भविष्य दर्शन (भाग-25) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

पद्मिनी स्वस्थ होकर अपने घर आ गई।लेकिन दो दिन हो गए आनंद उससे मिलने उसके घर नही आया।उसे बहुत चिंता होने लगी ।आखिर क्या बात है उसे अब तक मिलने तो दूर फोन तक नही किया।

उसे उसकी चिंता होने लगी ।उसने उसे  फोन किया.। फोन आनंद के बहन ने उठाया ।उसने बताया भैया फोन छोड़कर बाहर गए हुए हैं।

पद्मिनी ने पूछा _ तुम्हारे। भईया ठीक तो हैं न अंशिका ।

भईया तो ठीक है पद्मिनी दीदी लेकिन आप ऐसा क्यों पूछ रही है।जबसे मैं अस्पताल से आई हूं आनंद दो दिन से मुझसे मिलने नही आया और न फोन ही किया इसलिए उसकी चिंता हो रही थी।

ओह अच्छा दीदी चलिए ठीक है जब भईया आयेंगे तो उनको आपके बारे मे बता दूंगी  की आपने फोन किया था।

अंशिका ने मुस्कुराते हुए कहा।

ठीक है उससे बोलना खबर मिलते ही मुझसे आकर मिले नही तो मैं ही तुम्हारे घर आ जाऊंगी।पद्मिनी ने नाराजगी से कहा।जी दीदी।अंशिका ने कहा।

फोन काटकर अंशिका ने नाराज होते हुए पास खड़े आनंद से कहा भईया आप पदमिनी दीदी के साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं भईया।आप उनसे मिलने क्यों नहीं जा रहे हैं।अगर उनके पास जाने में कोई दिक्कत है तो फोन ही कर लीजिए।

अरे उससे क्या बात करूं ।उस दिन अस्पताल में आधी रात को मुझे बिना बताए अपनी जान को जोखिम में डाल दिया था।

वो तो अच्छा हुआ मैंने नरेंद्र को उसकी निगरानी में लगा रखा था जिससे उसकी पूरी हरकत का पता चल रहा था और मैं समय पर पुलिस को लेकर चला गया।वरना वो वार्डन बहुत खतरनाक औरत है ।उसके बड़े बड़े गुंडों बदमाशों और नेताओं से संपर्क है।वो कुछ भी कर सकती थी उसके साथ।आनंद ने नाराज होते हुए कहा।

जबतक आप उनसे बात नहीं करेंगे आपको पता कैसे चलेगा उन्होंने ऐसा क्यों किया ।अंशिका ने अपने बड़े भाई को समझाते हुए कहा।

ठीक है मैं कोशिश करूंगा।आनंद ने कहा।

कोशिश नही आज ही जाईए और उनसे मिल लीजिए दीदी कितना चिंता कर रही थी आपकी।अंशिका ने कहा।

ठीक है लेकिन आज नही ।उसे भी तो अपनी गलती का एहसास होना चाहिए।आनंद ने कहा और अपना फोन बंद कर दिया।

आज रविवार था कॉलेज में छुट्टी थी।पदमिनी अपने कमरे में आनंद के बारे में सोचते हुए सो गई ।तभी तो हड़बड़ा कर उठ बैठी ।उसने  तीन बड़े भयावह दृश्य देखे थे।एक साथ इतनी घटनाओं का पूर्वाभ्यास उसे पहली बार हुआ था।

उसने पहला दृश्य देखा की उसके गांव के बगल वाले पानी का बांध टूट गया है जिसका पानी आस पास के गावो में घुस गया है जिससे बाद आ गई।आदमी जानवर पेड़ पौधे और मकान तिनके की तरह बहे जा रहे हैं।

दूसरे दृश्य में उसने देखा कि डिप्टी कमिश्नर को नक्सलियों ने अपने साथियों को जेल से छुड़ाने के लिए अपहरण कर लिया है।उनके साथ वीडियो, सीओ, सीडीपीओ, कल्याण पदाधिकारी और कृषि पदाधिकारी भी थे ।तीसरे दृश्य में उसने विधायक के बारे में देखा की चुनाव चल रहा है वो उनके विरोधी उनको हराने के लिए जंगली क्षेत्र के वूथो को कब्जा कर अपने पक्ष में भोट दिलवाने की योजना बना रहे हैं।

यह साव देखकर उसके पसीने छूट गए।वो काफी चिंतित नजर आने लगी थी उसने तुरंत आनंद को फोन लगाया लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ बता रहा था।उसने नरेंद्र को लगाया ।उसका फोन लगा लेकिन उसने उठाया नही ।

विधायक जी को लगाया विधायक ने फोन उठाकर कहा_ मैं मुख्य मंत्री जी के साथ आने वाले चुनाव के संबंध में मीटिंग में हूं पदमिनी ।मैं एक घंटे बाद तुमसे बात करता हूं। इतना कहकर उसने फोन काट दिया।

आज़ क्या हो रहा है मेरे साथ कुछ भी सही नहीं हो रहा है।

जिला प्रशासन और विधायक जी से बात करना बहुत जरूरी है वरना अनर्थ हो जायेगा।

कुछ सोचकर वो खुद प्रखंड कार्यालय जाकर वीडीओ और सीओ से बात करने का निर्णय कर अपनी मां से कहा  मै मैं ब्लॉक ऑफिस जा रही हूं।आज छुट्टी है लेकिन उनके आवास में जाकर बात करनी जरूरी है इसलिए जा रही हूं।

पद्मिनी अपने गांव से पैदल निकलकर मेनरोड पर आई और एक ऑटो रिक्शा पकड़कर ब्लॉक ऑफिस की ओर चल दी।

वहा पहुंचकर वो सीधे सीओ के निवास पर गई और बोली बात बहुत जरूरी और गोपनीय है इसलिए आप वीडीओ साहब को भी बुला लीजिए।

सीओ ने तुरंत वीडीओ साहब को अपने आवास में बुलाया और कहा _ पदमिनी मैडम कुछ जरूरी बात बताना चाहती हैं ।आइए सुनते है।

पदमिनी की भविष्यवाणी सुनते ही दोनो पदाधिकारी चौंक कर खड़े हो गए।

ये तुम क्या कह रही हो। सीओ ने किया ।

मैंने जो दृश्य देखा वो आप दोनो को बता दिया ।घटना की गंभीरता को देखते हुए मैं भागी भागी लड़की होकर भी आपके पास आ गई।।

सीओ ने तुरंत जिला में डीसी के गोपनीय शाखा में फोन कर पद्मिनी की भविष्यवाणी के बारे मे बताया।

यह सूचना मिलते ही जिला प्रशासन पूरे हरकत में आ गया।

तुरंत कई इंजिनियर की टीम को डैम का मुयायना करने भेज दिया गया । डीसी साहब के कई भवनों के उद्घाटन के कार्यक्रम को रद्द करने पर विचार किया जाने लगा और जेल में बंद कई नक्सलियो को दूसरे जिला के जेलो में अलग अलग भेज दिया गया।

चुनाव में विपक्ष द्वारा की जाने वाली धांधली और बूथ कैप्चरिंग को रोकने के लिए शाम को सभी अधिकारियों के साथ बैठक रखी गई।

सीओ के आवास से निकलकर पदमिनी जैसे ही ऑटो रिक्शा पकड़ने के लिए मुख्य सड़क पर आई सामने ओमप्रकाश अपने पांच गुंडों के साथ खड़ा उसका इंतजार कर रहा था।

उसको देखते ही पदमिनी भयभीत हो गई।लेकिन ओमप्रकाश लपकते हुए उसके पास आया और उसकी पीठ पर रिवाल्वर सटा कर कहा _ चुपचाप मेरी गाड़ी में बैठ जाओ ।खबरदार जो शोर मचाया तो यही मारी जाओगी।

पद्मिनी असहाय होकर उसकी गाड़ी में बैठ टी।ओमप्रकाश और उसके गुंडे भी फुर्ती से उसको कवर स्टोरी बैठ गए।गाड़ी बंदूक की गोली की तरह भाग खड़ी हुई।

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

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लेखक _  श्याम कुंवर भारती

बोकारो, झारखंड

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