“छोटा सा तोहफा” :  सोमा शर्मा : Moral Stories in Hindi

निलेश एक प्राइवेट कंपनी में अच्छे पद पर था। सुबह 8 बजे निकलना और रात को 8 बजे लौटना उसका रोज़ का रूटीन था। निलेश के परिवार के पास सुख सुविधा सब कुछ था । घर में उसकी पत्नी सुजाता और छह साल का बेटा आयुष उसका इंतज़ार करते थे, लेकिन निलेश के पास वक्त … Read more

 मीठी छुरी चलाना : विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

विशाखा को शहर के बहुत अच्छे स्कूल में नौकरी मिलने पर खुश होना स्वाभाविक ही था। उसे लगा कि अब उसकी आर्थिक तंगी दूर हो जाएगी और दिल भी लगा रहेगा। दो साल पहले रोड दुर्घटना में पति चल बसे तो मायके ससुराल दोनों ने ही किनारा कर लिया। पांच साल के बेटे के साथ … Read more

 मन की गांठ : माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

विवेक जी की बी एम डब्लू ६० किलोमीटर की स्पीड से दिल्ली की तरफ भागी चली जारही थी।गाड़ी उनका बेटा नितिन चला रहा था। गाड़ी ड्राइव करने के साथ ही वह कोई फिल्मी रोमांटिक गाना भी गुनगुना रहा था,क्योंकि उसका मन बहुत खुश था।वह अपने मम्मी पापा के साथ जयपुर अपनी होने बाली लाइफ पार्टनर … Read more

 पहली किरण : प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

————- रात कितनी भी गहरी काली हो पर उसको जाना ही होता है और बादलों के रथ पर सवार अरूणोदय धरती को छूने के लिए बेताब पहली किरण के रूप में झांकता हुआ सारी दुनिया को अपने आने की दस्तक दे देता है।बस यहीं से शुरूआत होती है एक नए दिन की। हमारी निद्रा टूटते … Read more

 घर की मुर्गी दाल बराबर :  विधि जैन : Moral Stories in Hindi

कई रिश्ते आए और कई रिश्ते चले गए पता नहीं किसकी नजर लग गई थी इस घर में मेरी बेटी का रिश्ता तय ही नहीं हो रहा है 28 साल की हो गई है पढ़ी-लिखी है दिखने में सुंदर सुशील घर घर कार्य में पूर्णता दक्ष अब कितने दिन तक इसको घर में बिठाएंगे सरला … Read more

 सम्मान की सूखी रोटी :  पूनम अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

रमा को बाजार में रुचि मिल गयी । रमा चहकते हुए उसके पास गयी और अचानक बोली , हाय रुचि कैसी है ? रुचि ने अपना नाम सुन पीछे मुड़ कर देखा और रमा को देख कर आश्चर्य चकित रह गयी  कि तुम तो कानपुर थीं यहां कैसे?  रमा बोली चलो कहीं बैठते हैं । … Read more

 फैसला :  सुनीता मुखर्जी श्रुति : Moral Stories in Hindi

लतिका बिटिया कबे आई हो शहर से..? खेतों की पगडंडी पर चलते-चलते बगल वाली चाची ने पूछा। कल ही आयी हूँ चाची..। “अभी तो रहियो कि चली जइयो…!  “चाची परीक्षा हुई गइ है अब हीं रहिए- लतिका बोली।”  लतिका अपने गांव की एकमात्र ऐसी लड़की थी जिसने अपने गांव से बाहर निकल कर पढ़ाई की … Read more

 चलो अब जाने भी दो :  डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

अनु को जाने क्यों बुआ के बेटे का आना बिल्कुल पसंद नहीं था। कहने को तो अभय अनु से तीन साल छोटा था परंतु उसकी हरकतें बचपन से हीं बड़ों जैसी थी,उस पर अभय का अनु को बार बार बहाने से छूना उसे विचलित कर देता..  अनु उसे हर बार टोक देती परंतु फिर भी … Read more

 “ब्रह्म विवाह” : ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

पचास वर्षीय स्निग्धा बरामदे में बैठ चाय पी रही थी कि अचानक दरवाज़े की घंटी बजी और दूर से जेठानी हेमल आती नज़र आई। दोनों मुस्कुराकर गले लगी। हेमल, “तो कैसी चल रही है, शादी की तैयारी? स्निग्धा,”कैसी तैयारी चलेगी, आपसे कुछ छिपा है क्या?” हेमल,” तुझे दुखी रहने का शौक है क्या? चल छोड़। … Read more

 प्रलोभन : डॉ संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

सुबह से ऑफिस के कामकाज से थक हार कर निकिता अभी थोड़ा सुस्ताने लगी थी, उसके एक हाथ में कॉफी का मग था व कानों में लीड लगाकर वो अरजीत सिंह की गजल सुन रही थी कि उसकी बहन ने आकर कहा … दीदी! लीजिए..आज की पोस्ट्स.. ओह!अभी इन्हें भी चैक करना है..आज बहुत थक … Read more

error: Content is protected !!