शाम को जब पदमिनी के पिता घर आए तो उसकी मां ने पूछा _ घर की मरमत के लिए कुछ रूपयो का इंतजाम हुआ।
अक्षय लाल ने उदास होकर केवल तीन हजार रूपयो का इंतजाम हुआ है।जिस ठेकेदार के यहां काम करता हु उससे एडवांस ले लिए है।मैं मजदूरी करके उनके रुपए चुका दूंगा।
लेकिन इतने रूपयो से घर कैसे मरम्मत होगा।अगर कही पानी बरस गया तो घर कभी भी गिर सकता है।नैना देवी ने चिंतित होकर कहा।
तभी पदमिनी ने दरवाजे से अंदर आते हुए कहा _ मां तुम चिंत मत करो आनंद के दोस्त और मेरी सहेलियां आपस मे चंदा करके कुछ रुपए देंगे जिससे हमारे घर की मरमत हो जायेगी।कल नरेंद्र एक राजमिस्त्री लेकर आएगा।वो घर की जांच कर मरमत का खर्चा और सामग्रियों के बारे में बता देगा ।
मजदूर के रूप में मैं और मां भी काम कर लेंगे कुछ मजदूरी भी बच जायेगी।
ये तुमने क्या किया बेटी अपने दोस्तो से चंदा लेकर घर की मरमत करवाओगी ।उसके पिता ने नाराज होते हुए कहा।उसकी मां ने भी एतराज जताया।
आप दोनो नाराज न हो ।उनके रुपए हम सब बाद में लौटा देंगे।पदमिनी ने कहा ।
तब ठीक है।उसकी मां ने सहमति जताते हुए कहा।
आनंद ने अस्पताल में जब विधायक जी को फोन कर उनके नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जानलेवा हमले के बारे में बताया था तो उनको विश्वाश नही हुआ था।उल्टे वे नाराज होते हुए बोले थे मैने उस क्षेत्र में गरीबों और आदिवासियों के विकाश हेतु काफी काम किया है भला उग्रवादी मुझ पर हमला क्यों करेंगे।मैं मान ही नहीं सकता।तुमको यह खबर किसने दिया।
आनंद ने पदमिनी की भविष्यवाणी के बारे बताते हुए कहा था की इसकी अब तक की सभी भविष्यवाणियां सही साबित हुई है।इसलिए आप सावधानी बरते ।
नही हरगिज नहीं मैं किसी की भविष्यवाणी को नही मानता।दो दिन बाद मेरा उस क्षेत्र में कार्यक्रम है ।मुझे वहा हरहाल में जाना होगा।मैं अपने लोगो को निराश नहीं कर सकता।इतना कहकर उसने फोन काट दिया।
आनंद बहुत चिन्तित हुआ था और उसने नरेंद्र से कहा _ फोन पर एसपी साहब से बात करना ठीक नहीं रहेगा तुम तुरंत पदमिनी को लेकर उनके ऑफिस जाओ और उनसे मिलकर सारी बात बताओ ताकि गुप्त रूप से उनकी सुरक्षा का वे पूरा इंतजाम कर सके।
नरेंद्र ने वही किया था ।वो पदमिनी को लेकर एसपी साहब के ऑफिस जाकर उनसे मिला था और सारी बात बताकर उनसे विधायक जी की सुरक्षा का इंतजाम करने का अनुरोध किया था।क्योंकि विधायक जी क्षेत्र के बड़े ही लोकप्रिय और प्रतिष्ठित नेता हैं।अगर उनको कुछ हुआ तो क्षेत्र में बहुत बड़ा हंगामा खड़ा हो सकता है।एसपी साहब ने सुरक्षा का आश्वासन देकर उन दोनो को भेज दिया था।
अगले दिन नरेंद्र एक राजमिस्त्री को लेकर पदमिनी के घर आया और उसको उसका घर दिखाकर बोला इसकी मरम्मत में कितना खर्चा आएगा और क्या क्या सामग्रियां लगेगी सब बता दो ।
उस राजमिस्त्री ने पूरा घर देखकर कुल पच्चीस हजार रुपए का खर्चा बताया और सामग्रियां के बारे में बता दिया।
नरेंद्र ने कहा सारा खपरैल उतारकर उसके नीचे सीमेंट की सीट बिछा दो और उसके प्यार खपड़ा बिछा दो ताकि पूरा घर ठंडा भी रहेगा और पानी भी नहीं चुएगा ।सबने यही फाइनल किया।
हरेंद्र ने कहा मैं दो तीन दिन में पूरे रुपए सबसे मांग कर ला दूंगा।
पदमिनी की मां ने कहा _ पच्चीस नही बीस हजार रूपये बेटे।पांच हजार रूपए हमारे पास है।
उधर दो दिनों बाद जैसे ही विधायक जी उग्रवाद क्षेत्र में दौरे पर गए उग्रवादियों ने उनपर जानलेवा हमला कर दिया।
मौके पर पुलिस के चौकन्ने होने की वजह से उनकी जान बाल बाल बची ।
सभी उग्रवादी जंगल में भाग खड़े हुए और विधायक जी को बीच रास्ते से ही सुरक्षा के घेरे में वापस आना पड़ा।
उनको पदमिनी की भविष्यवाणी को नही मानने का बड़ा अफसोस हुआ क्योंकि उनके पांच लोग बुरी तरह घायल हो गए थे।
पदमिनी के घर की मरम्मत लगभग पूरी हो चुकी थी की तभी बांस का जो सपोर्ट दिया गया था छत को रोकने के लिए वो घिसक गया और उसी समय पदमिनी की मां कुछ सामान लेकर गुजर रही थी अगर पल भर की भी देर हुई होती तो पूरी छत उसके सिर पर गिरी होती ।उसके सिर पर मामूली सी खरोंच आई थी सबने बड़ी राहत की सांस लिया।
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भविष्य दर्शन (भाग-6) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi
लेखक _ श्याम कुंवर भारती
बोकारो, झारखंड