Moral stories in hindi : सुनो शिवि मैं ऑफिस के बाहर खड़ा हूं, आ जाओ पांच मिनट में…. अनुज ने फोन करके बोला
हां अनुज आती हूं अभी बस … और शिवि रुपए अपने पर्स में रखती हुई नीचे आ जाती है और अनुज के साथ कार में बैठ जाती है।
अरे वाह मैडम आज तो चेहरा बड़ा चमक रहा है , क्या बात है ? बॉस ने तारीफ की होगी ज़रूर
नही उससे भी बड़ी बात है….
हां तो बताओ ना फिर….
ये देखो ….. शिवि अपने पर्स से रुपए निकाल अनुज को दिखाती है….
इतने रुपए… लॉटरी लगी क्या मैडम?
नही अनुज…. ये मुझे बोनस मिला है। वैसे तो सर अकाउंट में ट्रांसफर करते पर मैने मना किया मुझे कैश ही चाहिए था।
पर क्यों?
ये एक राज़ की बात है। शिवि अनुज को चिढ़ाते हुए बोली
राज… कैसा राज़ अरे हम दोनो के बीच कोई बात छिपी है जो तुम आज छिपा रही हो । और इतने रुपए का करोगी क्या? लाओ मुझे दे दो मैं अकाउंट में डलवा देता हूं… अनुज बोला
नही बोला ना, मुझे कैश रखना है और क्या करूंगी क्या नही ये भी एक राज़ की बात है….
चलो छोड़ो …. मैं तुम्हे घर ड्रॉप करके काम से जा रहा हूं आता हूं थोड़ी देर में कहकर अनुज शिवि को घर के बाहर उतार कर चला जाता है।
शिवि घर आकर सासू मां को बताती है कि उसे आज बोनस मिला है और वो बहुत खुश है।
उसकी सास सुलोचना जी भी उसे ढेरों आशीर्वाद देती है और अपनी बहू की कामयाबी पर फूली नहीं समाती।
थोड़ी देर बाद……
लीजिए मां जी ये रुपए आपके लिए हैं इन पर सिर्फ आपका हक है। शिवि ने अपनी सास सुलोचना जी को बोला
अरे ये रुपए तो तुम्हे बोनस के मिले हैं बेटा, ये तुम मुझे क्यों दे रहीं हो?सुलोचना जी ने कहा
बेशक मां जी ये मुझे बोनस में मिले जरूर हैं पर इन पर जितना हक मेरा है उतना ही आपका भी। क्योंकि आपके बिना ये असंभव था।
जहां मैने ऑफिस में काम किया उतना ही काम आपने भी तो किया है घर और अवि को सम्हालने में। यदि आप ये सब नहीं संभालती तो मैं कहां कुछ कर पाती।
अरे बेटा ये सब तेरी मेहनत और समर्पण का नतीजा है मेरा कुछ रोल नहीं इसमें। तू रख अपने पास। मैं तो इसी मे खुश हूं कि तेरी मेहनत रंग लाई और तुझे तरक्की मिली।
अगला भाग
बोनस पर सिर्फ सासू मां का हक ( भाग 2) – निशा जैन : Moral stories in hindi
धन्यवाद
स्वरचित और मौलिक
निशा जैन