बिसात – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “अरे दीदी आपका चेहरा क्यों लटका हुआ है क्या किसी ने कुछ कह दिया आपसे? ऊपर की मंजिल पर रहने वाली मालती अपनी जेठानी मोनिका का उदास चेहरा देखकर बोली तो मोनिका दुखी स्वर में मेज पर रखा दूध का गिलास दिखाते हुए उससे बोली” देखना कैसा पानी सा दूध दिया है बहू ने कितनी बार मना किया है

बहू से कि मेरे दूध में पानी मत मिलाया कर परंतु ,बहु मेरे से इतना जलती है कि खुद तो निखडु दूध पीती है मेरे कई बार मना करने पर भी बहू मेरे दूध में पानी मिला देती है जब मैं काम करती हूँ तो कभी भी मदद करने के लिए नहीं आतीं खाना खाने बैठती हूँ तो यह देखने के लिए कि मैं क्या खा रही हूं चार चक्कर लगा देती है बताओ ऐसे घर में अब कैसे मन लगे?जेठानी की बात सुनकर मालती को कूछ पूरानी बाते याद आ गई थी

जब वह दुल्हन बनाकर अपनी ससुराल आई थी उस वक्त उसकी जेठानी जो बेहद हष्ट पुष्ट व खूबसूरत थी वह मां बनने वाली थी तब वह बड़ी बहन की तरह अपनी जेठानी के खाने पीने का बहुत ख्याल रखती थी जब उसने बेटे को जन्म दिया तब भी उसने उसके खाने पीने का बहुत ख्याल रखा था उसे सुबह शाम लोटा भर के दूध देती थी और खाने में उसका मनपसंद खाना बना कर देती थी जिसके कारण उसकी जेठानी और बेटा दोनों बेहद तंदुरुस्त और खूबसूरत हो गये थे उसके सास-ससुर भी जेठानी और उसके बच्चे के खाने पीने का बहुत ख्याल रखते थे तब वह सबको अपनी सेवा करते देखकर बड़ी प्रसन्न रहती थी।

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लेकिन कुछ समय बाद जब वह गर्भवती हुई तो उसकी जेठानी उससे खुश होने की बजाय उसे जलने लगी थी घर में कुछ काम करने के बजाय दिन भर वह अपने बच्चे को खिलाती रहती थी मालती खाना बनाने के बाद जब खाना खाने बैठती तो वह क्या खाना खा रही है और कितना खा रही है? यह देखने के लिए वह रसोई में कई चक्कर लगा देती थी कभी-कभी तो वह उसकी रोटियां भी गिनकर उसकी सास को बता देती थी जब कभी जेठानी का सास से झगड़ा होता तब उसकी सास उसे सब बता देती थी।

गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में उल्टी लगने के कारण उसे बेहद कमजोरी आ गई थी जिसे दूर करने के लिए डॉक्टर ने उसे फल खाने का परामर्श दिया था तब एक दिन उसके ससुर उसके लिए फल लेकर आए उस वक्त वह कुछ काम कर रही थी उसने यह सोचकर कि काम खत्म करने के बाद फल खा लूंगी उसने फलों को अपने कमरे में रख दिया था काम खत्म करके जब वह कमरे में गई तो कमरे में फल ही नहीं थे उसकी जेठानी फल उठा कर अपने कमरे में ले गई थी और वहीं बैठकर सारे फल खा गई थी जब उसके सास- ससुर, पति और जेठ को इस घटना का पता चला तब वे सब उसकी जेठानी की हरकत पर बेहद दुखी हुए थे परंतु, घर में क्लेश ना हो यह सोचकर सब चुप रह गए थे।

गर्भावस्था का समय पूरा होने के बाद जब उसने एक बेटे को जन्म दिया तब उसकी जेठानी उसके खाने पीने का बिल्कुल ख्याल नहीं रखती थी जिसके कारण वह और उसका बेटा दोनों बेहद कमजोर हो गए थे एक दिन बेटे को भूख लगने पर जब वह उसके लिए दूध लेने रसोई में गई तो उसने देखा उसकी जेठानी ने अपना दूध अलग बर्तन में रख रखा था और उसके बेटे का दूध अलग बर्तन में करके वह उसमें पानी मिला रही थी अपनी जेठानी की ऐसी हरकत देखकर उसे बहुत दुख हुआ और उसने उसी पल अपने सास- ससुर की सम्मति से अपनी जेठानी से अलग रहने का फैसला कर लिया था ताकि ढंग से अपने बेटे का पालन पोषण कर सके।

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“अरे मेरी बात सुनकर तू क्या सोचने लगी? मोनिका की आवाज मालती के कानों में पडी तो उसकी तंद्रा भंग हो गई थी वह मुस्कुराते हुए बोली “दीदी अपने कर्मों के फल तो खुद ही भुगतने पड़ते हैं आपने जो मेरे साथ किया था वही आपकी बहू आपके साथ कर रही है कितना बुरा लगता है ना जब हमारा किसी के साथ अच्छा करने पर भी वह हमारे साथ ऐसा करता है तो काश! आप उस वक्त यह बात समझ पाती तो आज आपको यह दिन ना देखना पड़ता” मालती की बात सुनकर शर्मिंदगी के कारण मोनिका कुछ बोलने की बजाय नीची नजर करके इधर-उधर देखने लगी थी।

दोस्तों यदि जिंदगी में खुश रहना है तो हमेशा अच्छे कर्म कीजिए और लोगों को खुशी देने की कोशिश कीजिए क्योंकि किए हुए कर्मों के फल जीवन में कभी ना कभी भोगने जरूर पडते हैं हमें जीवन में कई बार वही मिलता है जो हम किसी को देते हैं चाहे वह बहू के रूप में हो सास के रूप में हो बेटे के रूप में हो या किसी अन्य रूप में जब भगवान भी कर्मों के फल से बच नहीं सके तो इंसान की क्या बिसात है जो कर्म फल से बच सके?

#जलन

बिना शर्मा

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