अस्पताल में पदमिनी और आनंद के माता पिता चिंतित हाल में उनके पास खड़े थे।थोड़ी देर में मंत्री जी ,एसपी,डीसी पदमिनी के गांव
और जिनकी उसने मदद की थी बहुत सारे लोग मौयूद थे ।सभी उनकी सलामती की दुआ कर रहे थे ।
अस्पताल प्रबंधन और पुलिस प्रशासन ने सबको बड़ी मुश्किल से संभाल रखा था।सभी उन दोनो को देखना चाहते थे।उन दोनो की बहादुरी के कारनामे सारे न्यूज पेपर में छपा था और चैनलों में चल रहा था।पुलिस की मुस्तैदी और बहादुरी की भी चर्चा हो रही थी।
पदमिनी अर्धनिद्रा की हालत में थी ।उसकी आंखे बंद थी लेकिन अपने आस पास हो रही हलचल को महसूस कर रही थी ।आनंद का बेड भी इसकी बगल में ही लगा हुआ था।
उसने उसके दिल की बात सुनी ।घायल अवस्था में भी वो पद्मिनी के बारे में सोच रहा था।भगवान करे ये जल्दी ठीक हो जाए।मेरे रहते हुए भी इसको गोली लग गई यह मेरे लिए बड़े दुख की बात है।मुझे हर हाल में उसे बचाना चाहिए था।
पदमिनी उसके मन के विचारो को सुनकर मुस्कुराने लगी ।एकदम पागल है।मुझसे ज्यादा घायल वही है फिर भी मेरे बारे में चिंता कर रहा है।
तभी उसकी नजरों के सामने कई दृश्य नजर आए जिसे देखकर वो काफी विचलित हो गई ।
उसने देखा ओम प्रकाश अपने दर्जनों गुंडा साथियों के साथ खड़ा है उसके सामने उसका बॉस बैठा हुआ है।
वो उसपर काफी क्रोधित था।तुम्हारी लापरवाही और निक्कमेपन की वजह से मेरे कितने आदमी मारे गए और कितने पकड़े गए फिर भी वे दोनो बच गए।
तुमको पता है हमे यहां अशांति और आतंक फैलाने के लिए देश के दुशमनो से पैसे मिलते है।अगर तुम इसी तरह नाकाम होते रहे तो हमे पैसा मिलना बंद हो जाएगा।जबतक ये दोनो रास्ते से हटेंगे नही हम अपने मकसद में कामयाब नही हो पाएंगे।
ये लड़की हमारी सोच से भी ज्यादा होशियार और खतरनाक है।उसके बॉस ने कहा।
बॉस मैने पूरी कोशिश की थी ।मेरे आदमियों ने उन दोनो को मार दिया था फिर भी वे दोनो पता नही कैसे बच गए।ओम ने घिघियाते हुए कहा।
के अंतिम मौका दे रहा हूं अगर नही कर पाए तो मैं तुम्हारा काम तमाम कर दूंगा ।उसके बॉस ने चेतावनी देते हुए कहा ।
अभी दोनो अस्पताल में भर्ती है ।तुम उन दोनो को आज रात वही समाप्त कर दो ।दीनबंधु ठाकुर जो शिक्षा मंत्री है वो भी उस लड़की का बहुत बड़ा हितैषी है ।वो मुख्य मंत्री बनने वाला है।उसको शपथ ग्रहण में उड़ा दो ।चारो तरह हंगामा मच जाएगा ।इसके लिए तुम खुद नही जाओगे बल्कि मंत्री के ही किसी नेता के बच्चो को अगवा कर उसे डरा धमका कर हत्या करवा दो।हमारा काम भी हो जायेगा और फंसेगा उसी की पार्टी का नेता ।उसके बॉस ने योजना बताते हुए कहा।
मैं किसी भी कीमत पर दोनो काम करवा दूंगा बॉस आप चिंता मत करो।
ध्यान रहे उस लड़की को हमारी सारी योजनाएं पता चल जाती है।उसपर ईश्वरीय कृपा है।सावधानी से काम लेना होगा।उसके बॉस ने कहा।
मैं सब संभाल लूंगा बॉस मेरे पास भी एक तांत्रिक है जो उससे ज्यादा शक्तिशाली है । मैं उसकी सारी शक्तियों को असफल कर दूंगा।ओम ने जोश मे कहा।
यह सब देखकर पद्मिनी भयभीत हो गई ।उसे खुद से ज्यादा आनंद और मंत्री जी की चिंता थी।
उसने घबड़ाकर अपनी आंखे खोल दिया।सामने उसके माता पिता और मंत्री जी के साथ एसपी, डीसी और डॉक्टर था।डॉक्टर उसके घाव की जांच कर रहा था।उसने बताया इन्हे एक दो दिन ने छुट्टी दी जा सकती हैं लेकिन घाव ठीक होने में कुछ संमय लगेगा।हालांकि गोली निकाल दी गई है।
उसकी आंखे खुलते देख उसके माता पिता और बाकी लोगो के चेहरे पर मुस्कान खिल गई।
उसने अपनी मां से आनंद ने बारे में पूछा की वो अब कैसा है।
उसकी मां ने कहा _ उसे भी अभी अभी होश आया है।डॉक्टर ने कहा वो अब खतरे से बाहर है।
पदमिनी ने इतमीनान की सांस ली।
उसने सामने मंत्री जी को देखा तो थोड़ी देर पहले देखी गई घटना याद आ गई।
उसने मंत्री जी को झुकने को कहा ।
उनके झुकते ही उसने उनके कान में सारी बात बता दिया।
मंत्री जी सुनते ही चौंक गए।उन्होंने एसपी से कहा _ इन दोनो की सुरक्षा बढ़ा दे खतरा अभी टला नहीं है।
इसके बाद उन्होंने राज्य के डीजीपी (पुलिस महानिदेशक )को फोन कर आप आज शाम चार बजे तक अपने पदाधिकारियों के साथ मेरे ऑफिस में आ जाए आकस्मिक बैठक करनी है।
मंत्री जी ने अपने सचिव से कहा_ तुम तुरंत मुख्य मंत्री जी ,गृह सचिव और सीआईडी निदेशक को मेसेज देकर मुख्य मंत्री जी के आवास पर बैठक में बुलाओ।
पदमिनी ने कहा_ अंकल वैसे तो मैं उस नेता का पता लगा लुंगी जिसके बच्चे का अगवा कर उसे आपकी हत्या में उपयोग किया जाएगा फिर भी आप अपने पार्टी के बड़े पदाधिकारियों और मंत्रियों के साथ भी बैठक कर सावधान कर दे जिन्हे शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया जाएगा।
ठीक है तुम जैसा कहती हो वो भी करेंगे।इसके बाद मंत्री जी ने एसपी और डीसी को उन दोनों की सुरक्षा कड़ी करने और डॉक्टर को उनकी देखभाल ठीक से करने को बोल वहा से निकल गए ।बाहर लोगो की भीड़ से कहा_ पदमिनी अब सुरक्षित है आप लोग चिंता न करे।
आनंद का इलाज कर रही महिला सर्जन डॉक्टर मिस प्रिया उसका बड़ी तत्परता से ख्याल रख रही थी ।होश में आते ही उसने पद्मिनी के बारे मे पूछा ।डॉक्टर प्रिया ने कहा _ वो भी अब खतरे से बाहर है।
तभी जाते समय मंत्री जी एसपी और डीसी के साथ उसके पास पहुंचे थे।उसका हाल चाल लेने के बाद निकल गए थे ।जाते जाते वो उसे बताते गए ।पदमिनी को घटना की जानकारी पहले से थी ।वो जान गई थी की गुंडे तुम्हे घर या बाहर मारने वाले है इसलिए वो तुम्हे अपने साथ लेकर बाहर अपनी भी जान जोखिम में डालकर घूमने के बहाने गई थी ।।
उसने मुझे पहले ही सब बता दिया था और मुझसे पुलिस की मदद मांगी थी ।तभी मौके पर पुलिस की मदद मिल पाई थी।मैंने पुलिस को पहले ही सचेत कर दिया था।
डॉक्टर प्रिया को आनंद से बहुत हमदर्दी हो रही थी ।वो बार बार उसके पास जाकर उसका चेक अप करते रहती थी ।
अगला भाग
भविष्य दर्शन (भाग-34) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi
लेखक _ श्याम कुंवर भारती
बोकारो, झारखंड