कभी न कभी तो पोल खुलती है – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi
बारात आ गई, बारात आ गई”, यह सुनकर मेहमान बारात के स्वागत के लिए होटल के बाहर के गेट की तरफ चल पड़े। वैसे ज्यादा लोग थे भी नहीं। बहुत करीबी 25-30 रिशतेदार या खास दोस्त ही रहे होगें और लड़के वालों की तरफ से तो इतने भी नहीं थे। दस बारह ही थे, बाकी … Read more