औलाद के मोह के कारण वो सब कुछ सह गई – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

उफ्फ सुबह सुबह भाई ने ये बुरी खबर दी… दुर्गा चाची एक महीने से सदर अस्पताल में भर्ती थी… आज सुबह चार बजे उनका देहांत हो गया… मैं दुःखी हो गई… चाय का कप किचेन में रखकर बालकनी में आकर बैठ गई… तभी मां का फोन आया… बिट्टी मन दुःखी मत करो… दुर्गा बहन जी … Read more

हरा साग – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

आज पिताजी थोड़ी  देर से आए थे.. मां ने आते ही उनसे कहा.. सुनोजी .. हाथ की पानी की रोटी बनाये  रही हूं .. जल्दी से हाथ मुंह धो कर पटले पर बैठ जाओ… लगा देती  हूं… शायद मां ने भी पिता के चेहरे पर आई हुई शिकन और थकान नहीं देखी थी… पिताजी कुछ … Read more

प्रवासी पंछी – प्रतिभा परांजपे : Moral Stories in Hindi

सुरेशजी बैंक का काम निपटाकर घर आये। पत्नी माया ने कहा” सुनो आपके नाम एक लिफाफा आया है।” “देखूं किसका है।” एयरमेल है। भेजने वाले के नाम पर मनीष का नाम देख वह चौंक गए!  पत्र लिखने की क्या सुझी ?एक दो दिन आड़े तो फोन पर बातचीत हो जाती है। और छुट्टी के दिन … Read more

हूक – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

जहां से स्कूली शिक्षा समाप्त होती है बच्चे अपने कैरियर का चुनाव करते है वहां तक पहुंचने की ज़द्दो-ज़हद आज कई वर्षो से चल रही थी । हर बार कुछ न कुछ कमी रह ही जाती कभी रिटेन खराब हो जाता तो कभी डेमो और कभी इंटरव्यू पर रीमा ने हार नही मानी। उसे अच्छे … Read more

औलाद का मोह! – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

सुष्मिता प्राइवेट कंपनी में मैनेजर थी और 1 साल पहले ही उसकी शादी हुई थी। शादी के 1 साल बाद ही —–सुष्मिता के एक प्यारा सा बेटा आशु होता है घर में खुशियां ही खुशियां आ जाती हैं सभी लोग बहुत खुश होते हैं!—– सुष्मिता और समर प्यारे से बेटे को पाकर बहुत खुश होते … Read more

औलाद के मोह के कारण वह सब सह गई! – विजय लक्ष्मी अवस्थी : Moral Stories in Hindi

रजनी बैठी सोच रही थी, की क्या से क्या हो गया! जब शादी हुई तो खुशी से दिल उछलने लगा, और जब ससुराल में कदम रखा! मैं सबको खुश रखूंगी, और तन मन धन से पति के साथ मिलकर सारी जिम्मेदारी पूरी करूंगी! समय बिता दो बच्चों को जन्म देकर उनका पालन पोषण करने लगी … Read more

नमक मिर्च लगाना – रितिका सोनाली : Moral Stories in Hindi

“तू अपनी है? कह कर माँ ने जोर से आरती को झटका, अपने मायके के बसे बसाये घर को उजाड़ना चाहती है और अपनेआप को अपना कहती है? छी: शर्म आती है तुझे अपना कहते हुए, तूने ऐसी नमक मिर्च लगाकर कहानी बनायीं की अब तो मुझे शक है की तू मेरी बेटी है. “तू … Read more

बड़ा घर – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

     लगभग 21 दिनों पश्चात गीता ने पुनः घर में प्रवेश किया। गीता उनकी घरेलू गृह सहायिका है। वह चेहरे से अवश्य कमजोर दिख रही थी,किंतु काम करने का उसका उत्साह पहले जैसा ही बरकरार था। दरअसल, पिछले माह वह भी ‘कोरोना’ की चपेट में आ गई थी। पहले दिन उसे हल्का बुखार तथा दूसरे दिन … Read more

आम की कहानी उसी की ज़ुबानी!! – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

सालों पुराने आम के पेड़ का नया पड़ोसी आया, एक नया खिला लाल गुलाब सुकुमार पर उदास।आकर थोड़ी देर इधर उधर नजर घुमा कर बोला आम बाबा! मेरे सारे दोस्त नर्सरी में छूट गए, बिल्कुल मन नहीं लग रहा, कोई कहानी सुनाओ न! आम बाबा मुस्कुरा कर बोले, “बेटा!ये संसार स्वार्थी है। जहां रहो अपना … Read more

सुनो तो… – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

रीति… रितिका कहां हो तुम… सुनो तो…आवाज सुनते ही रितिका थाली लगाती रुक सी गई। आ गई  बिल्लो काकी घंटे भर की फुर्सत हुई सोचते उसने भी आवाज लगाई क्या हुआ काकी आ जाओ ।आ जाओ आपकी भी थाली लगा दूं क्या अरे थाली वाली छोड़ो। कल सुनीता के शादी समारोह से जल्दी  चली आईं … Read more

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