बस यही एक पल है – कल किसने देखा है – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

हर साल गर्मी की छुट्टियों में हम बच्चों के साथ कहीं ना कहीं घूमने जाते थे और इस बार  हमने शिमला जाने का प्लान बनाया।  शिमला का नाम आते ही मुझे याद आया कि वहां मेरी कॉलेज की बेस्ट फ्रेंड सुहानी भी रहती है।  मैंने अपने पति से कहा,  “हम शिमला जाएंगे तो  तो मैं … Read more

फैसला-गीतांजलि भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

आज भी तुम कुछ नहीं बोलोगे।मेरे साथ अगर तुम ही मेरे हमसफर होते हुए भी ऐसे धोखा दोगे तो फिर मैं किस पे भरोसा करूंगी।                                       आज भी याद है मुझे जब शादी कर के आई थी। … Read more

कमीशन-लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बात तो तीन सौ रुपया एक दिन की हुई रही उस हिसाब से तो हमार एक हफ्ते की पगार इक्कीस सौ होती है पर आप तो हमें चौदह सौ दे रहे हैं ।और इस रामू को तो पूरे इक्कीस सौ ही मिले है कमर में डेढ़ साल की बिटिया को चिपकाए माथे से बहते पसीने … Read more

सन्तुष्ट-मोनिका रघुवंशी Moral stories in hindi

प्रतीक मैं नौकरी करना चाहती हूं… थाली में गर्म रोटियां रखती हुई नेहा बोली। नौकरी ऐसे अचानक, पर क्यों मैंने या मम्मी ने कभी किसी चीज के लिए रोका है तुम्हे। वो बात नही है प्रतीक, मैं अब घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपनी एक पहचान बनाना चाहती हूं सुमि भी अब तीन साल … Read more

ये क्या अनर्थ कर दिया तुमने -रश्मि सिंह Moral stories in hindi

सविता-बहू, मैंने तुझे हमेशा इतना प्यार दिया, हमेशा बेटी माना, तू अपनी माँ की एक बात नहीं मान सकती। प्रीति (सविता की बहू)-मम्मी आप कुछ भी माँग लो पर ये पाप मुझसे नहीं होगा। सविता-बस इस सुई को ही तो निकलना है, फिर सब दर्द-पीड़ा से मुक्ति मिल जाएगी। हर महीने के कीमियोथेरेपी का दर्द … Read more

सन्तुष्ट – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

प्रतीक मैं नौकरी करना चाहती हूं… थाली में गर्म रोटियां रखती हुई नेहा बोली। नौकरी ऐसे अचानक, पर क्यों मैंने या मम्मी ने कभी किसी चीज के लिए रोका है तुम्हे। वो बात नही है प्रतीक, मैं अब घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपनी एक पहचान बनाना चाहती हूं सुमि भी अब तीन साल … Read more

दिन में तारे देखना -रश्मि झा मिश्रा Moral stories in hindi

सासू मां की तो कभी उनके जीते जी कदर ही नहीं की रम्या ने… ना कभी कोई रीति रिवाज जानना चाहा… ना कोई गांव घर, नाते रिश्ते, ही निभाए… हमेशा यही कहती रही की… “मां हैं ना… वह कर ही रही हैं तो मुझे क्या…!”  पर सासू मां जल्द ही उसका साथ छोड़ कर चल … Read more

दिन में तारे नज़राना-माधुरी गुप्ता Moral stories in hindi

एम बीए पास रचना का रिश्ता जब संयुक्त परिवार में तय होगया,तो उसकी माँ ने कहा बेटा माना तुम्हें कुकिंग में जरा भी रूचि नही है,बैसे भी जॉव करते समय तुम्हें इस सब के लिए शायद समय भी न मिले। लेकिन थोड़ी बहुत कुकिंग आना बहुत जरूरी है,ताकि ससुराल जाने पर कुछ सुनना न पड़े।हां … Read more

ठोस कदम -अंजना ठाकुर Moral stories in hindi

रानी घर घर जा कर काम बर्तन मांजने का काम करती है ।दिखने मैं वो बहुत सुंदर थी लेकिन आत्मसम्मान उस मैं  कूट कूट कर भरा था वो अपना काम बहुत ईमानदारी से करती थी । आज बिल्डिंग में कोई नई फैमिली आई थी उनका बीस साल का बेटा है सूरज ।रानी उनके यहां भी … Read more

दिन में तारे नज़राना – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

एम बीए पास रचना का रिश्ता जब संयुक्त परिवार में तय होगया,तो उसकी माँ ने कहा बेटा माना तुम्हें कुकिंग में जरा भी रूचि नही है,बैसे भी जॉव करते समय तुम्हें इस सब के लिए शायद समय भी न मिले। लेकिन थोड़ी बहुत कुकिंग आना बहुत जरूरी है,ताकि ससुराल जाने पर कुछ सुनना न पड़े।हां … Read more

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