पश्चाताप – प्रीती सक्सेना
आज आंखो में नींद का नामो निशान नहीं, अजीब सी बेचैनी, उत्तेजना का अनुभव हो रहा है, मन की खुशी बाहर आने को बेकाबू है, पर लोक लाज का भी तो ध्यान रखना है न, तो अपनी खुशी होंठो में ही दबा कर रखी है, कल मेरी शादी है, कल मैं अपनी ससुराल जाने वाली … Read more