कान भरना – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

रामायण के प्रमुख पात्र दशरथनन्दन श्रीराम के राज्याभिषेक की तैयारी जोर-शोर से चल रही थी। पूरे अयोध्यावासी राम के राजा बनने की खुशी में नाच-गाकर उत्सव मना रहे थे।अगले दिन राज्याभिषेक की तैयारी में गुरु वशिष्ठ और विश्वामित्र अन्य पंडित -पुरोहितों के साथ विचारमग्न थे।राजा दशरथ और रानी कौशल्या अपने ज्येष्ठ पुत्र राम के राज्याभिषेक … Read more

कान भरना – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

रूही दीदी देखो सोनी ने आपकी बेग से नई पेन निकाल ली और दूसरी पुरानी पेन रख दी। यह सुनते ही सोनी तुरंत लगभग चीखते हुए आई और कहने लगी।   सोनी तुमने मेरी पेन क्यों ली?? तुम जानती हो मुझे यह सब पसंद नहीं है । मैं तो कभी भी तुम्हारी बेग से कुछ नहीं … Read more

कान भरना – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

“मीनू की मम्मी देखा, जब से अमित विदेश गया है, आपकी बहू उर्मी कभी इसके साथ, कभी उसके साथ खिलखिलाती घूमती है।” ” मूवी, कभी बाजार। थोडी बहुत लाज शरम है या नहीं।” ” गुडिया को दादी के भरोसे छोड जाती है। आप सब झेल लेती हो। अकेली पता नहीं कहां कहां भटकती है।” मीनू … Read more

चुगलखोरनी – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

— रीना सुबह से काम में लगी हुई थी। सबका चाय-नाश्ता बनाने के बाद जैसे ही वह निकली, देखा कि उसकी ननद सास के पास बैठकर धीरे-धीरे कुछ कह रही थी। रीना समझ गई थी, उसी का जिक्र हो रहा होगा। क्योंकि जब भी उसकी ननद ससुराल से आती है, अपनी मां का कान भरती … Read more

अपने काम से काम रखो – विमला गुगलानी :

“नमस्ते ममी, कैसी हो, क्या हाल है आपकी बहूरानी के, आ गए दोनों हनीमून से”           शिखा ने घर में घुसते ही मां से पूछा। “ हाँ, आ गए तेरे भैया भाभी, और आज दोनों काम पर भी गए, थके हुए तो थे, पंरतु छुट्टियां भी खत्म हो गई थी तो जाना ही पड़ा, एक अच्छी … Read more

कान भरना – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

जगन्नाथ जी आठ दिन से रोज सुबह होते ही मंदिर की सीढ़ियों पर आ कर बैठ जाते और मंदिर के पट बंद होने के बाद ही घर जाते। कई बार वह कुछ बड़बड़ाते हुए रोने लगते थे। मेरे लाख पूछने के बाद भी वह इसका कारण नहीं बताते। वे इस नगर के धनाढ्य और जाने … Read more

“अभिमान की राख” – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

प्रीती दीदी बचपन से ही बेहद सुंदर थीं। गोरा रंग, तीखे नैन-नक्श, लंबा कद — जैसे खुद ईश्वर ने समय लेकर तराशा हो। घर हो या बाहर, जहां जातीं, तारीफों की बौछार होती। कोई उन्हें देखे बिना आगे नहीं बढ़ता और कोई उनके रूप की तारीफ किए बिना चुप नहीं रहता। समय के साथ तारीफों … Read more

अपनी ज़मीन (संस्कार) – गीता अस्थाना : Moral Stories in Hindi

****************** एक छोटे-से शहर मिर्जापुर में ललित प्रसाद जी ने अपने यौवनावस्था में, सीमेंट, सरिया छड़ आदि लोहे का बिजनेस की शुरुआत की थी। समयोपरांत वे शीघ्र ही सफल व्यवसाई बन   गए। उनके चार बेटे थे अनीश, सुरेश, महेश और नीलेश।अनीश को छोड़कर तीन बेटों को अलग अलग शहरों में इसी बिजनेस में लगा … Read more

मिठास बनाम आज़ादी – कंचन श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बच्चों के ब्याह के बाद अजीब कसमकस से रीता गुज़र रही हमेशा खिला खिला  रहने वाला चेहरा मुर्झाया और तनावग्रस्त रहता। जिसे उसकी बेटी बबली “जो कि अभी पढ़ाई कर रही ” ने भाप लिया ।उससे रहा नही गया तो पूछा ली क्या बात है अम्मा आज कल तुम बड़ा बुझी बुली सी रहती हो … Read more

नियंत्रण – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

      सुनंदा के पति एक व्यवसायी थी।उनका काम अच्छा चल रहा था।अचानक उन्हें अपने व्यापार में बहुत मुनाफ़ा होने लगा।घर में लक्ष्मी की वर्षा होने लगी, फिर तो वो # आसमान पर उड़ने लगी।अनाप-शनाप चीज़ों पर पैसा खर्च करने लगी। उसका बेटा अंशु उससे पचास रुपये माँगता तो वो उसे सौ रुपये थमा देती।धीरे-धीरे अंशु की … Read more

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