मुँह पर और, दिल में कुछ और – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

बहन, मैं तो बहुत खुश हूं, रिया के लिए हमें इतना अच्छा घर बार मिल रहा है, लड़के की सरकारी नौकरी है, रहने लायक घर भी है,  बहन शादी शुदा है, ससुर की भी पेंशन आती है, रेशमा कह रही थी कि रेनू यानि की रिया की होने वाली सास भी स्वभाव की अच्छी है, … Read more

परिचय की जरूरत -लतिका श्रीवास्तव :

हेलो जी क्या आप समर्थ जी केघर से बोल रहे हैं मैं राकेश उनका पुराना परिचित बोल रहा हूं ।मुझे उनसे मिलना है क्या वे घर पर है आवाज सुनते ही समर्थ ने तुरंत कहा नहीं मैं उनका भाई बोल रहा हूं भैया तो ऑफिस निकल गए हैं आप फिर कभी आइए और उधर से … Read more

एक मुंह दो बात – सीमा सिंघी :  Moral Stories in Hindi 

 अचानक पोता बहू सुनीति की कर्कश आवाज मेरे कानों में पड़ी ! वो शायद अपनी जेठानी अनीता से कुछ कह रही थी,जबकि बड़ी पोता बहू अनीता की आवाज मेरे कानों तक नहीं पहुंच रही थी। मैं मन ही मन सोचने लगी। वह भी तो जरूर सुनीति से कुछ तो कह रही होगी लेकिन अनीता की … Read more

एक मुँह, दो बात – लक्ष्मी त्यागी :

 Moral Stories in Hindi विनीता ठहरी ,सीधी -सादी ,वो जिस भी इंसान से मिलती, उस पर विश्वास कर लेती। अविश्वास का प्रश्न भी कहाँ उठता है ?जिनसे वो बात करती है ,वो या तो अपने ही जानने वाले या फिर दोस्त या रिश्तेदार ही तो होते हैं। कुछ दिनों पश्चात, उसके देवर का विवाह हुआ … Read more

error: Content is protected !!