शिक्षक – ऋतु गुप्ता खुर्जा  : Moral Stories in Hindi

शहर का फुलवारी नाम का बड़ा सा हॉल आज तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा जब एक बड़ी आईटी कंपनी के मालिक देव ने नामी यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड शिक्षक मित्तल सर द्वारा सम्मान प्राप्त किया।मित्तल सर ने जब देव को पहचानने की कोशिश की तो देव ने पुरानी यादों से उन्हें रूबरू कराया। उसने बताया … Read more

अपनो की पहचान – खुशी : Moral Stories in Hindi

आदित्य एक बिज़नेस मेंन था। उसके माता-पिता का देहांत  17 18 वर्ष की उम्र में होने के कारण रिश्ते के नाम पर दूर के चाचा चाची थे जो माता पिता के अंतिम संस्कार के बाद यही रुक गए और चाची कमला अपने आपको इस घर की मालकिन ही समझने लगी। आदित्य भी सोचता की चलो … Read more

कैसी सजा – देवसेना दुत्ता : Moral Stories in Hindi

रीमा आरू से फोन पर बात कर रही थी।आरू अपने घर की और बच्चों की बातें कर रही थी। खुशियां,शिकायतें और छोटी-छोटी ढेरों बातें।बातें आज की होते-होते पुराने समय तक पहुंच गई। आरू ने अपनी 25वीं शादी की सालगिरह पर उसे न्योता देने के लिए फोन किया था। शुभकामनाएं देते हुए रीमा ने आने का … Read more

अपनो की पहचान – नीरज श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

कभी-कभी जीवन में परिस्थितियाँ एक सी नहीं होती। कभी उतार तो कभी चढ़ाव लगा ही रहता है। जीवन के इसी उतार चढ़ाव ने आज नीरज को एक नई सीख दे डाली थी। कौन अपना, कौन पराया की परिभाषा नीरज नहीं बल्कि वक्त लिख रहा था।              नीरज पिछले दस सालों से एक ही हॉस्पिटल में काम … Read more

अपनों की पहचान – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

देखो मां.. आपके मना करने के बाद भी यह नीरज आज फिर ठाकुर साहब की हवेली में गया था। तुम भी हमेशा भाई के पीछे पड़ी रहती हो।क्यों नीरज ..अब तुम्हीं बताओ क्या राधा सच कह रही है? हां मां.. उनके बाग में बहुत सारे अमरूद के पेड़ हैं। इस समय तो जैसे उन पर … Read more

अपना अस्तित्व – संगीता अग्रवाल

“कमला आज रागिनी की पसंद का खाना बनाना तुम!” राज अपनी घरेलू सहायिका से बोला। ” पर साहब मेमसाहब की पसंद क्या है ? आप बता दीजिये मुझे मुझे तो अभी चार दिन ही हुए आये मैं कैसे जानूँ !” कमला बोली। ” रागिनी को बैंगन आलू और पापड़ की सब्जी बहुत पसंद है तुम … Read more

अपनो की पहचान – रीतू गुप्ता : Moral stories in hindi

चारो ओर शोर मच रहा था   आवाजें आ रहीं थी …  बहुत भयंकर .. एक्सीडेंट हुआ है…  अरे ये तो वरुण फेमस यू-ट्यूबर है..  कोई हॉस्पिटल लेके जाओ … कोई एम्बुलेंस बुलाओ… मिली-जुली आवाजें… .अरे नहीं बेकार में हम फंस जायेगे यार… पड़ा रहने दे… तु तो फैन है उसका… फैन हुं तो क्या.. पुलिस … Read more

अपनों की पहचान – मधु वशिष्ठ : Moral stories in hindi

—————- मैं अपने ही घर में  हूं और यहां सब मेरे अपने ही हैं परन्तु मां को ख्याल क्यों नहीं आ रहा कि वह कह क्या रहीं है? मैं 30 साल की होने को आई हूं,  परंतु वह कह रही हैं  कि शीतल जो कि।  मुझसे 4 साल छोटी है, क्यों ना उसका विवाह कर … Read more

अपनों की पहचान – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral stories in hindi

बाहर बारिश ऐसे बरस रही थी जैसे आसमान भी किसी अदृश्य पीड़ा से रो रहा हो। बिजली की चमक, गड़गड़ाहट और भीगे शहर की निस्तब्धता के बीच डॉक्टर आरव ICU की चौथी मंज़िल पर खड़ा था। लोगों की जान बचाने वाले वही हाथ आज खुद अपने मन की जद्दोजहद से जूझ रहे थे। बचपन से … Read more

मर्यादा की लकीर – परमा दत्त झा : Moral stories in hindi

शांति देवी अपने कमरे में चुपचाप बैठी थीं। खिड़की से आती हल्की हवा में उनके कागज़ हिल रहे थे। वह अपनी आठवीं कहानी लिख रही थीं। लिखना उनका शौक भी था और जीवन का सहारा भी। पति के निधन के बाद उन्हें सरकारी पेंशन मिलती थी और कभी-कभी उनकी कहानियाँ पत्रिकाओं में छपती थीं, तो … Read more

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