जब तुम मां बनोगी तो पता चलेगा – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

 मेरे हाथों में तेल का कटोरा देखते ही सखी मुझसे कहने लगी ! दादी मैं तो अभी बालों में तेल नहीं लगाऊंगी! यूं तेल लगाकर कॉलेज जाने से मेरी सारी सहेलियां मुझ पर हंसती है ! जिस दिन घर पर रहूंगी तो मैं आपसे जरूर लगवा लूंगी कहकर वो कॉलेज के लिए निकल पड़ी!   सखी … Read more

जब तुम माँ बनोगी, तब पता चलेगा” – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

“माँ, आप हर बात पर रोका टोकी क्यों करती हैं? मुझे अपनी ज़िंदगी अपने हिसाब से जीने दीजिए!”— मीनू ने गुस्से में कहा और कमरे का दरवाज़ा ज़ोर से बंद कर लिया। माँ– सौम्या शांत खड़ी रहीं।उसने कोई जवाब नहीं दिया। ये पहली बार नहीं था जब मीनू ने ऐसा बर्ताव किया था।मीनू 25 साल … Read more

माँ का त्याग – नीरज श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

जब तुम माँ बनोगी तब पता चलेगा कि माँ का दर्द क्या होता ? औलाद को एक खंरोच भी आ जाये तो माँ का हृदय वेदना की दर्द से छलनी-छलनी हो जाता है। राधिका अपनी बात पूरी कर पाती उससे पहले ही रेवती ने जोर से किवार बंद किया और कमरे से बाहर चली गई। … Read more

और दूरियाँ मिट गई – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

सूरज की हल्की रोशनी प्राची के कमरे में धीरे-धीरे फैल रही थी। अलार्म की घंटी बजी और 45 साल की प्राची उठ गई। कुछ साल पहले उसके पति गुजर चुके थे, और तब से घर की सारी जिम्मेदारियाँ उसके कंधों पर थीं। बेटी नेहा की परवरिश, घर का खर्च, ऑफिस का काम — सब कुछ … Read more

“और दूरियां मिट गई” – ज्योति आहूजा

सूरज की हल्की रोशनी प्राची के कमरे में धीरे-धीरे फैल रही थी। अलार्म की घंटी बजी और 45 साल की प्राची उठ गई। कुछ साल पहले उसके पति गुजर चुके थे, और तब से घर की सारी जिम्मेदारियाँ उसके कंधों पर थीं। बेटी नेहा की परवरिश, घर का खर्च, ऑफिस का काम — सब कुछ … Read more

जब तुम माँ बनोगी तब पता चलेगा – के कामेश्वरी :  Moral Stories in Hindi

सुचित्रा खाना बना रही थी कि फोन की घंटी बजी …… पति कृष्णमूर्ति सब्ज़ियाँ लाने के लिए बाज़ार गए हुए थे …….. इसलिए उसने ही फ़ोन उठाया …….. अभी हेलो कहा भी नहीं था कि बेटी सुधा ने कहा …… माँ मुझे आप से अर्जेंट काम आ गया है ……. दो दिन के लिए मेरे … Read more

जब तुम मां बनोगी तब पता चलेगा – प्रतिमा श्रीवास्तव :  Moral Stories in Hindi

“मां जी आप इनके पीछे बच्चों जैसी पड़ी रहती हैं। हद्द हो जाती है कभी – कभी तो की बेटा ऑफिस से देर से आए तो गेट के पच्चीस चक्कर लगा डालती हैं। वैसे तो कहतीं हैं की आपके घुटने में दर्द है।जब तक ख़ाना नहीं खाते आप कुछ नहीं खातीं है। छोटे बच्चे हैं … Read more

जब तुम माँ बनोगी – डॉ० मनीषा भारद्वाज :

 Moral Stories in Hindi “नहीं! बिलकुल नहीं! ये  नीला वाला ड्रेस नहीं पहनूंगी! ये हरा मेरा फेवरेट ड्रेस है!” पांच साल की आद्या ने ज़मीन पर लोट लगा दी, उसकी आँखों से आंसुओं की नदियाँ बह रही थीं। उसकी माँ, आर्या, एक पल को जमी हुई मूर्ति की तरह खड़ी रह गई। उसके हाथ में … Read more

error: Content is protected !!