भविष्य दर्शन (भाग-34) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

अस्पताल के बाहर आधी रात को ओमप्रकाश आपने खतरनाक अदमियो को हथियार सहित लेकर मौके की तलाश में था ।उसने देखा अस्पताल के बाहर और अंदर पुलिस का कड़ा पहरा लगा हुआ था।उसके साथ एक बुरे शक्ल का तांत्रिक भी था।जिसके एक हाथ में आदमी की खोपड़ी और दूसरे हाथ हाथ की हड्डी थी ।उसने काला टीका लगा रखा था।उसके चहरे और सिर पर लंबे बाल थे जिससे वो और भी भयावह लग रहा था।

पदमिनी अपनी आंखे बंद किए अपने बेड पर लेटी हुई थी नर्स अभी अभी उसे एक इंजेक्सन देकर गई थी। आनंद गहरी नींद में उसकी बगल के बेड पर सोया हुआ था ।डॉक्टर प्रिया उसकी तीमारदारी में खुद ही लगी हुई थी ।उसकी ड्यूटी खत्म हो चुकी थी।लेकिन आनंद के कारण उसने रात की भी ड्यूटी ले ली थी।ऐसा उसने पहली बार किया था।किसी मरीज के लिए दूसरी पाली में भी काम करे लेकिन आनंद के लिए किया उसने ।पता नही इसके दिल में क्या चल रहा था।

शिक्षा मंत्री दीनबंधु ठाकुर मुख्य मंत्री के आवास पर आपातकालीन बैठक कर चुके थे।उन्हे मुख्य मंत्री के रूप में शपथ लेनी थी लेकिन पद्मिनी के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह में उनपर जानलेवा हमला हो सकता था।पुलिस विभाग ,सीआईडी और बाकी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया था।

मुख्य मंत्री ने सभी मंत्रियों की सुरक्षा बढ़ा दिया और सभी सुरक्षा एजेंसियों को सख्त हिदायत दिया की शपथ ग्रहण समारोह में किसी तरह की कोई अशांति न होने पाएं।कोई परिंदा भी पर न मारने पाए।

उस दिन राज्य सरकार के सभी मंत्री ,पदाधिकारी , राज्यपाल,केंद्रीय मंत्री , अन्य राज्य के मुख्य मंत्रियों के अलावा स्वयं प्रधान मंत्री जी भी मुख्य अतिथि के रूप में पधार रहे हैं।इसलिए सुरक्षा में कोई चूक नही होनी चाहिए ।

सभी चौक चौराहों की नाके बंदी बढ़ा दो ।सभी नामी गिरामी अपराधियो पर निगाह रखी जाए ।

बिना पास या परिचय पत्र के कोई भी राज्यपाल भवन में प्रवेश न करने पाए।

आतंकवादी हमारे देश में दहसत फैलाने में कामयाब नही हों पाए।

शिक्षा मंत्री की सुरक्षा और बढ़ा दी गई ।

पदमिनी अपनी आंखे बंद किए सोई हुई थी ।लेकिन उसकी सिर्फ आंखे बंद थी दरअसल वो जाग रही थी।।वो अपनी आंखे बंद किए हुए ओमप्रकाश की हरकतों को देख पा रही थी ।उनकी आपस की बाते सुन पा रही थी ।

उसने देखा ओम ने अपने आदमियों को मरीज के रूप में अस्पताल की ओर भेजा ।उसके साथ वो डरावना सा तांत्रिक भी था।पदमिनी को अंदर ही अंदर हंसी आ रही थी ।ओम प्रकाश की इन बचकानी हरकतों पर ।

वो अपने बेड पर उठकर बैठ गई ।उसने एक नर्स को अपने पास बुलाया और कहा _मुझे नींद नही आ रही है।मुझे टहलना है ।मुझे अस्पताल के बाहर तक ले चलो ।

नर्स ने कहा _ मैडम आप ऐसे बाहर नही जा सकती ।मुझे पुलिस ऑफिसर और बड़े डॉक्टर से इजाजत लेनी पड़ेगी।

पदमिनी ने कहा _ ठीक है तुम दोनो को बुलाओ तुरंत ।

वो नर्स भागी भागी गई और दोनो को बुलाकर लाई।

उनके आते ही पद्मिनी ने अपनी बात फिर दोहराई।

उन दोनो ने कहा _ ठीक है मैडम हम दोनो कर अलावा पुलिस के सुरक्षा में तैनात जवान भी हथियार सहित चलेंगे आपके साथ ।

ठीक है मुझे कोई ऐतराज नहीं है लेकिन मुझे जल्दी अस्पताल के गेट तक ले चले मुझे टहलना है।

थोड़ी देर में वो सबको लेकर गेट तक पहुंच चुकी थी ।

ओम के चार गुंडे मरीज के भेष में अस्पताल के गेट तक पहुंच चुके थे।

तांत्रिक ने अपने पास रखे फोटो से पद्मिनी को पहचान लिया।उसने एक मंत्र पढ़कर अपने झोली में रखी मसान खोपड़ी को धीरे से कहा _ जा मसान इस लड़की का खून पी ले ।

पद्मिनी ने इसको हरकत को देख लिया था।उसने अपनी आध्यात्मिक शक्तियों को जगाया और धीरे से अपनी अंगुलियों को तांत्रिक की तरफ कर दिया ।एक जोरदार आवाज के साथ उस तांत्रिक की झोली में पड़ी आदमी की खोपड़ी विस्फोट कर गई और एक आग का गोला उठा जिससे वो तांत्रिक जलने लगा ।अचानक इस घटना पर वो घबड़ा गया ।उसे इस घटना की उम्मीद ही नही थी ।वो बुरी तरह जलन से तड़पकर जमीन पर गिर पड़ा और छटपटाने लगा।

पुलिस ऑफिसर ,पुलिस के जवान और मेडिकल ऑफिसर यह सब देखकर आश्चर्य में पड़ गए ।उनकी समझ में नही आया की आखिर यह सब हो क्या रहा है।

तभी पदमिनी ने चिल्लाकर कहा इन चारो को भी गिरफ्तार कर लो ।इनके पास घातक हथियार है।

पुलिस के जवानों ने अपनी बंदूके तान दिया उन चारों के ऊपर।

उन चारों बदमाशो के पास ऑटोमेटिक मशीन गन थी ।उन चारो ने फुर्ती से अपने बैग में से निकाल लिया लेकिन पुलिस के जवानों ने गोलियों से उन चारो को लहूलुहान कर दिया ।एक गुंडा किसी तरह अपनी जान बचाकर पीछे मुड़कर भाग खड़ा हुआ ।

पुलिस ऑफिसर ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए पद्मिनी से पूछा इसका मतलब आपको सब  मालूम हो गया था की ये लोग आप दोनो की हत्या करने आ रहे है पद्मिनी मैडम।

जी इंस्पेक्टर साहब इसलिए मैं बाहर आना चाहती थी ताकि अस्पताल में किसी मरीज और स्टाफ का नुकसान लिए बिना इनका काम तमाम किया जा सके ।पदमिनी ने कहा ।

सब लोग आश्चर्य से पदमिनी को देख रहे थे।वो उन सबको किसी अजूबा से कम नहीं लग रही थी।

तभी वो तांत्रिक गिड़गिड़ाते हुए पदमिनी से हाथ जोडकर बोला _ मुझे  माफ कर दो बेटी ।मुझे बचा लो मेरी ही  पाली हुई दैत्य आत्मा मुझे मारना चाहती है।में तुम्हारी शक्तियों को पहचान नही पाया ।

पदमिनी ने कहा _ तुम लोग अपने तंत्र मंत्र के बल पर आम लोगो को सताने और अंध विश्वास फैलाने का काम करते हो ।लोगो को सताने का काम करते हो ।धर्म को बदनाम करते हो हमेशा बुराई का साथ देते हो ।पैसे के लालच में किसी की जान ले लेते हो जैसे आज मेरी लेने चले थे।इसकी सजा तो मिलेगी।

अब से कभी कोई बुरा काम नही करूंगा।मुझे बचा लो बेटी ।में भी तुम्हारी तरह सच्चाई और भलाई का काम करूंगा ।

उस तांत्रिक ने तड़पते हुए कहा।

ठीक है लेकिन अभी तो तुम पुलिस की हिरासत में जाओ जब छूट जाओगे तब देखूंगी तुम क्या करते हो।अब तुम खड़े हो जाओ।पद्मिनी ने कहा।

तांत्रिक खड़ा हो गया उसने महसूस किया अब वो बिल्कुल ठीक था ।उसे कोई जलन नही हो रही थी ।उसकी मसान की आत्मा भी मुक्त होकर जा चुकी थी ।

उसने दोनो हाथ जोड़ लिया।पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

गोलियों की आवाज सुनकर अस्पताल में हलचल मच गई ।आनंद भी अपने बेड पर उठ कर बैठ गया।

पदमिनी को अपने बेड पर न पाकर उसने चिंतित होकर एक नर्स से पूछा । उसने बताया मैडम बाहर गई है लेकिन अकेली नहीं है उनके साथ पूरी सुरक्षा की टीम भी गई है गेट तक ।

लोगो को जब सच्चाई का पता चला तो सबने अपनी दांतो तले उंगली दबा लिया और हैरत से पदमिनी को देखने लगे ।

ओमप्रकाश अपने आदमी को लेकर अपनी गाड़ी से भाग खड़ा हुआ ।

थोड़ी देर में पद्मिनी सबके साथ अपने बेड पर आ गई ।आनंद ने उसको देखकर राहत की सांस ली ।पदमिनी ने उसे सबकुछ बता दिया ।

तभी डॉक्टर प्रिया आनंद के पास आई और अपने हाथो से उसे दवा पिलाने लगी ।यह देखकर पद्मिनी को अच्छा नहीं लगा ।वहा कई नर्स और वार्ड बॉय थे वे दे सकते थे ।

उसने प्रिया के मन की बात सुनने की कोशिश की।

वो आनंद को प्यार करने लगी थी ।वो उससे विवाह भी करना चाहती थी ।उसकी मन की बात जानकर उसे नदी हैरानी हुई ।

दो दिनों बाद उन दोनो की अस्पताल से छुट्टी मिल गई ।शिक्षा मंत्री दीनबंधु ठाकुर का मुख्य मंत्री के रूप मे शपथ ग्रहण चार दिनों बाद राज्यपाल भवन में रखा गया था।

एक दिन अचानक स्कूल से आते समय वित्त मंत्री रघुनंदन शर्मा की दस साल की बेटी का अपहरण हो गया ।

वित्त मंत्री को धमकी दी गई की अगर उसने पुलिस या सरकार को अपनी बेटी के अपहरण की जानकारी दी तो तो उसकी बेटी को जान से मार दिया जायेगा।

बेटी की रिहाई के लिए सर्ते जल्दी ही बता दी जाएगी।

डर से वित्त मंत्री ने किसी को कुछ नही बताया लेकिन पद्मिनी को पता चल गया था की किसने अपहरण किया है और उनकी बेटी को कहा रखा है।

शिक्षा मंत्री ने पदमिनी और आनंद को भी आमंत्रण भेजा था शपथ ग्रहण समारोह में अतिथि के रूप में भाग लेने के लिए ।उन दोनो की सुरक्षा अभी भी कड़ी रखी गई थी ।

पदमिनी ने शिक्षा मंत्री को अपने घर बुलाया और काफी गोपनीय चर्चा की ।

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भविष्य दर्शन (भाग-35) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक _  श्याम कुंवर भारती

बोकारो, झारखंड

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