जब मानवता बोल उठी। – ज्योति आहूजा

अप्रैल 2021 — कोरोना की दूसरी लहर पूरे देश में कहर बरपा रही थी। अस्पतालों में लंबी कतारें, ऑक्सीजन की कमी, और हर घर में चिंता का माहौल था। इन्हीं दिनों संध्या की तबीयत अचानक बिगड़ गई। तेज़ बुखार और साँस की दिक्कत ने  संध्या के पति अमित और पूरे परिवार को घबरा दिया। कोरोना … Read more

क्यों हो जाते हैं लोग इतने स्वार्थी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अपने आप बिस्तर से न उठ पाने की स्थिति में नर्मदा जी की बार बेटे को और पति को आवाज दे चुकी थी बाथरूम जाने के लिए लेकिन कोई सुन ही न रहा था । अपनी बेबसी पर खीज जाती नर्मदा जी और कह उठती है भगवान उठा क्यों नहीं लेता मुझे , बुला क्यों … Read more

बड़े घर की बेटी – रश्मि प्रकाश

“बिटिया क्या तुम सच में अपने ससुराल जा रही हो…. ?” शकु ताई ने नीति से पूछा  “ हाँ ताई…आप अपना ख़्याल रखना और ये चिट्ठी… मम्मा जब घर आए उन्हें दे देना ।” कहते हुए नीति अपना सामान पैक कर कार में बैठ घर से निकल गई  एक ही शहर में मायका ससुराल है … Read more

माँ पापा के संघर्ष की जीत : संगीता अग्रवाल

” मम्मी पापा कहाँ है आप जल्दी आइये !” रिया कॉलेज से घर आ अपने माता पिता को आवाज़ देती हुई बोली। ” आ गई लाडो …क्या हुआ सब ठीक तो है ?” पिता किशन ने उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा। ” पापा मेरे कॉलेज मे हमें महान लोगो की जीवनी लिखने को … Read more

“रूप की रोए -कर्म की खाए” – हेमलता गुप्ता

 काफी तपस्या के फल के रूप में जब प्रशांत जी के यहां जुड़वा कन्याओं ने जन्म लिया तो पूरे घर में खुशी की लहर छा गई! उनका परिवार शुरू से ही लड़कियों को लक्ष्मी के रूप में मानता आ रहा था! दो बेटियां पैदा होने के उपरांत भी प्रशांत जी और सभी घरवाले बेहद खुश … Read more

मां की आह – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Story In Hindi

बाबूजी नौकरी में रहते ही,घर बनवा गए थे। फिजूलखर्ची ना करने वाले बाबूजी ने गांव में बंजर पड़ी काफी ज़मीन खरीद कर रखीं थीं।वैभव को पढ़ा-लिखा कर नौकरी भी लगवा दी और दोनों बेटियों की शादी भी करवाई थी संपन्न घरों में।उनकी मृत्यु के पश्चात अक्सर वैभव मां को ताना देता था”मां,तुमने बाबूजी को रोका … Read more

वृद्धाश्रम – सीमा पण्ड्या

चलो आज माँ को वृद्धाश्रम दिखा ही लाता हूँ। बड़े बेटे ने अपनी पत्नी से कहा तो ७५ वर्षीय सावित्रीदेवी भौंचक हो कर बेटे का चेहरा देखने लगीं। बेटे के चेहरे पर गंभीरता थी बोला “ माँ एक नयावृद्धाश्रम बना है, जल्दी से तैयार हो जाओ, आज आपको वहाँ की सब सुख- सुविधाएँ दिखा लाता … Read more

ससुराल तो ससुराल ही होता है

श्रीकांत जी का घर पूरी तरह से दुल्हन की तरह सज चुका था  मौका था उनकी छोटी बेटी मालिनी की सगाई का, कुछ ही देर में  लड़के वाले श्रीकांत जी के घर पर सगाई के लिए आने वाले थे। घर में आज तरह तरह के पकवान बनाए जा रहे थे ताकि लड़कों वालों की मेहमान … Read more

error: Content is protected !!