मेरी सासु माँ बहुत समझदार है – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

कुमुद ऑफिस से आकर कॉलवेल बजाने ही जा रही थी कि देखा कि दरवाजा खुला है और उसे अपनी ननद की आवाज सुनाई दी। उसने सोचा चलो अच्छा है दीदी आ गईं तो माँ का मन लगा रहेगा।कुमकुम दिनभर घर मे रहती थी तो माँ को बहुत अच्छा लग रहा था, पर दो दिन पहले … Read more

पट्टी पढाना! – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

सुलेखा शीघ्र ही, अपने घर पहुंच जाना चाहती थी, वह चाहती थी कि नवीन के घर आने से पहले ही, वह घर अपने घर पहुंच जाए किंतु आते समय ,कोई ऑटो नहीं मिला,और रास्ते बहुत भीड़ भी थी इस कारण से उसे देर हो गई। मन में अनेक चिंताएं घर कर गई थीं।  नवीन आएंगे … Read more

सही तो कहती है मां – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

टूना कब से कह रही हूं  पापा को बोल  जल्दी से मेडिकल स्टोर से दवा ले आएं बहुत तेज सिरदर्द हो रहा है मेरा किसी को मेरा ख्याल ही है कनक खीझ कर तीसरी बार बोल उठी। मम्मा मै कितनी बार कह चुकी पर पापा सुन ही नहीं रहे हैं टूना की बात सुन कनक … Read more

पट्टी पढ़ाना – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

शर्मा जी के परिवार में कहने को दो बेटे रवि और किशन दोनों भाइयों का भरा पूरा परिवार था। दोनों भाई एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे मगर कुछ दिनों से रवि कुछ बदला बदला सा नजर आने लगा । उसके दोस्तों ने उसके घर की संपत्ति को लेकर ऐसी पट्टी पढ़ाई कि वह … Read more

पट्टी  पढ़ाना – महजबीं : Moral Stories in Hindi

मौसी जी मम्मी को पट्टी पढ़ा रही थी और  नेहा उनकी बातों को ध्यान से सुन रही थी। मौसी जी  अयान भैया  की शादी मे  किसी कारण वश नहीं आ पायी थी।  वो भोपाल मे रहती थीं और हम नागपुर में।  अब शादी के दो महीने के बाद वह भाभी को देखने आयी थीं। शादी … Read more

अंगारे उगलना – प्रीती श्रीवास्तवा : Moral Stories in Hindi

रूपा किचन में खड़े-खड़े अपने आंखों से बहते हुए आंसुओं को रोकने की कोशिश कर रही थी ,लेकिन यह आंसू रुक ही नहीं रहे थे और रूपा सोच रही थी कि उसका पति आदित्य अगर आज जिंदा होता तो कितना अच्छा होता उसे इतनी सारी बातें नहीं सहनी पड़ती ….| रूपा निम्न मध्यम वर्ग परिवार … Read more

अंगारे उगलना – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सोनम रोती हुई घर का सारा काम कर रही थी। तभी सासु माँ की नजर सोनम पे गयी ,बोली क्या मुँह लटका के काम करती हो, कितना अशुभ होता है ।घर की बहु दुखी हो के काम करे ।थोड़ा सा रोहित(सोनम का पति)ने बोल दिया, तुम तो तिल का ताड़ बना देती हो, चलो जल्दी … Read more

अंगारे उगलना – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

         ” भईया, मैं आज आपसे कुछ मांगने आई हूँ |” दीपा ने आलोक से कहा |         इतना सुनते हीं आलोक की पत्नी रेखा बोलने लगी -” अरे हमलोग तो खुद परेशान हैं और उपर से ये हमें और परेशान करने चली आई | कभी सुख – चैन, शांति से रहने नहीं देती हमें | हरदम … Read more

“अब और नहीं” – गीता अस्थाना : Moral Stories in Hindi

पितृ विहीना मयूरी शैशवास्था से ही अपनी मां के साथ ही चाचा लोगों के आश्रित हो गई थी। मां आर्थिक रूप से कमज़ोर थीं साथ ही सामाजिक अंध विश्वासों और मान्यताओं से ग्रसित थीं। पिता की मृत्यु के समय एकत्रित किसी करीबी रिश्तेदाए र ने कहा  “इस परिवार मे ऐसा ही होता है।जब कोई परिवार … Read more

अंगारे उगलना – निमीषा गोस्वामी : Moral Stories in Hindi

मां आप कहां चली गई हो मुझे अकेला छोड़कर मौसी मां मुझे प्यार नहीं करती जब आप थी सब मुझे प्यार करते थे पापा भी और मौसी भी लेकिन जब से आप गई हो तब से सभी बदल गये है।मां सब कहते हैं कि आप भगवान के पास गई हो आप वापिस कब आओगी मुझे … Read more

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