पदमिनी अपने घर में सोई हुई थी ।उसके सिर में थोड़ा दर्द हो रहा था।उसकी मां उसके सिर पर तेल की मालिश कर रही थी।उसे बहुत आराम महसूस हो रहा था।
उसे नींद आने लगी थी तभी वो एक झटके से उठ गई और भयभीत नजर आने लगी ।उसकी ऐसी हालत देख कर उसकी मां नैना देवी ने पूछा _ क्या हो बेटी तुम इस तरह चौंक कर क्यों उठ बैठी ।क्या तुमने कोई डरवाना सपना तो नहीं देख लिया।
नही मां सपना नही देखा लेकिन मैंने एक घटना देखा कि हमारे घर का आगे वाला मिट्टी का घर गिर गया है और तुम्हारे ऊपर खपरैल की छत गिर गई हैं।तुम्हारे सिर पर चोट लग गई है और तुम्हारा पैर टूट गया है।पदमिनी ने भयभीत होकर कहा।
उसकी बात सुनकर उसकी मां हंसने लगी और बोली तुम तो ज्योतिष की तरह बात करने लगी है बेटी ।हमारे घर की दीवाल और छत कैसे टूटेगी ।अभी पिछले साल ही तो तुम्हारे पिता ने बनवाया था।
तुमने कोई सपना देखा होगा।दिन के सपने सही नही होते ।तुम चुपचाप सो जाओ मैं तुम्हारा सिर दबा दे रही हूं।
उसकी मां ने कहा।
नही मां मैने सपना नही देखा है बल्कि पता नही क्यों जबसे योग साधना करना शुरू किया है तबसे मुझे भविष्य की घटना दिखने लगी है।फिर उसने आनंद के बारे में बताया।यह भी की एक आदमी को सांप ने काट लिया था ।उसे अस्पताल लाया गया था।वो लगभग मरने की हालत में था।लेकिन मुझे दिखा की वो जिंदा बच गया है।अब देखना है बेचारा बचता है या नही पदमिनी ने अपने भविष्य दर्शन की शक्ति प्राप्त करने के बारे में बताते हुए कहा।
उसकी बात सुनकर उसकी मां आश्चर्य से उसका मुंह देखती रह गई ।ये तुम क्या कह रही हो बेटी।
इसलिए कह रही हूं मां तुम पापा से बात कर कितनी जल्दी घर के आगे वाले हिस्से की मरम्मत करवा दो।अगर मेरी भविष्य वाणी सत्य हो गई तो घर तो गिरेगा ही तुम्हारा सिर पर चोट तो लगेगी ही तुम्हारा पैर भी टूट जायेगा।जिससे तुम्हे काफी तकलीफ होगी ।तुम्हारे इलाज में काफी खर्चा होगा ।पता नही कब तक तुम ठीक हो पाओगी।
पदमिनी ने चिंतित होकर कहा।
ठीक है बेटी शाम को जब तुम्हारे पापा आयेंगे उनसे घर की मरमत करवाने के लिये बोलती हूं।
अस्पताल में लोगो की भीड़ बढ़ती जा रही थी।आनंद भी बड़े कौतूहल से उस मरीज के इलाज की विधि को देख रहा था।
अस्पताल प्रबंधन को लोगो की भीड़ को संभालना मुश्किल हो रहा था।बड़े डॉक्टर ने अपने सुरक्षा कर्मियों से अस्पताल के मुख्य द्वार को बंद करने को कहा लेकिन संपेरे ने ऐसा करने से मना कर दिया।
तभी एक नर्स ने उस मरीज संपेरे से कहा आपको इंजेक्शन लगाने का समय हो गया है।थोड़ी देर के लिए आप अपने बेड पर आकर लेटे आपकी बांह और कमर में इंजेक्शन लगा देती हूं।
वो संपेरा अभी भी काफी कमजोरी महसूस कर रहा था ।को चुपचाप आकर अपने बेड पर लेट गया। नर्स ने उसे दो इंजेक्शन लगा दिए।
थोड़ी देर बाद संपेरा अपने बेड से उतरा और उस मरीज के पास आकर बैठ गया।उसने उसके पैर की तरफ देखा जहा सांप ने काटा था।वहा सांप के दांत के दो निसान थे।।उसने सारे लोगो को मरीज से दूर रहने को कहा ।
तब तक उस बेहोश मरीज के परिवार वाले तीन बड़े बर्तन और साठ किलो दूध लेकर आ गए।
उसने तीनो बर्तन में दूध डलवा दिया।एक गमला उसने अस्पताल से और मांग लिया।तीसरे बर्तन से उसने लगभग एक किलो दूध निकालकर उस गमले में रख दिया।
अब उसने अपनी आंखे बंद कर मंत्र पढ़ना शुरू किया ।एक हाथ उसने अपने कुर्ते की जेब में डाला और उसमे से दो सफेद कौडिया निकाला और मंत्र समाप्त होते ही उसने उन दोनो कौडियो को हवा में फेंक दिया।वे दोनो कौड़िया आश्चर्य तरीके से हवा में गायब हो गई ।वो जोर जोर से कोई मंत्र पढ़ता जा रहा था।सब लोग अपनी सांसे बंद किए उसकी हरकत को बड़े आश्चर्य से देख रहे थे।
थोड़ी ही देर बाद सबके रोंगटे खड़े हो गए।सबके लोग डर से इधर उधर खिसकने लगे ।सबने देखा एक बहुत ही बड़ा काला नाग फूंफ कारता हुआ बड़ी तेजी से उसे बेहोश पड़े मरीज की तरफ बढ़ने लगा था।
वो काफी गुस्से में मालूम पड़ रहा था ।वो बार बार बहुत ही तेज आवाज में फुंफ कार रहा था।उसके मुंह से जीभ बार बार अंदर बाहर निकल रही थी।वो देखने में बड़ा ही भयानक और डरवाना लग रहा था।
तभी सबको देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ ।उस संपेरे की दोनो कौड़ियां उस काले नाग के दोनो कनपटियो से चिपकी हुई थी।
काला नाग फूंफ कारते हुए उस मरीज के पैरो के पास आकर फैन फैलाकर रुक गया।उसकी लंबाई लगभग बारह फिट की रही होगी ।
इतना बड़ा सांप अस्पताल के अंदर कैसे और किधर से आया किसी को समझ में नही आया।
तभी उस नाग ने अपना फन समेट लिया और जहा सांप के काटने का निसान था वहा अपना मुंह लगा दिया।
थोड़ी देर बाद उस नाग ने अपना मुंह उठाया और बगल में रखे एक दूध के बर्तन में ढेरा सारा बिष उगल दिया ।सारा दूध थोड़ी ही देर में बिलकुल नीला हो गया।
सब लोग आंखे फाड़ कर इस अजीब नजारे को देख रहे थे।सभी भयभीत भी हो रहे थे।आनंद भी अपने बेड पर से इस नजारा को देख रहा था।
वो संपेरा अभी भी मंत्र पढ़ता जा रहा था।
तभी उस काले नाग ने अपना मुंह फिर उस निसान पर लगा दिया और बिष को चूसने लगा ।फिर उसने दूसरे दूध के बर्तन में अपना मुंह डालकर काफी मात्रा में जहर उगल दिया ।इस बार भी पूरा दूध नीला पड़ गया लेकिन पहले वाले से थोड़ा कम नीला हुआ था।
उस नाग ने तीसरी बार अपना मुंह उसके पैरो पर लगा दिया ।इस बार जल्दी ही उसने अपना मुंह वहा से हटा लिया और तीसरे दूध के बर्तन में अपना मुंह डालकर जहर उगला लेकिन इस बार नाम मात्र का जहर था।इसलिए दूध भी भी हल्का नीला हुआ ।लेकिन वो काला नाग काफी सुस्त होने लगा था।शायद वो अपने ही जहर के असर से सुस्त हो रहा था।उस संपेरे ने मंत्र पढ़ते हुए गमले में रखे दूध को उस नाग की तरफ बढ़ा दिया।नाग ने धीरे धीरे पूरा दूध पी लिया लेकिन तुरंत उसने सारा दूध उस बर्तन में उगल दिया ।
दूध काफी नीला था।शायद संपेरे ने उसके पेट से जहर की सफाई करने के लिए ऐसा किया होगा।
सांप थोड़ी देर के लिए मूर्छित की अवस्था में वहा पड़ गया।
संपेरे ने कहा _ कृपया कोई सांप पर लाठी डंडा नही चलाएगा।
सब लोग स्तब्ध होकर सारा नजारा देख रहे थे।सांप को मारने की कोई सोच भी नही सकता था।इतने विशाल और काला नाग को देखकर सबके जान प्राण सुख रहे थे।
तभी सबने देखा उस मरीज का पूरा शरीर जो सांप के जहर से नीला पड़ गया था।अब सामान्य अवस्था में आने लगा था।उसकी पत्नी के चेहरे पर राहत महसूस हो रही थी।वो कृतज्ञता से उस संपेरे को देख रही थी । शायद वो मन ही मन उसका आभार प्रकट कर रही थी ।
इतने में कई गाड़ियों से जिला के डिप्टी कमिश्नर,सिविल सर्जन और एसपी साहब कई पुलिस के जवानी के साथ दनदनाते हुए अस्पताल के अंदर पहुंच गये और बड़े डॉक्टर को बुलाने लगे ।
डिप्टी कमिश्नर ने बड़े डॉक्टर के आने पर उसे फटकार लगाते हुए कहा _ डॉक्टर होकर आप अपने अस्पताल में झाड़ फूंक करवा रहे हैं आपको शर्म आनी चाहिए।लोग क्या कहेंगे।मुझे सरकार को जवाब देना पड़ेगा।
सिविल सर्जन ने कहा _ आपका अस्पताल ग्रामीण क्षेत्र में पड़ता है। यहां सांप के काटने की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं।अगर आपके एंटी स्नेक वेक्सिन नही उपलब्ध थी तो आपको सदर अस्पताल आकर रिपोर्ट करनी चाहिए थी ।जिला प्रशासन आपको उपलब्ध कराता ।लेकिन आपने घोर लापरवाही किया है आपको इसका जवाब देना पड़ेगा और स्वस्थ विभाग आपके खिलाफ कड़ी कार्यवाई भी करेगा।
बड़ा डॉक्टर थर थर कांपने लगा और हाथ जोडकर कहा _ सर माफ करे मुझे नही लगा था की कभी ऐसी परिस्थिति आ जायेगी वरना मैं पहले से सावधान रहता और आपसे जरूर संपर्क करता।
मरीज की जान बचाने के लिए ऐसा करना पड़ा।
सिविल सर्जन ने कहा _ मैं एंटी स्नेक वेक्सिन साथ में लाया हूं आप फौरन उसे मरीज को लगाए।मरीज के इलाज में जितना भी खर्चा आएगा सब जिला प्रशासन देगा ।आप प्राइवेट अस्पताल चला रहे है लेकिन आप स्वस्थ के नियमो की अवहेलना नही कर सकते।
एसपी ने कहा _ आपको लापरवाही बरतने और अंधविश्वास फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है।लिखित में स्पष्टीकरण देने के बाद ही आप छूट पाएंगे।
संपेरे ने नाग के दोनो कनपटियो से मंत्र पढ़कर अपनी दोनो कौडियो को निकाल लिया ।थोड़ी देर में सांप को होश आ गया और वो धीरे धीरे रेंगता हुआ सबकी आंखों से ओझल हो गया।
उस मरीज को तुरंत एंटी स्नेक वेक्सिन लगाया गया।कुछ घंटो के बाद मरीज को को होश आ गया।
सबको यह समझ में नही आया वो मरीज संपेरे की वजह से बचा या एंटी स्नेक वेक्सिन की वजह से लेकिन मरीज की जान बचने से सबने राहत की सांस लिया।
आनंद को बहुत खुशी हुई ।एक तो पदमिनी की भविष्यवाणी सत्य साबित हुई और दूसरी उस मरीज की जान बच गई।
डिप्टी कमिश्नर ने सिविल सर्जन से कहा _ आप अपने जिले के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में जांच करवाए और जहा भी एंटी स्नेक वेक्सिन नही हो वहा उपलब्ध कराए।आने वाले बरसात के मौसम में सर्प दंश की घटनाएं बढ़ सकती हैं।किसी भी बयक्ति की मृत्यु नही होनी चाहिए।
अगला भाग
भविष्य दर्शन (भाग-4) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi
लेखक श्याम कुंवर भारती
बोकारो,झारखंड