माता की चौकी -श्वेता अग्रवाल

नेहा घर के दरवाज़े पर खड़ी रमन का इंतजार कर रही थी। जैसे ही रमन ऑफिस से घर आया, वह दौड़ती हुई उसके पास गई और मुस्कुराते हुए बोली “सुनो रमन, इस बार नवरात्रि पर गुरुजी हमारे ही घर रुकेंगे। नौ दिन की माता की चौकी यहीं लगेगी!” यह सुनते ही रमन उत्साह से बोला, … Read more

माता की चौकी – श्वेता अग्रवाल

नेहा घर के दरवाज़े पर खड़ी रमन का इंतजार कर रही थी। जैसे ही रमन ऑफिस से घर आया, वह दौड़ती हुई उसके पास गई और मुस्कुराते हुए बोली “सुनो रमन, इस बार नवरात्रि पर गुरुजी हमारे ही घर रुकेंगे। नौ दिन की माता की चौकी यहीं लगेगी!” यह सुनते ही रमन उत्साह से बोला, … Read more

कॉफी में छुपा प्यार – श्वेता अग्रवाल

“आराध्या, उठ जा बेटा। ले कॉफी पी ले। फिर अपने घाघरे की फिटिंग देख लेना।” माॅं की प्यार भरी आवाज सुनकर आराध्या उठ बैठी और माॅं के हाथ से काफी का मग लेकर काफी पीते पीते अपनी माॅं से बातें करने लगी। कुछ देर तक बेटी की प्यारी बातें सुनने के बाद कुंतल बेचैन होकर … Read more

“काॅंख में छोरा, गाॅंव में ढिंढोरा” – श्वेता अग्रवाल

नीरजा अपनी चचेरी बहन चेरी की शादी में जयपुर आई थी। उसकी शादी के बाद पीहर में यह पहला बड़ा फंक्शन था तो वह इसे लेकर बहुत एक्साइटेड थी। बचपन से ही सजने-संवरने की शौकीन नीरजा अपनी सबसे अच्छी-अच्छी ड्रेसेस छाँट कर लाई थी इस शादी में।आखिर आज मौका भी था और दस्तूर भी। रही-सही … Read more

मंदाकिनी – बीना शुक्ला अवस्थी

आज मंदाकिनी एक अजीब सी खुशी और सन्तुष्टि अनुभव कर रही है। उसे ऐसा अनुभव हो रहा है कि उसने अपने जीवन भर के दुःखों, पीड़ा, तड़प और ऑसुओं का थोड़ा सा प्रतिकार ले लिया है।  कल गिरीश को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेनी है लेकिन उसका हृदय रो रहा होगा। उसके अपनो ने ही … Read more

इंसानियत: कोई अपना सा – श्वेता अग्रवाल –

स्नेहा फटाफट सुबह के काम निपटाए जा रही थी| एक तो लॉक-डाउन की वजह से कामवाली भी नहीं आ रही थी ऊपर से पति मयंक का वर्क फ्रॉम होम, अंशुल की फरमाइशें और उसकी खुद की ऑनलाइन क्लासेस| सुबह के समय वह अच्छी खासी बिजी रहती थी। स्नेहा हाई स्कूल में मैथ्स की टीचर है … Read more

रिश्तों की रीचार्जिंग – श्वेता अग्रवाल

रिशभ और सिमी की शादी को 10 साल हो चुके थे। दोनों अपने-अपने काम में इतने व्यस्त रहते थे कि अब वो पुराने दिनों की मस्ती, रोमांस और बातचीत कहीं गायब हो गई थी। रिश्ते बस एक रूटीन बनकर रह गए थे। सुबह ऑफिस की भागदौड़, शाम को थकान और वीकेंड्स पर भी बस थोड़ा … Read more

रिश्तों की रीचार्जिंग -श्वेता अग्रवाल

रिशभ और सिमी की शादी को 10 साल हो चुके थे। दोनों अपने-अपने काम में इतने व्यस्त रहते थे कि अब वो पुराने दिनों की मस्ती, रोमांस और बातचीत कहीं गायब हो गई थी। रिश्ते बस एक रूटीन बनकर रह गए थे। सुबह ऑफिस की भागदौड़, शाम को थकान और वीकेंड्स पर भी बस थोड़ा … Read more

शादी का लहंगा – श्वेता अग्रवाल

पलक की शादी पक्की हो गई थी। घर में खुशी का माहौल था। लड़के वालों ने उसे पहली बार में ही पसंद कर लिया था। पलक के चेहरे पर वह खुशी साफ झलक रही थी जो किसी भी लड़की के मन में शादी तय होते ही आ जाती है। उसका ज्यादातर समय अब फोन पर … Read more

लिव इन रिलेशन – शिव कुमारी शुक्ला

सुबह के नौ बजे थे अंजु और  रोहन अभी भी अलसाये बेडरूम में पड़े थे।एक दूसरे का साथ छोड़ कर उठने की इच्छा ही नहीं हो रही थी। तभी डोरवेल बजी।अंजु उठी दरवाजा खोलने के लिए । रोहन बोला यार ये सुबह सुबह ही कौन आ गया रंग में भंग डालने। अंजु देखती हूं कहती … Read more

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