पत्नी तो कब बन गयी थी परंतु बहू और भाभी तो आज बनी है। – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

‘भाभी दवा खा लो ,-ननद रमा दवा और दूध लेकर हाजिर थी। वह उठकर दवा खाली और दूध पी लिया।तब तक बूढ़ा श्वसुर दवाई और बाकी समान लेकर आ गया था।सास ने इसके कपड़े धोये थे।समान ठीक किया था।मैके से कोई झांकने नहीं आया था।यह दुखी होकर रो रही थी। अरे मत रो,सब ठीक हो … Read more

अब बहू घर के तौर तरीके सीख गई है। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

पवन ने बहुत बार अपनी माताजी और बहनों को समझाया भी था कि उसकी पत्नी रानी को घर का इतना काम करना नहीं आता।वह बहुत थक जाती है और रोती रहती है।  उससे घर का इतना काम ना करवाया करो।  पवन तो यह कह कर चला जाता था परंतु पराई लड़की ने मेरे बेटे और … Read more

सच का आइना – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

घर के आँगन में अदरक वाली चाय की सोंधी खुशबू के साथ अजीब सी खामोशी घुली हुई थी। लीला जी खामोश थीं,  उनकी आँखों की थकान उम्र की नहीं आत्मा व मन की ,अनकहे  जज़्बातों के उपेक्षा की थी। उनका बेटा विवेक, हमेशा से, ऑफिस से लौटते ही लैपटॉप में घुस जाता। घर को आफिस … Read more

आपबीती – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

मेरा नाम गीतिका है,छोटे से कस्बे की शर्मीली और पढ़ाकू लड़की कब विनोद से शादी करके ससुराल चली आई और उसकी पत्नी बन गई,पता ही नहीं चला।दिल में कितने अरमान थे कि पढ़ाई करके ये करूंगी,वो करूंगी पर शादी के बाद कुछ याद ही नहीं रहा सिवाय इसके कि सुबह अलार्म बजते ही उठ जाना … Read more

नुकसान – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

शोभित! जब देखो मोबाइल से चिपके रहते हो..कभी पढ़ लिया करो! शोभित की मां ने कहा तो वो मुस्करा दिया…”मां! मैं पढ़ाई ही तो कर रहा हूं।” “क्या सच में?”रीमा आश्चर्य से बोलीं,पता नहीं आजकल कैसी पढ़ाई हो गई है,किताबें छोड़ कर सब कुछ मोबाइल पर मिलता है। शोभित ने अपनी मां को झूठ बोल … Read more

*नया सूरज* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

     पापा, बस अब यह सब नही,बहुत हो चुका।अब मैं आपसे कुछ भी नही लूँगी।       पर बेटा मेरा सबकुछ तेरा ही तो है, तू क्यो टेंसन लेती है।       पापा, आप मेरे आत्मसम्मान के बारे में भी तो सोचो।सचिन से शादी का निर्णय मेरा था,यदि मेरा  निर्णय गलत सिद्ध हुआ है तो उसे मैं ही भुगतुंगी,आप नही। … Read more

सासु माँ ससुर जी से कहिए सब्ज़ियाँ लाने को – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

“ सुनो जी तुम ना कल से बाज़ार जाकर सब्ज़ियाँ ले आया करो।” सुनंदा जी ने पति  राजेश्वर जी से धीमे स्वर में कहा  “ अम्मा यार अब इस उम्र में भी सब्ज़ी बाज़ार दौड़ाती फिरोगी…अब तो निकुंज को सब्ज़ी लाने की ज़िम्मेदारी दो।” राजेश्वर जी ने थोड़ा तल्ख़ अंदाज़ में कहा  “ वो तो … Read more

बहू और भाभी आज बनी है – आकाश गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

(एक पारिवारिक और भावनात्मक कहानी) गाँव के उस बड़े से पुश्तैनी घर में चहल-पहल थी। आँगन में रंगोली बन रही थी, दरवाज़े पर केले के पत्तों और गेंदे के फूलों की बंधनवार लटक रही थी। रसोई से पकवानों की खुशबू हवा में घुली थी। आज रोहित और साक्षी की शादी की सातवीं सालगिरह थी। परिवार … Read more

समझौता अब नहीं! – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

पच्चीस वर्षीया मीरा दुबली-पतली काया, लम्बे वालोंवाली साॅंवली-सलोनी सीधी-सादी लड़की थी।स्नातक की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी। उच्च शिक्षा हासिल करना चाहती थी, परन्तु माता-पिता उसकी शादी कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते थे।मीरा में सारे गुण भरे पड़े थे, परन्तु लड़केवालों को उसके कोई गुण नहीं दिखते थे।केवल उसके साॅंवले रंग के कारण … Read more

बस अब और नहीं – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

पायल! पायल!तेजी से श्याम चीखा तो घबरा के पास आती वो बोली, क्या हुआ जी! क्या कह रहे हैं? क्या कह रहे हैं? गुस्से में उसकी नकल करता उसका पति श्याम बोला..भोली तो ऐसे बनती हो जैसे बड़ी सीधी हो..ये बच्चियां शोर कर रही हैं इन्हें कौन संभालेगा? पता नहीं मेरे ऑफिस का काम कितना … Read more

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