काश मैं भी अदृश्य हो पाती -अर्चना कोहली “अर्चि” : Moral Stories in Hindi

रात को मिस्टर इंडिया चलचित्र देखकर विनीता के मन में बार-बार ये विचार चल रहे थे, काश मेरे अंदर भी अदृश्य होने की शक्ति होती तो कितना मज़ा आता! मनमर्जी से कुछ भी करो। कोई रोक-टोक नहीं। जब मन करे, अदृश्य होकर कहीं पर भी चले जाओ। न टिकट खरीदने का चक्कर और न ही … Read more

रीता की समझदारी – रेनू अग्रवाल :

रीता किचन में काम कर रही थी, तभी उसकी ननद गीता का फोन आया। फोन उठाते ही गीता की रोती हुई आवाज आई, “भाभी, अब और नहीं सहा जाता… मेरी ज़िंदगी तो नरक बन गई है।” रीता को आश्चर्य नहीं हुआ। गीता की ये शिकायतें अब रोजमर्रा की बात बन गई थीं। उसने शांत स्वर … Read more

एक हाथ से ताली नहीं बजती – बबिता शर्मा 

एक छोटे से गाँव में, दो पड़ोसी रहते थे – राम और श्याम। वे दोनों एक ही खेत में काम करते थे और अच्छे दोस्त थे। लेकिन एक दिन, उनकी जमीन की सीमा को लेकर विवाद हो गया। राम ने श्याम पर आरोप लगाया कि वह उसकी जमीन पर कब्जा कर रहा है, जबकि श्याम … Read more

आंसू पीकर रह जाना -प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मेघा खूब खुश थी क्योंकि की कितने सालों के बाद वो राखी मनाने भईया के घर जा रही थी। मां – पापा के जाने के बाद तो सारा त्योहार ही सूना हो गया था। मायका ही नहीं बचा था। सब तैयारी कर ली, बाजार जाकर पूरे परिवार के लिए कपड़े खरीदे और राखी मिठाई सब … Read more

अतिथि,अब तुम जाओगे – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

बचपन में हमें टीचर ने सिखाया था कि अतिथि देवो भवः और सयाने होने पर दादी ने भी यही सिखाया था।जब भी चाचा, बुआ-फूफाजी अथवा पिताजी के मित्र हमारे घर आतें तो माँ हम सभी भाई-बहनों को एक कमरे में समेट देतीं थीं।अब रात को एक ही बिस्तर पर हम पाँचों भाई-बहन एक-दूसरे पर लातें … Read more

कलछुल -पुष्पा कुमारी “पुष्प” : Moral Stories in Hindi

“सुधा! तुमने ध्यान दिया?” “क्या?” “अपना बंटी कितना बदल गया है!” पहली बार अपनी पत्नी सुधा संग बलिया से बेंगलुरु बेटा-बहू से मिलने आए चंदेश्वर ने अपने मन की हलचल साझा किया। “आपने सही कहा जी! मैं भी कल से यही महसूस कर रही हूंँ कि कितनी जल्द समझदार हो गया है अपना नटखट बंटी।” … Read more

” बच्चे तो बच्चे ठहरे” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नियति दुनिया की नज़र मे एक बेहतरीन पत्नी ( जो अपने पति को एक गिलास पानी भी खुद से ना लेकर पीने दे ) एक बेहतरीन माँ ( जो अपने बच्चों पर बिना क्रोध किये उनकी बेहतर परवरिश करती है ) । जब भी कोई मेहमान घर आता नियति की तारीफ करते नही थकता कि … Read more

“एक सास का सपना” – माधवी मूंदरा : Moral Stories in Hindi

इंदु एक होशियार और मेहनती चार्टर्ड अकाउंटेंट थी। शादी के बाद वह अपने करियर और घर के बीच संतुलन बनाने में संघर्ष कर रही थी। सुबह ऑफिस के लिए जल्दी उठना, फिर घर के सारे काम निपटाना और समय पर ऑफिस पहुंचना — यह सब उसके लिए बेहद थकाऊ हो गया था।उसे लगने लगा था … Read more

राज़ खोलना – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

विनिता ने, चुपचाप किसी को कुछ भी बताये बग़ैर अपने दोस्त के साथ एक योजना बनाई।जब  वह अपने दोस्त के साथ बैठी हुई बातें कर रही थी। तब उन दोनों के पीछे उसका छह साल का बेटा वहीं पर सो रहा था। विनीता ने अपने दोस्त से, एक ‘केक’ लाने के लिए कहा था। तभी … Read more

राज खोलना – -परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

आज रानी खूब खुश थी कारण अपने श्वसुर को नौकर बना रखा था। अकेला बेटा इसका पति है सो जैसा चाहेगी वही करेगी,मगर दांव उल्टा पड़ गया। रानी का पति जवाहर एक दफ्तर में बाबू था और रानी उसके सामने श्वसुर से अच्छा व्यवहार करती थी और जाते ही- अबे बुढ ऊं, झाड़ू ठीक से … Read more

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