बाद भी परिवार की अपेक्षाएँ तुष्ट ही नहीं होती थीं। आदेश को … Read more

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