ऐसे घरवालों की ज़रूरत नहीं! – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

राकेश ने फोन पर अपनी भाभी को उलाहना दिया,” अक्षय की शादी तय कर दी आपने और हमें बताया भी नहीं, भाभी।” “भैया, सब जल्दी जल्दी में हो गया। आपको आज फोन करने ही वाली थी।” सीमा ने बेचारगी से कहा ” बस बस भाभी! बातें नहीं बनाओ। वो तो अक्षय का दोस्त सुधांशु मिल … Read more

 दर्द अपना-अपना * –   पुष्पा जोशी

‘कुछ नहीं होने दूंगा मैं आपको।’ बिना सम्बोधन के ही उसने कहा था ‘अभी जीना है आपको,पोते पोतियों को गोद में खिलाना है, आप चिंता न करें कुछ नहीं होने दूंगा मैं आपको।’ क्या था उसकी आवाज में, और उसकी आँखों में कि मैं उसे देखती रह गई।पहली बार ही मिली थी मैं डॉक्टर अविनाश … Read more

काश ? – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : भारती भाभी के आंसू अभी भी रूकने का नाम नहीं लेते। दरअसल हुआ यों कि अभी तीन महीने पहले राजेन्द्र भाई का स्वर्गवास हो गया सदमे में इसलिए है कि वो बिल्कुल स्वस्थ थे कोई परेशानी नहीं थी ।                   राजेन्द्र भाई रोजमर्रा की तरह सुबह दस बजे तैयार होकर दुकान … Read more

उसी गलती का तो पश्चाताप है मुझे – बीना शर्मा  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद सुप्रिया अपने कमरे में आराम कर रही थी कुछ दिन पहले ही उसे पैरालाइसिस अटैक पड़ गया था जिसके कारण उसके बेटा- बहू ने उसे समय पर अस्पताल में दाखिल करवा दिया था उचित समय पर उचित इलाज मिलने के कारण उनकी जान तो … Read more

“आधा हिस्सा” – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा

 राकेश बालकनी में बैठे एक हाथ में पेपर और दूसरे हाथ में मोबाईल लिए पता नहीं किस सोच में डूबा था। सामने टेबल पर चाय ठंडी हो रही थी पर उसका ध्यान…..। रिया ने पीछे से आवाज लगाई-” कहाँ ध्यान है आपका? चाय भी ठंडी हो गई। “ “रिया गाँव से पिताजी का फोन था।” … Read more

कम्मो – अभिलाषा कक्कड़

माँ हम कहाँ जा रहे हैं ?? माँ को कपड़े बेग में डालते देख नन्ही तीन बरस की कम्मो पुछने लगी ।ममता ने प्यार से बेटी की तरफ़ देखते हुए कहा.. तुम्हारी नानी बहुत बीमार है हम उन्हीं को देखने जा रहे हैं । अभी कुछ ही देर में तुम्हारे पापा आ जायेंगे तो हम … Read more

अपनी तरह मुझे भी “सहारा” बना लीजिए !! – मीनू झा 

आज भी काफी मन लगाकर काम कर रही है देखना शाम तक जरूर फिर पांच सौ रूपये की डिमांड आ जाएगी। मैं तो तंग आ गई इनको काम के लिए रखकर दिमाग खराब कर देती है हर आठवें दिन–पति मोहन के लिए ब्रेकफास्ट प्लेट में लगाते लगाते मीरा बड़बड़ाए जा रही थी। अच्छा.. लगता है … Read more

“एक दूजे के सहारे रिश्ते प्यार भरे” – कविता भड़ाना

“प्रिया”, “प्रिया”…. बेटा कहां हो? पुकारती हुई सुलभा जी ने देखा की उनकी नई नवेली बहुरानी ड्राइंग रूम में बैठी ऊंघ रही है….. दिसंबर महीने की कड़कड़ाती ठंड में 5बजे उठ कर नहा धोकर तैयार बैठी अपनी बहु को देख सुलभा जी को बड़ा प्यार आ रहा था, उन्होंने धीरे से जाकर प्रिया को जगाया … Read more

बहुत कर लिया बर्दाश्त  –  ज्योति आहूजा

आज सुधा अपनी जिंदगी का वह हिस्सा फिर से याद कर बैठी जिसमें  वह इतनी कमजोर और लाचार थी कि आज भी वह समा उसके जहन में कड़वी याद के रूप में उभर कर सामने अा गया। “बात उन दिनों की है जब सुधा जीवन के उस मोड़ पर थी जब वह ना तो बच्ची … Read more

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