आँचल पसारना – डॉ० मनीषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi
सुबह की ठंडी हवा में बारिश की सोंधी गंध घुली हुई थी। सड़कें भीगी थीं, चमकती हुई। रामकिशन अपना पुराना ऑटो-रिक्शा चलाते हुए स्टेशन की ओर बढ़ रहा था। उसकी आँखें थकी हुई थीं, पर चेहरे पर एक जिद्दी संकल्प था। आज अस्पताल में पत्नी माया का आखिरी इलाज था। बिल चुकाना था। जेब में … Read more