ये गंवार तुम्हारी मां है – मंजू ओमर

हेलो हेलो मां हां, हां बेटा कैसी है मां ठीक है ,और बेटा तू कैसा है कब आएगा तू ,कब से तेरे आने की राह देख रही हूं। बेटा बस जल्दी ही मिलूंगा मां, मां मैं शादी कर रहा हूं।दो दिन बाद मेरी शादी है बड़े होटल से । मां बस तुम तैयारी करके रखना … Read more

भगवान भी माँ के बाद – विमला गुगलानी

    माँ माँ , देखो मुझे आज फिर ‘ गुड ‘ मिला , विशू ने स्कूल से आते ही अपनी कापी का वो पन्ना माँ के आगे रखते हुए कहा। विशू के चेहरे पर खुशी की चमक देखकर गोमती ने उस पन्ने पर पहले  बड़े प्यार से हाथ फेरा, और फिर बेटे की और देख कर … Read more

परिचय – शुभ्रा बैनर्जी

“सुशीला ,वाह!!!क्या कचौरियां बनाईं हैं तुमने।मुंह में डालते ही मानो घुल गईं।अब हम समझे,कि तुम हमारी तरह होटल में किटी पार्टी क्यों नहीं करती।अरे,जब इतने कम पैसों में घर में ही खाने की व्यवस्था हो जाती है, तब फालतू में पैसे बहाने की क्या जरूरत?मानना पड़ेगा भई तुम्हें।आम के आम ,गुठलियों के दाम।” पिंकी की … Read more

यह गंवार मेरी मां है। – गीता अस्थाना

सोहन एक गांव में खेतों में मज़दूरी करने वाले दम्पति बदरी और लाली का इकलौता बेटा है। मज़दूरी करते हुए उन्होंने सोहन को अपने ही गांव के स्कूल में पांचवीं कक्षा तक पढ़ाया। सोहन पढ़ने में तेज था। कक्षा में हमेशा प्रथम आता था। जब सोहन पांचवीं कक्षा उत्तीर्ण किया तो उसी साल गांव के … Read more

ये गवार औरत ,मेरी माँ है। – लक्ष्मी त्यागी :  Moral Stories in Hindi

गौरव बड़े परिश्रम से पढ़ता था, ताकि वह अपनी माँ की उम्मीदों पर खरा उतर सके,उनके अरमानों को पूर्ण कर सके ,उसकी माँ बड़े परिश्रम से और लोगों से ऋण लेकर, उसे पढ़ा -लिखा रही थीं। गौरव के पिता एक अच्छी कम्पनी में  कार्यरत थे , उनके घर में खूब खुशियां और शांति थी। उन्हीं … Read more

गंवार माँ – अर्चना खण्डेलवाल :  Moral Stories in Hindi

शिरीष मुझे थोड़े रूपये और दे दो, मुझे आज शॉपिंग पर जाना है, शाम को वर्षा और मुक्ता आ रही है, तो बहनों के साथ मैं भी चली जाऊंगी, कुछ मनपसंद का ले आऊंगी, चारू ने खुशी से कहा पर उसकी बातें सुनकर शिरीष का चेहरा उतर गया। क्या हुआ? तुम इतने उदास क्यों हो … Read more

कामवाली की माँ – रीतू गुप्ता :  Moral Stories in Hindi

भाभी घर का सारा काम हो गया है।अब मैं चलती हूँ । भाभी कल पूरा दिन नहीं रुक पाऊँगी, माँ को दिखाना है। सुबह जल्दी आकर और सारे काम निपटा कर जल्दी ही घर के लिए निकल जाउगी, बाद का आप देख लेना।  अरे पूनम, कल तो मेरी किटी है, और मेरी सारी सहेलियों को … Read more

लाड़ वाली भाषा – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

क्या जाहिल औरत हो ? कौन दूध में इस तरह उँगली डालकर चेक करता है कि गर्म है या ठंडा ? हज़ार बार कहा है कि मेरे बच्चों के मामले में ये गँवारपन मत दिखाया करो ।  नहीं जी …. मेरे हाथ एकदम साफ़ है । अभी रोटी बनाकर हाथ धोने के बाद ही चौके … Read more

ये गवार औरत मेरी मां है। – दीपा माथुर

शाम का वक्त था। बड़े-बड़े झूमर जल उठे थे और घर में हर ओर हलचल थी। कीर्ति इधर-उधर दौड़ रही थी, कभी किचन में जाती, कभी हॉल में सजावट देखती। गुब्बारे, रंग-बिरंगे पर्दे, फूलों की खुशबू और तरह-तरह के पकवान—सबकुछ मिलकर घर को एक महफ़िल बना रहे थे। आज विभु का जन्मदिन था। उसकी कामयाबी … Read more

यह गंवार औरत मेरी मां है – सीमा सिंघी

अरे मनीष बस दो मिनट और रुक जाओ । मैंने तुम्हारे लिए तुम्हारी ही पसंद के मेथी के पराठे और आलू की सब्जी बनाई है । मुझे आज थोड़ी देर हो गई इसीलिए मैंने अभी तो तुम्हें दही पराठे खिला दिए, मगर अब सब्जी भी लगभग बनकर तैयार हो गई है ।  इसे मैं अभी … Read more

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