राधा के घर में खूब हलचल थी, आज उसके बेटे बहु उसका ६०वां जन्मदिन धूमधाम से मना रहे थे।
राधा ने खूब मना किया कि इस बुढ़ापे में यह सब कहाँ अच्छा लगता है…
पर उनकी बहु सिया नहीं मानी।
वो बोली… माँ, दिल होना चाहिदा है जवान … उम्र च की रखिया।
राधा की अपनी बहु के आगे एक ना चलती, इसलिए नहीं की वो लड़ाकी बहु है या अपनी सास की सुनती नहीं। बल्कि इसलिए कि वो एक बेहद सुलझी हुई, समझदार बहु है, जो आज में जीना जानती है। बस यही मंत्र उसने अपनी सास को सिखाया है।
मोहन, राधा जी के पति की अचानक मृत्यु होने पे राधा जी तो तनावग्रस्त हो गयी थी, खाना-पीना सब छोड़ दिया था, बिमार रहने लगी थी वो। जीने की कोई तमन्ना ही न रही थी उसकी।
सिया ने ही उन्हें तनाव से बाहर निकाल जीने का नया सहारा दिया था। जीने की नई उम्मीद पैदा की उसमें।
राधा जी जिनको दो ही चीज़ो का शौंक था, एक खाना बनाने का, दूसरा डांस का।
सिया अब राधा जी को बिजी रखने के लिए उनसे तरह तरह का खाना बनाने को कहती … और उनका विडिओ निकालती फिर अपडेट कर यूट्यूब पे डालने लगी। १ महीने में ही उनके ५० सब्सक्राइबर हो गये।
सिया ने पहले के पड़े हुए डांस वीडियो भी डाल दिए। जिस पर लोगों ने उनसे क्लासेज लेने को कहा।
सिया ने यह बात अपने पति को और सास को बताई।
पति बोले … सिया तुम पागल हो गयी हो, वर्णा इस उम्र में कोई ऐसा करता है भला। मां इस उम्र में आनलाइन क्लासेज कैसे लेगी…
राधा … हाँ बेटा … लोग पता नहीं क्या-क्या बोलेगे …
मुझसे ये सब होगी भी नही..
माँ, लोग आएंगे क्या .. आपका दुःख बाँटने, आपका अकेलापन दूर करने, और यह इस उम्र…इस उम्र.. क्या लगा रखा है आपने…
उम्र तो सिर्फ एक सॅंख्या है मां… सिर्फ एक नंबर..और कुछ नहीं।
मां मैं हूंना आपके साथ.. बस आपको सिर्फ सिखाना है… बाकी सब मैं देख लुंगी।
दोनों माँ बेटे सिया के तर्को का जवाब ना दे सके। आखिर सिया ने मना लिया दोंनो को।
नतीजा आज राधा जी सीनियर सिटीजन होने के बावजूद सफल यूटूबेर में गिनी जाती थी .. उनकी आमदनी भी होने लगी और उनका समय भी काटने लगा … उनका कॉन्फिडेंस भी बढने लगा।
और तो और उसने पहले 10 बेस्ट यूट्यूबर में सिलेक्ट हो इनाम भी जीते।
उसके कुकिंग टिप्स आज की जेनरेशन के खूब काम आ रहे थे। उसके कुकिंग और डांस चैनल लगभग हर मोबाइल की जान बन चुके थे।
अब राधा जी ने सब सीख लिया था.. खुद विडिओ बनाती, एडिट कर खुद अपलोड करती।.यहां तक की सब कमेंट्स के रिप्लाई भी खुद ही करती।
यु ट्युब की शाइनिंग स्टार बन चुकी थी राधा जी।
आज की सारी पार्टी का खर्चा वो खुद उठा रही थी …
और बुजर्गो के लिए प्रेरणा बन सब का स्वागत कर रही थी।
दोस्तों यह बात सच है कि सबको बुढ़ापा आना है…
, साथी भी छूटने है… पर इसका मतलब यह नही हम जीना छोड़ दे….बल्कि हमे हमेशा खुद को व्यस्त रखना चाहिए.. कुछ नया करते रहना चाहिए….. सीखने की कोई उम्र नही होती….क्युकि ऐज इज जस्ट ए नंबर।
रीतू गुप्ता
स्वरचित
अप्रकाशित