बहू ने  ना बोलना सीख लिया – शिव कुमारी शुक्ला

भाभी अभी तक मेरी ड्रेस आपने प्रेस नहीं की सुबह से कहा था आपसे पता नहीं क्या कर रहीं हैं। अभी कर देती हूं वो समय नहीं मिला नाश्ते खाने की तैयारी में लग गई वह भी तो समय पर देना है। तो क्या आप जल्दी नहीं उठ सकतीं थीं जो काम समय पर हो। … Read more

प्यार का घरौंदा – बीना शुक्ला अवस्थी

” सर्वज्ञ, मैं कैसे दीदी को अकेला छोड़कर तुमसे शादी कर लूॅ? मेरी दीदी ने मुझे मॉ से अधिक प्यार और ममता दी है,  मैं ही उनकी जिन्दगी हूॅ।” ” तुम ही बताओ, मैं क्या करूॅ? शादी बाद दीदी हम लोगों के साथ भी तो रह सकती हैं। वह तो सचमुच बहुत अच्छी हैं लेकिन … Read more

बेटी को बेटी ही रहने दो – शिव कुमारी शुक्ला

ड्राइंग रूम में गहमागहमी का वातावरण था। लड़केवाले स्वाति को देखने आए थे। लड़का स्वयं अपने मम्मी-पापा के साथ आया था। स्वाति के मम्मी-पापा ने बड़ी ही  गर्म जोशी से उनका स्वागत किया । आइए मिश्रा जी आपका ही इंतजार कर रहे थे कहते हुए शुक्ला जी ने हाथ मिलाया और आने में कोई दिक्कत … Read more

छोटका भइया – डाॅ उर्मिला सिन्हा

आज का दिन हम सभी के लिये बहुत खास है क्योंकि आज 18 सितंबर को हमारे पितृ तुल्य छः फीट के सुदर्शन व्यक्तित्व के स्वामी छोटका  भइया का 90 वां जन्मदिन है।    हमारे परम आदरणीय पितृ तुल्य छोटका भइया श्री प्रमोद रंजन सिन्हा, 1995 ई में अवकाश प्राप्त उच्च  शिक्षा निदेशक बिहार सरकार हमारे मार्गदर्शक … Read more

वर्चस्व – बीना शुक्ला अवस्थी :  Moral Stories in Hindi

केतकी जी आज सिर नहीं उठा पा रही थीं। सामने घर के सारे लोग बैठे थे, उसे तो उम्मीद ही नहीं थी कि आज उसे सबके सामने इतनी बेइज्जती उठानी पड़ेगी। जब छोटी बहू चंदना विवाह करके घर आई तो केतकी जी खुश नहीं थी। चंदना में कोई कमी न होते हुये भी आम हिन्दुस्तानी … Read more

सरपंच पति – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

आज पंद्रह अगस्त की सुबह थी । अन्य दिनों की अपेक्षा आज की सुबह बड़ी खुशनुमा थी। राष्ट्र भक्ति के गीत माहौल को देशभक्ति से ओत-प्रोत बना रहे थे। जहां कुछ बच्चे सफेद यूनिफॉर्म में सजे  पी टी के लिए पंचायत भवन की ओर बढ़ रहे थे तो वहीं दूसरी ओर कुछ छात्रायें  रंग-बिरंगी पोशाकें … Read more

भाई बहन का प्यार – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

दरवाजे की घंटी बजी और डाकिया एक लिफाफा हाथ में पकड़ा गया। चिट्ठी आज के जमाने में… जल्दी से लिफाफा खोला,” मेरे प् FCयारे भैया, इस बार राखी पर आ नहीं पाऊंगी। अतः राखी भेज रही हूं।  तुम्हारी बहना।”, लिफाफे में रेशमी राखी और साथ में अक्षत रोली ‌। राहुल सोच में पड़ गया। ” … Read more

वीरांगना – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

मैंने जब एल० एल० बी ० करके काला कोट पहना था तभी अपने आप के समक्ष एक सौगन्ध ली थी जिसके अन्तर्गत मैं साल में कम से कम दो केस उन गरीब महिला अपराधियों का बिना पैसा लिये लडूंगी जिनका केस लड़ने वाला कोई नहीं होता है। सबूतों और पैरवी के अभाव में उन्हें सजा … Read more

कसक – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

शारदा देख रही थी कि जबसे उसकी प्यारी पोती गोपिका का विवाह तय हुआ है, उसके चेहरे की मुस्कान और हॅसी नकली हो गई है। वह बाहर से सबको दिखाने के लिये हंसती मुस्कुराती है लेकिन उसके अन्दर कोई द्वंद्व चलता रहता है।  ऐसा भी नहीं है कि नवल से विवाह के लिये किसी ने … Read more

हृदय परिवर्तन – डाॅ उर्मिला सिन्हा

   देखते-देखते पांच वर्ष बीत गए। राहुल से रैना ने घरवालों के खिलाफ प्रेम विवाह किया था। एक बिटिया भी दो वर्ष की हो गई।इस बार  पड़ोस में नई फेमिली आई है भरा-पूरा परिवार है…तीज की तैयारी में पूरा परिवार व्यस्त है। आंटी ने बताया,”बहू अपने मायके गई है हरियाली तीज में और बिटिया यहां आई … Read more

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