मां का संदूक – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi
राहुल उस दिन घर आया तो आँगन में धूप सुनहरी चादर बिछाए खड़ी थी। कोने में माँ बैठी थीं—झुकी कमर, काँपते हाथ, आँखों पर मोटा चश्मा। उनके सामने रखा था एक पुराना लकड़ी का संदूक, जिसकी काली पेंट जगह-जगह से उखड़ चुकी थी। राहुल ने अनमनेपन से कहा— “माँ, इस जंग लगे संदूक में अब … Read more