प्रोफेसर विद्रोही – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi

प्रोफेसर विद्रोही आराम कुर्सी पर लंबे पाँव फैलाए कॉफी का कप हाथ में लिए उदास निगाहों से अपनी स्वर्गीय पत्नि की बड़ी सी श्वेत श्याम तस्वीर को निहार रहे थे। तस्वीर के ऊपर जड़े शीशे पर उन्होंने मालती के माथे पर एक लाल बिंदी चिपका रखी थी। कभी कभी उन्हे लगता कि मेहंदी लगे हाथों … Read more

मुझसे विश्वास घात नहीं होगा – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

शिवानी बेटा..  तेरे पापा मम्मी भैया भाभी तेरी बड़ी बहन, तू मेरा बेटा सब वैष्णो देवी माता के दर्शन के लिए जा रहे हैं, मेरी तो कितने सालों से इच्छा थी कि मैं भी माता रानी के दरबार में जाऊं पर मेरी यह इच्छा कभी पूरी ही नहीं हो पाई, विवेक के पिता  मेरी हर … Read more

रिश्तों का विश्वासघात – ज्योति आहुजा 

 बात कुछ वर्ष पुरानी है ।कुरुक्षेत्र का मेन बाज़ार  हर  रोज़ की तरह चहल–पहल से भरा था। दुकानों की रोशनी में गहनों की चमक आँखों को चौंधिया रही थी।  शारदा ज्वेलर्स की दुकान पर भी भीड़ थी। काउंटर के पीछे महेन्द्र जी और उनकी पत्नी शारदा जी बैठे थे। तभी अचानक एक जानी–पहचानी आवाज़ आई—“नमस्ते … Read more

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