भविष्य दर्शन (भाग-4) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

अक्षय लाल दास से जब उनकी पत्नी नैना देवी ने अपनी बेटी द्वारा बताई गई भविष्यवाणी के बारे में बताया तो अक्षय लाल को बड़ा आश्चर्य हुआ और चिंता भी हुई।वो एक गरीब आदमी थे। मेहनत और मजदूरी करके परिवार चलाते थे।मकान की मरम्मत में काफी खर्चा आएगा।इतना जल्दी मरम्मत कैसे हो पाएगी।मरम्मत के लिए उतने पैसे है नही।

अगर घर की मरमत नही करवाया तो मकान गिर सकता है।अगर ऐसा हुआ तो उनकी बेटी पदमिनी की भविष्यवाणी सत्य साबित हो सकती है।

उनकी पत्नी ने कहा_ चिंता मत कीजिए पदमिनी के पापा दो हजार रुपए मेरे पास है ।मैने बचाकर रखा है।कुछ रुपए आप इंतजाम कर लीजिए ।फिर भी घटेगा तो मैं अपना गहना बेच दूंगी।

अरे नही मैं गहना नही बेचने दूंगा।तुम परेशान मत हो मैं कुछ करता हूं।उसके पति ने कहा और घर से बाहर निकल गया।

पदमिनी अस्पताल में अपनी सहेलियों के साथ आनंद को देखने गई थी ।अब उसकी हालत में काफी सुधार था।वहा आनंद के कुछ दोस्त भी थे।जिसमे उसका खास दोस्त नरेंद्र भी था।

पदमिनी को देखते ही आनंद बहुत खुश हुआ।उसके आते ही उसने उसे कल की घटना के बारे मे विस्तार से बताया। संपेर ने कैसे उस मरीज का इलाज किया और क्या क्या हो हंगामा हुआ।जिस सांप ने उसे काटा था उसने अपने मंत्र  द्वारा उसी सांप को बुलाकर उसका जहर निकलवा दिया।

आनंद की बात सुनकर पदमिनी के अलावा बाकी सभी लड़कियां और लड़के आश्चर्य चकित हो गए।क्या ऐसा भी हो सकता है।

आनंद ने कहा_  चाहे जो भी हो आखिर में पदमिनी की भविष्यवाणी सत्य साबित हुई।बेचारा वो गरीब आदमी मरते मरते बचा।लेकिन पुलिस बड़े डॉक्टर को पकड़कर ले गई ये अच्छा नही लगा।

पदमिनी ने कहा _ इसमें प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन दोनो की गलती है।अस्पताल को पहले से सतर्क। रहना चाहिए था।हमारे क्षेत्र का एकमात्र यही एक अस्पताल है।सर्प दंश की घटनाएं हो सकती है।इनको एंटी स्नेक वेक्सिन का इंतजाम रखना चाहिए।

प्रशासन जो अब हरकत में आया है उसे पहले से अपने जिले के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में जरूरत के इलाज के संसाधन उपलब्ध करवाने का उचित आदेश संबंधित विभाग को देना चाहिए था।

शायद तुम सही कह रही हो पदमिनी ।खैर अब बताओ तुम्हे और कोई  भविष्यवाणी तो नही दिखी।

इस बार तो मैंने अपने घर के बारे में ही देखा है आनंद। फिर उसने सारी बात बता दिया । पापा के पास पैसा नहीं है वो इंतजाम करने में लगे।अगर समय पर मेरे घर की मरमत नही हुई तो घर तो गिरेगा ही मेरी मां बुरी तरह जख्मी हो सकती है  ।पदमिनी ने चिंतित होकर कहा।

उसकी बात सुनकर सब लोग बहुत चिंतित हुए।

आनंद ने कहा _ पदमिनी तुम चिंता मत करो ।मेरा दोस्त नरेंद्र कई राजमिस्त्रीयो को जानता है ये किसी को तुम्हारे घर के जाकर घर की जांच करवाकर मरम्मत में आने वाले खर्चा और सामग्रियों का हिसाब लगा लेगा।तुम्हारे पापा से जितना इंतजाम होगा वो करेंगे बाकी हम लोग आपस में कुछ रुपए जमाकर तुम्हारे घर की मरमत करवा देंगे।बाद ने धीरे धीरे तुम सबका पैसा लौटा देना।आनंद की बात से सभी सहमत हुए ।पदमिनी ने विरोध किया लेकिन आनंद ने उसे चुप करा दिया।हम सब दोस्त है।इसलिए एक दूसरे के काम ना आए ये कैसे हो सकता है।

पदमिनी बहुत प्रभावित हुई अपने दोस्तो के इस व्यवहार से।

अभी तो तुम्हारा घर ठीक करवा देना है लेकिन बाद में उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकारी मदद से बनवाना है।मुझे ठीक होकर घर आने दो मैं अपने विधायक जी और मुखिया जी से बात करूंगा।

तभी पदमिनी ने कहा _ तुम विधायक जी को नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जाने से  जल्दी मना करो ।मैं देख रहीं हूं जंगल में उनके काफिले को नक्सलियों ने चारो तरफ से घेर लिया है और इनपर गोलियों से हमला कर दिया है।

उसकी बात सुनते ही सभी आश्चर्य से उसका मुंह देखते रह गए।

अरे तुम क्या कह रही हो।भला तुम्हारी बात का कोई विश्वाश करेगा क्या ।आनंद ने कहा।

विश्वाश करे या न करे मुझे जो दिखा वो बता दिया।तुम इस बात को फौरन विधायक जी को बताकर उन्हे सावधान करो।अगर मेरी भविष्यवाणी सत्य साबित हो गई तो उनकी जान को  खतरा हो सकता है।

पदमिनी ने चिंता करते हुए कहा।

ठीक है ठीक है तुम नाराज मत हो मैं उनसे बात करता हूं।आनंद ने कहा और नरेंद्र से कहा जल्दी विधायक जी को फोन लगाओ।

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भविष्य दर्शन (भाग-5) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक_  श्याम कुंवर भारती

बोकारो झारखंड

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