सम्मान की सूखी‌ रोटी – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

गांव की कच्ची गली में जैसे ही जानकी ने अपने घर की कुंडी खोली, सामने से रमिया दौड़ी चली आई। आंखों में आश्चर्य, होंठों पर हल्की मुस्कान लिए उसने पूंछा, “अरे जिज्जी, तुम आ गईं? तुम तो कह रही थीं कि दो-तीन महीने गर्मी भर रुकने वाली हो, फिर इतनी जल्दी कैसे लौट आईंं?” जानकी … Read more

 ” तकदीर ” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” तकदीर “ ” मम्मी मुझे माफ कर दो आज के बाद ऐसा नहीं होगा !” ग्यारह साल का दक्ष रोते हुए अपनी मां निशा से बोला। ” नहीं आज तुम्हे सबक मिलना जरूरी है इसलिए आज तुम चुपचाप यही बाहर खड़े रहो !” निशा आंख में आंसू पर चेहरे पर गुस्सा लिए बोली । … Read more

 तकदीर फूटना – हेमलता श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

ससुराल की दहलीज पर कदम रखते ही मैं समझ गई थी कि ये डगर आसान नहीं होगी मेरे लिए. आसान तो मायके में भी जीना नहीं था,‌‌ जन्म देते ही मां का साया उठ‌ गया था बुआ और भाभी की शरण में पली‌ बढ़ी मां ने होने का दर्द हमेशा सालता रहता। लोगों की नजर … Read more

 बेटे का विश्वासघात – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

” मां बस कुछ दिनों की बात है मेरी खातिर तुम कुछ महीने और नौकरी कर लो पाठक जी कह रहे थे वे बहुत जल्दी कोई दूसरी काम करने वाली ढूंढ़ लेंगे तब तक आप यहीं काम करो,पाठक जी ने बुरे समय में हमारा साथ दिया है अब उनके लिए इतना तो करना ही पड़ेगा!!?, … Read more

 प्रायश्चित – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

  कुछ गलतियों का प्रायश्चित नहीं होता। शायद ये गलतियां नहीं  अपराध होता है। लेबर रूम में अत्यंत पीड़ा के क्षणों से गुजरने के बाद नर्स ने जब निधि के हाथों में कोमल सी बच्ची   पकड़ाते हुए कहा देखो तुम्हारी बेटी, तो वह उस अनुभव को बयान नहीं कर सकती थी। उसने नर्स से … Read more

 प्रायश्चित – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

चलिए भाभी… फटाफट से तैयार हो जाइए, आज हम दोनों दिन भर शॉपिंग करेंगे मस्ती करेंगे और शाम को खाना भी बाहर ही खाकर आएंगे, आज हम सब कुछ आपकी पसंद का ही करेंगे! नहीं नहीं दीदी.. आप यह क्या कह रही हो मम्मी जी को पता चल जाएगा तो घर में शामत आ जाएगी … Read more

 फूटी किस्मत – प्रीती श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

गाँव के एक छोटे से घर में राधा अपने बेटे रवि के साथ रहती थी। पति का देहांत कई साल पहले हो चुका था, और अब रवि ही उसकी दुनिया था। राधा ने खेतों में काम करके, दूसरों के घरों में चौका-बर्तन करके उसे पढ़ाया-लिखाया। रवि होशियार था, पर किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया। … Read more

 प्रायश्चित – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सुधा जी पचहत्तर साल की उम्र में भी अपना सब काम खुद ही करती थीं। बाथरूम में फिसल जाने के कारण गिर गयी थी। बडी मुश्किल से खुद ही उठकर पड़ोस में रहने वाली पगली (उम्र बीस साल) को कॉल करके  बोला , जल्दी से आ जाओ चोट लग गयी है हॉस्पिटल ले चलो हमको … Read more

 प्रायश्चित – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

******** आज दर्शना के बेटे मण्डल का पहला जन्मदिन था। चारो ओर पार्टी का शोर और गहमागहमी, स्वादिष्ट व्यंजन की खुशबू, स्त्री और पुरुषों के परफ्यूम की सुगन्ध से पूरा वातावरण सुवासित था। बेटे को गोद में लिये दर्शना का सुन्दर मुखड़ा मातृत्व की गरिमा से दमक रहा था।  उसके खुशी से दमकते चेहरे को … Read more

 आत्मसम्मान – सोमा शर्मा : Moral Stories in Hindi

रामू एक दर्जी था — सीधा-सादा, मेहनती और ईमानदार। शहर के एक कोने में उसका छोटा सा टीन का खोखा था, जहां वह दिन-रात सिलाई करता। कपड़े सिलाने वालों की भीड़ नहीं रहती थी, लेकिन जो आते, वो उसकी मेहनत की कद्र करते थे… या ऐसा रामू सोचता था। रामू का पहनावा सादा था, बात … Read more

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