पूनम का चांद -सारिका चौरसिया
आज मन सुबह से ही कुछ उदास था,पिछली ढेरों बातें दिमाग में घूम रही थी, अपमान और पीड़ा का धुँआ आंखों में सुलग रहा था,, एक बार फिर उसी दर्द से आज दिल उबल रहा था। सब आ रहे हैं! बुआ,फूफा जी बच्चे…..उत्साहित सी माता जी! बच्चों को सूचना दे रही थी। समझ रही थी … Read more