मेरी दोनों बहू आपस में बहन जैसी रहती है! – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

सुरभि आज कल बहुत ख़ुश थी क्योंकि अभी तक वो अपने ससुराल में सबसे छोटी बहू थी जो पूरे परिवार की दुलारी थी , लेकिन कुछ ही दिनों के वो # जेठानी बनने वाली थी।                             सुनिधि का ब्याह एक बड़े परिवार में हुआ था। उसके ससुराल में सास-ससुर और उसकी तीन बड़ी जेठानी और चार … Read more

“सम्मान की सूखी रोटी” – सरोजनी सक्सेना : Moral Stories in Hindi

रामचरण जी की शहर में ऑटो पार्ट्स मैन्युफैक्चरिंग की फैक्ट्री है । रामचरण जी एक सुलझे हुए दयाशील सर्वगुण संपन्न बहिर्मुख व्यक्तित्व के मालिक हैं । व्यवहार कुशलता ही उनके जीवन की आधारशिला है । जो उनके पारिवारिक संस्कारों को आधार है । अपने पारंपरिक व्यवहार कुशलता भाव भंगिमा से परिलक्षित होती है । यही … Read more

दर्द – राशि सिंह : Moral Stories in Hindi

शादी के दस साल बाद भी संतान न हो पाने का दर्द सुहानी को भी है। जब हँसते खिलखिलाते हुए छोटे बच्चों को देखती है तो ममता जा उठती है बारिश के दिनों में बरसने को आतुर उमड़ते घुमड़ते बादलों की तरह मगर जब हकीकत का एहसास होता है तो खुद को रोक लेती है। … Read more

मुश्किल फैसला – डॉ. दीक्षा चौबे  : Moral Stories in Hindi

रक्षा अपने दो वर्ष के बेटे विवान की देखभाल के लिए आया ढूँढ़ रही थी तभी उसकी सहेली रमा ने लक्ष्मी को भेजा था। एकबारगी उसके शालीन पहनावे और सुघड़ता को निहार कर रक्षा झेंप सी गई। कहीं  गलती से कोई और तो नहीं आ गई । स्पष्ट रूप से उसने पूछा –”आप बच्चे की … Read more

प्रत्यागमन – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

बिपाशा क्या कर रही हो..? यह करने से पहले मुझसे पूछा होता, लवली भाभी बोली।  भाभी यह छोटे-मोटे काम के लिए आपसे क्या पूछना.. अपना घर है, इसलिए मैं खुद ही कर रही हूंँ। नहीं बिपाशा दीदी ..! कौन सामान कहांँ रखना है यह तुम अपनी पसंद से नहीं मुझसे पूछ कर ही रखोगी..? “भाभी … Read more

 सम्मान किसी पद या विभाग का मोहताज नहीं होता – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

सुबह की ठंडी हवा चल रही थी; कैलाश नाथ जी छत पर बैठकर सुबह की चाय का आनंद ले रहे थे और अखबार पढ़ते जा रहे थे कि तभी अखबार के एक पृष्ठ की हैड लाइन पर उनकी नजर पड़ी ‘प्रधानाचार्य कक्ष में बोर्ड परीक्षाएं देते विद्यार्थी पकड़े, कार्यवाही’ जब उन्होंने पूरी खबर पढ़ना शुरू … Read more

 पकोड़ीयाँ : Moral Stories in Hindi

जगदीश बाबू को पकौड़ियाँ बहुत पसंद थी ।सभी को पसंद होती है पर उन्हें कुछ ज्यादा। जब भी घर में कढी बनती तो बसंती देवी को सख्त हिदायत थी,पहले एक प्लेट पकोड़ी जगदीश बाबू के लिए।   कई बार बसंती देवी हंस कर बोलती, “देख लो, सोमेश के बाबूजी,तुम्हारी यह आदत कब जायेगी।” अब तो बीपी … Read more

 मास्टर साब – डॉ. संगीता अस्थाना : Moral Stories in Hindi

हमारे मित्र मंडली सारे रिटायर्ड लोग ही थे जिसमे मास्टर साब सबसे ज़्यादा सीनियर थे । सभी उन्हें बहुत सम्मान देते थे । वे बहुत अनुभवी थे ।चुटकियों में हर समस्या का समाधान निकल लेते थे ।मुहल्ले के सभी लोग उनसे राय मशविरा करने के बाद ही किसी कम में हाथ लगाते थे ।सबके लिए … Read more

 सम्मान की सूखी रोटी – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

 धर्मपाल और  अनीश्वर एक ही मोहल्ले में रहते थे। दोनों पड़ोसी थे। दोनों के मकान पास पास ही थे। दोनों दो विभाग में सर्विस करते थे। अंतर सिर्फ इतना था कि  अनीश्वर अपने दफ्तर का बॉस था, जबकि धर्मपाल अपने ऑफिस का बड़ा बाबू था। कभी- कभार किसी फंक्शन या पर्व त्यौहार के मौकों पर … Read more

 मेरी दोनों बहुएं बहन जैसी रहती है – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

धूप सी सुबह थी। रसोई में हँसी की खनक थी। राधिका बेलन से पूरियां बेल रही थी और अनुजा कड़ाही में हलवा चला रही थी। मसालों की खुशबू, दूध की मिठास और दोनों के बीच की खनकती बातचीत जैसे घर को जीवंत बना रही थी। “देख अनुजा,” राधिका ने मुस्कुराते हुए कहा, “इस बार तेरे … Read more

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