स्वार्थ – खुशी : Moral Stories in Hindi

मदन ,गीता और राधा तीनों भाई बहन थे।पिताजी अनोखे लाल का काम कुछ ऐसा जमा नहीं था आज छोड़ कल पकड़ घर का खर्चा बड़ी मुश्किल से चलता।मां आशा देवी आस पड़ोस के कपड़े सिल कर कुछ कमआती ।बच्चे स्कूल में पढ़ते थे।मदन पढ़ाई में अच्छा था और उसका सपना था कि वो कुछ पढ़ … Read more

काश मेरी भी एक बेटी होती – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

अपनी व्यस्ततम ज़िंदगी से कुछ वक़्त निकालकर यशोदा बगीचे में शाम को टहलने अवश्य ही जाती थी। बगीचे में नियमित रूप से आने वाले अधिकतर लोग यशोदा को जानने लगे थे। आस पास में रहने वाले बच्चे भी शाम को वहां आते थे। नंदिनी भी अक्सर शाम को वहां आया करती थी। सबसे अलग, शांत और गुमसुम रहने वाली इस … Read more

अपनी औलाद के मोह के कारण वो सब सह गई – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

कुलक्षणी जाने किसका पाप रखी है तू अपने पेट में…  अभी मैं तेरी और इस पाप के औलाद की सारी कहानी खत्म कर दूंगा..  इतना कहकर बलराम ने रमा पर जैसे हीं अपना हाथ उठाया रमा ने उसका हाथ पकड़ लिया। और बोली-बस अब और नहीं बहुत सह लिया मैंने,मैं अपने लिए सब-कुछ सुन सकती … Read more

नमक मिर्च लगाना – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

सुषमा जी की बेटी कृति आने को है, गर्मियों की छुट्टियों में, अपने दोनों बच्चों संग।बेटी का ससुराल दूर होने के कारण पूरे साल सुषमा जी इस समय का इंतेज़ार करती हैं। अपने उम्र के हिसाब से सुषमा जी काम या व्यवहार में बहू के साथ भी कोई कमी नहीं रखती, वैसे भी बेटा और … Read more

ये धन संपति अच्छों अच्छों का दिमाग खराब कर देती है – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

मरणासन्न पर लेटे हुए दशरथ जी ने बड़े बेटे प्रभाकर का हाथ थामते हुए कहा -बेटा तुम इस घर के बड़े बेटे हो। मेरे बाद इस घर परिवार और भाईयों की जिम्मेदारी तुम्हारे ऊपर हीं है। बेटा कोशिश करना कि, तुम्हारे भाईयों को अच्छे संस्कार और अच्छी शिक्षा मिले। मैं अब ज्यादा समय का मेहमान … Read more

स्वार्थी रिश्ते। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

मिस्टर दास और जया अपने घर के लौन में आराम से चाय पी रहे थे कि तभी दीप्ति ने राजेश के साथ घर में प्रवेश किया। दीप्ति की भरी हुई मांग को देखकर दोनों हैरान हो गए। इससे पहले कि वह कुछ भी कहते राजेश ने मिस्टर दास और जया के पैर छुए। दीप्ति ने … Read more

नमक मिर्च लगाना – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

“ताईजी आयी नहीं अब तक?” माधवी ने  राघवी को पुछा। ” उनके बिना बातों का सिलसिला आगे ही नहीं बढता।” ” कितनी चटपटी, मसालेदार खबरें होती हैं उनके पास।” ” लो, नाम लिया और….ताईजी आ गयी।” रूपाली ने कहा तो सबके हँसी ठहाकों ने उनका स्वागत किया। ताईजी को सब ‘ऑल इंडिया रेडिओ’ कहते थे। … Read more

स्वार्थी संसार – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

कल तक अम्मा बाबा बुलाने वाले लोग अब उन्हें बूढ़ा, बुढ़िया कहकर बुलाते थे। जो लोग एकदूसरे से पहले खाना लेकर पहुंच जाते थे आज उन्हें पीनी पिलाने की गुहार भी लगाते तो कोई न कोई बहाना मारकर निकल जाते देखते ही देखते दोनों की जिंदगी जानवरों से बदतर हो गई। इसके पीछे बजह था … Read more

औलाद के मोह के कारण वो सब सह गई। – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

  मदन एक छोटा-मोटा किसान था। उस शहर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर उसका गांव था। उसके पास थोड़ी सी जमीन थी, उसमें खेती बाड़ी का काम करता था। इसके साथ ही उसको चार-पाँच  गायें भी थी।जिसका दूध वह बेचता था। उससे भी कुछ आय हो जाती थी।    उसके दो पुत्र रविंद्र और संतोष … Read more

घर आना! – पुष्पा श्रीवास्तव ‘शैली’ : Moral Stories in Hindi

आँखों के आंसू बहकर गालों पर सूख चुके थे, बस की खिड़की से हौले हौले आती हवा के झोकों ने झपकी लेने पर मजबूर कर दिया. अचानक से मोनी को अर्जुन दा की तबियत ख़राब होने की सूचना मिली! मोनी से रहा न गया! मन में अंजाना डर बिठाये पति रोहित और बेटे आदि को … Read more

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