सम्मान की सूखी रोटी – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi
आज आप फिर कोई सब्जी लेकर नही आए क्या बनाऊंगी मैं आपको तो पता है ना माँ जी को सर्दी हुई है भला हम तो लस्सी और आचार के साथ खा लेंगे मगर माँ जी को क्या बोलूंगी कैसे दूंगी खाना। आज फिर मुझे चार बात सुननी पड़ेंगी। चलो देखती हूँ उनके लिए चाय अचार … Read more