भविष्य दर्शन (भाग-28) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

अगले दिन आनंद और नरेंद्र के साथ कॉलेज के और भी कई साथी पद्मिनी के घर पर उपस्थित थे।

मुझे माफ करना पद्मिनी मेरी वजह से तुम्हारा अपहरण हो गया था। आनंद ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा।

तुम बेकार में खुद को दोष दे रहे हो आनंद जो होना होता है वो होकर रहता है।जो होता है वो अच्छा ही होता है।

देखो न अगर ओम ने हमारा अपहरण नही किया होता तो उसकी असलियत कैसे सामने आती और बहुत बड़ी घटनाओं को होने से रोक लिया गया।पदमिनी ने कहा ।

लेकिन तुम लोग इतनी जल्दी मुझतक तक कैसे पहुंघ गए।

पदमिनी ने आश्चर्य करते हुए पूछा।

सबसे पहले पुलिस ने ब्लॉक ऑफिस के बाहर मेन रोड ऑटो रिक्शा स्टेंड के पास का सीसीटीवी फुटेज को जांच किया ।साथ ही आसपास के दुकानदारों और लोगो से पूछताछ किया । जिसमे एक लड़की के अपहरण होने का पता चला ।पुलिस ने उस गाड़ी का नम्बर ट्रेस किया ओर आसपास के सभी पुलिस थानों को उस नम्बर को भेजकर उसके बारे में पूछताछ किया ।जिससे पता चला की उस नंबर की गाड़ी किन किन रास्तों से होते हुए गुजरी है।क्योंकि जहा जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे उस गाड़ी का पता चला ।उसके अलावा मेरे दिमाग में अचानक तुम तक पहुंचने का  मार्ग और पता गूंजने लगा ।मैंने विधायक जी से संपर्क कर सब बताया।पुलिस की खोजबीन और मेरे  दिमाग मे आने वाले मार्ग सभी एक जैसे थे।फिर क्या था पुलिस ने आनन फानन में पूरा प्लान बना लिया और कई थानों की पुलिस को लेकर कुच कर गई।फिर जो हुआ तुम सब जानती हो।

सबने आनंद की खूब तारीफ किया ।लेकिन मेरी समझ में नही आया हुबहु उस जगह की जानकारी मेरे दिमाग में कैसे आ गई।जबकि मैं तो उस जगह को जानता भी नहीं।

आनंद ने गंभीरता से कहा ।

तुम अब भी नही समझे अरे बाबा वो सब मैंने ही तुम्हारे दिमाग में योग साधना के बल पर भेजा था ।पदमिनी ने मुस्कुराते हुए कहा।

अरे हां मैं तो भूल ही गया था की तुम तो टेलीपैथी भी जानती हो ।तुम कही से भी किसी के दिमाग में कुछ भी संदेश भेज सकती हो ।आनंद ने पद्मिनी की तारीफ करते हुए कहा।सब लोग पद्मिनी की प्रशंसा करने लगे।

नरेंद्र ने कहा _ खैर बहुत जल्दी ही पद्मिनी हमलोगो के बीच लौट आई ।यार बहुत खुशी की बात है।

लेकिन अब से इसे सावधानी रखनी होगी की अब से कही भी अकेली नहीं जायेगी और सभी साथी अपने अपने मोबाइल को अपने पास चालू हालत में रखेंगे ताकि पद्मिनी को जब भी जिससे जरूरत पड़े बात कर सके।खासकर आनंद को भी सावधान रहना पड़ेगा।

बिलकुल अब से मैं बिल्कुल सावधान रहूंगा।दूसरी बात की आज से एक सप्ताह बाद हम सबकी परीक्षा शुरू होने वाली है । हमलोगो को अब अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए।

याद है न सबको पद्मिनी की भविष्यवाणी ।हमारा कॉलेज स्टेट टॉप करने वाला है ।हमारे कॉलेज को सम्मानित किया जाएगा तो हमारी जिम्मेवारी है की हम सब दिन रात एक कर पढ़ाई करे ।

बिलकुल मैभी आनंद की बात से सहमत हूं।लेकिन सबको मन को एकाग्र करने और स्मरण शक्ति बढ़ाने की योग साधना करनी पड़ेगी ।इससे मन में बेकार की बाते नही आएंगी।मन एकाग्र होकर पढ़ाई पर केंद्रित होगा और जो भी पढ़ा जायेगा।

नरेंद्र ने कहा _ तो फिर देर किस बात की चलो अभी सबको ध्यान योग का अभ्यास करा दो ।

पदमिनी ने अपने घर के सामने नीम के पेड़ को छाया में दर्री बिछाकर सबको पद्मासन में बैठने को कहा।

सबने पालथी मारकर बाए पैर की एड़ी को यौनांग और मलद्वार के बीच की जगह पर सटा लिया और दोनो हाथो को अपने घुटनो पर रख लिया । अंगूठा और प्रथम अंगुली को आपस में सटा लिया।बाकी तीनों अंगुलियों को सीधा कर लिया।

कमर को सीधा कर लिए।दोनो आंखो को बंद कर अपने ध्यान यानी दृष्टि को दोनो भौवो के बीच में कर लिया ।जहा औरते बिंदी और पुरुष टिका लगाते हैं। सांसों को सामान्य गति से चलने दिया ।कुछ देर शांति पूर्वक बिना हुले डुले इसी अवस्था में बैठे रहना है।

पदमिनी ने बताया शुरुआत में मन इधर उधर भटकेगा ।लेकिन चाहे मन जितना भी भटकाए उसे पकड़कर फिर वही भौवो के बीच लाना  है ।लगातार नियमित अभ्यास से ध्यान लगने लगेगा।मन स्थिर और शांत होने लगेगा। प्रात दिन पांच_ दस मिनट भी करने से छात्रों की स्मरण शक्ति बढ़ जाती है ।मन शांत रहने से पढ़ाई लिखाई में भी लगता है । साथ ही जो भी लिखा जायेगा सब स्मरण रहेगा।

नियमित ध्यान साधना करते रहने से धीरे धीरे आनंद आने लगेगा।मन हमेशा प्रफुल्लित रहेगा।लेकिन बिना गुरु के इसे ज्यादा समय तक नही करना है।अन्यथा नुकसान हो सकता है।

सबको पद्मिनी द्वारा कराए गए ध्यान साधना का अभ्यास करके बहुत आनंद आया।

सबने कहा_ सच में बहुत आनंद दायक है यह साधना ।हम सब इस नियमित करेंगे और इसका लाभ उठाए।

तभी विधायक जी आ गए। सबको एक साथ पद्मिनी के घर पर देख कर खुश होते हुए बोले _ अच्छा हुआ तुम सब एक साथ मिल गये । मैं इसका हाल चाल लेने आया था और कुछ जरूरी बात करनी थी।

पदमिनी और बाकी साथियों ने विधायक का अभीवादन किया और उन्हे एक चारपाई पर बैठा दिया

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भविष्य दर्शन (भाग-29) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक _  श्याम कुंवर भारती

बोकारो, झारखंड

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