” पिता का आशीर्वाद ” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” पापा कब छोड़ेंगे आप अपना गँवार पन , इतनी इज्जत कमाई है मैने अपनी मेहनत के बल, सब मिट्टी मे मिलाने मे लगे हो आप !” मेहमानों के जाते ही अरुण मानो अंगारे उँगलने लगा। ” बेटा मुझे पानी पीना था कमरे मे था नही बस इसलिए रसोई मे पानी लेने जा रहा था … Read more

अंगारे उगलना – सुनीता परसाई ‘चारु’ : Moral Stories in Hindi

हरि का दोस्त मनोहर बाहर से आवाज दे रहा था “अरे ओ हरि! खेलना नहीं है क्या आज? “हांँ-हांँ चलता हूँ”   हरि व मनोहर अच्छे दोस्त थे। एक ही मोहल्ले में रहते थे। साथ खेलते साथ ही शाला जाते थे। हरि के पापा एक प्राइवेट कंपनी में  काम करते थे। उनकी कमाई से घर आसानी … Read more

अंगारे उगलना – खुशी : Moral Stories in Hindi

रवि मां बाप का लाडला बेटा था।1 बहन आरती और भाई विशाल था।पिताजी सरकारी नौकरी में थे मोतीलाल मां सरिता देवी गृहिणी थीं पर पति और रवि को अपने काबू में कर रखा था।रवि का बहुत बड़ा डिपार्टमेंटल स्टोर था। उसकी शादी सविता से हुई । समय के साथ पिता जी का स्वर्गवास हो गया। … Read more

मिसरी सी बतियां – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मां ये करेले का जूस वैसा ही पड़ा है।इसको कौन पियेगा।सुबह से झक मार रही हूं मैं।जूस निकालने में कितनी मेहनत और समय लगता है आप क्या जाने बैठे बैठे पीने को मिल जाता है फिर भी पिया नहीं जाता आपसे..निमी की तीखी आवाज से मां जी झट से बिस्तर पर उठ कर बैठ गईं … Read more

स्नेह का बंधन – रचना गुलाटी : Moral Stories in Hindi

आज मीरा का मन बहुत बेचैन था। उसे अपनी माँ की बहुत याद आ रही थी। माँ की फ़ोटो हाथ में लेकर वह सुबक रही थी। कमरे के एक कोने में बैठी हुई अपनी माँ को याद कर रही थी। उसकी माँ उसके बचपन में ही उसे छोड़कर भगवान के पास चली गई थी। उस … Read more

अंगारे उगलना – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

परीक्षा के परिणाम घोषित हो गये थे। हमेशा अव्वल आनेवाली विद्या प्रतियोगी परीक्षा में पीछे रह गयी थी। आंसू झरझर बह रहे थे। कितने सपने संजोये थे उसने। कितने अरमान थे माँ के। पापा से बिछडने के बाद माँ बेटी एक दूजे का सहारा, संबल थी।  उसे पता है, माँ अकेली होती है तब खूब … Read more

बेटी होना पाप नहीं – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

माँ, पापा कहाँ है, पूछते हुए दामिनी रसोईघर मे घुसी। अरे! यह क्या कर रही है? बाहर से आकर सीधे रसोई मे घुस गईं, और यह क्या ना प्रणाम ना गले लगना,बस आते ही पापा कहाँ है। पहले मुझसे मिल ले फिर पापा की खोज खबर भी ले लेना।अब दामिनी को अपनी गलती का एहसास … Read more

ताकत – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

  अपने ही घर में उन दरिंदों द्वारा तार-तार कर दी गई अपनी बेटी की अस्मिता पर माँ और बेटी दोनों ही जार-जार रो रही थीं। वहीं पास में बेटी के पिता लाचार एवं असहाय खड़े थे क्योंकि दोनों दरिंदें राजनीति एवं पैसे की दृष्टि से बहुत रसूखदार एवं ताकतवर थे। तीनों ही अपने आप को … Read more

वो अनपढ़ स्त्री – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

 बला की खूबसूरत थी वो स्त्री…. सजने संवरने के बाद तो उस पर चार चांद ही लग जाते थे…..हाव-भाव , तौर तरीकों से कोई समझ ही नहीं सकता था कि वो अनपढ़ है ….उसके पास कागज की डिग्रियां जो नहीं थी …! पर वो जिंदगी के समीकरण को खूब समझती थी  …रिश्तो के जोड़ घटाव … Read more

कैसे-कैसे लोग –  विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” सीमा..किसी का फ़ोन आ रहा है..मैं तुमसे फिर बात करती हूँ..।” कहते हुए अंजू ने फ़ोन डिस्कनेक्ट कर दिया।     सीमा की पड़ोसन थी अंजू।दोनों ऊपर-नीचे के फ़्लैट में रहतीं थीं।अंजू अक्सर ही सीमा के घर चली आती और सास-ननद, पति-बच्चे की बातें करती।कभी बहुत प्रशंसा तो कभी बहुत शिकायत।सीमा उसकी बातें सुनती..हाँ- हूँ कर … Read more

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