उस डरावनी लड़की की आत्मा ने कहा हमे न्याय चाहिए।जबतक न्याय नहीं मिलेगा हम दोनो किसी को नही छोड़ेंगी।
किस बात का न्याय चाहिए।क्या हुआ है तुम्हारे साथ पद्मिनी ने पूछा ।तभी फिर लड़कियो के चीखने की आवाजे आने लगी। बचाओ_ बचाओ ।पद्मिनी ने चौंक कर पूछा_ पहले बताओ ये लड़किया चीख क्यों रही है।
इनको हम दोनों सहेलियां जलाकर मार देना चाहती है ।आज उन लोगो में से कोई नहीं बचेगा।
उस आत्मा ने गुस्से में कहा।उस समय उसका चेहरा विकृत होकर और भी भयावह लग रहा था।
क्या कह रही हो तुम मैं ऐसा हरगिज नहीं करने दूंगी।अभी चलो मेरे साथ मुझे दिखाओ वो लडकिया कहा है।पद्मिनी ने जाने का उपक्रम करते हुए कहा।
लेकिन वो आत्मा हिली नही और कहा _ मैं हरगिज नहीं जाऊंगी न किसी को उन्हे बचाने दूंगी।मेरी सहेली उन लोगो को जलाकर भस्म कर छोड़ेगी।
तुम ऐसे नही मानोगी पद्मिनी ने कहा और अपने हाथ की उसकी तरफ फैला दिया।वो आत्मा दर्द से छटपटाने लगी और चिल्लाने लगी मुझे छोड़ दो मैं जाने को तैयार हूं।
दरबान डर से थर थर कांप रहा था।वो उन दोनो की बाते और हरकते आंखे फाड़े देख रहा था।उसके गले से आवाज नही निकल रही थी।
उसकी समझ में नहीं आ रहा था आखिर ये लड़की कौन है जो इतनी भयावह लड़की की आत्मा से डर नही रही है उल्टे उसे अपने बस में कर लिया है। तभी पद्मिनी ने उस दरबान से कहा_ तुम जल्दी जाओ और इस हॉस्टल की वार्डन और बाकी कर्मचारियों को बुलाकर उन लड़कियों के पास ले आओ ।लेकिन वो दरबान इतना डरा हुआ था की उसके पास से जाने को तैयार नही था।
पद्मिनी ने उसे डांटते हुए कहा _ जाते हो इस आत्मा को तुम्हे जलाने बोल दूं।
इतना सुनते ही वो दरबान गिरते पड़ते हुए वहा से भागा ।
पदमिनी ने उस लड़की की आत्मा को कहा चलो जल्दी वरना कही देर न हो जाए। वो आत्मा आगे आगे तेजी से चलने लगी ।आगे जाकर वो सिडिया चढ़ने लगी।पदमिनी उसके पीछे पीछे लपकती हुई भागी जा रही थी।
वो आत्मा एक बंद दरवाजे के पास जाकर रुक गई।पदमिनी ने देखा उस कमरे की खिड़की खुली हुई थी।अंदर एक लड़की की आत्मा आग के गोले वहा दस कफाकियो पर फेंक रही थी।जिससे वो जलन से चीख चिल्ला रही थी।अंदर जो लड़की की आत्मा थी उसका चेहरा जलने से बुरी तरह भयानक लग रहा था।उसकी नाक कान ,बाल और मुंह सभी जल चुके थे।केवल चेहरा पर हड्डियां और दांत बचे हुए थे।कोई साधारण व्यक्ति देख लेता तो भय से बेहोश होकर गिर पड़ता लेकिन पदमिनी ने हिम्मत से काम लिया और चिल्लाकर कहा _ रुक जाओ इन लड़कियों को जलाना बंद करो।
उस आत्मा क्रोध भरी नजरो से पद्मिनी को देखा और फिर अपना मुंह फेर लिया ।उसने दोनो तरफ आग के गोले फेंकने शुरू किया ।लड़कियों की तरफ और पद्मिनी की तरफ जो खिड़की बाहर खड़ी थी।उसके साथ खड़ी पहली वाली लड़की की आत्मा चुपचाप यह सब हरकत देख रही थी।
पदमिनी ने एक आग के गोले को उस अंदर वाली लड़की की आत्मा की तरफ फेंक दिया।वो आत्मा दर्द और गुस्सा से चिल्ला उठी ।उसने लाल लाल आंखे किए हुए पद्मिनी की तरफ देखा और तभी पद्मिनी ने अपने शरीर में काफी जलन महसूस किया ।उसने अपनी आध्यात्मिक शक्ति से अपनी जलन को काबू में किया और कहा _ मेरी बात मान जाओ और छोड़ दो इन लड़कियों को जल्दी से दरवाजा खोलो।
लेकिन इस आत्मा फिर बड़ा सा दहकता आग का गोला उसकी तरफ फेंक दिया।
तुम मेरा कुछ नही बिगाड़ सकती लड़की क्यों मुझसे उलझ रही है।लो देखो मैं तुम्हारा क्या करती हूं । इतना कहकर उसने अपनी आंखे बंद किया और फिर खोल दिया वो आत्मा हवा में लटकने लगी ।अब वो कुछ नही कर सकती थी।पदमिनी ने चिल्लाकर लड़कियों से कहा _ जल्दी दरवाजा खोलो और मेरे पास आ जाओ।लड़कियों ने तुरंत दरवाजा खोला और भागती हुई उसके पास आ गई ।वार्डन और उनके कपड़े और हाथ पैर बुरी तरह से जल चुके थे।उन सबको असहाय पीड़ा हो रही थी।
तभी वो दरबान हॉस्टल की वार्डन और बाकी स्टाफ के साथ भागता हुआ आया।
वहा का नजारा देख कर सबके होश उड़ गए।भय और सिहरन से सबके रोंगटे खड़े हो गए थे।
अब पद्मिनी ने उस अंदर वाली लड़की की आत्मा को जमीन पर उतारा और कहा अब बाहर आ जाओ।
वो आकर अपनी सहेली की आत्मा के पास चुपचाप खड़ी हो गई।लेकिन अब भी दोनो काफी गुस्से में लग रही थी।
पदमिनी ने उन दोनो से पूछा _ बताओ तुम दोनो कौन हो और क्यों इन लड़कियों को जलाना चाहती थी।
एक आत्मा ने कहा _ हम दोनो इसी हॉस्टल की छात्रा है। हमारी वार्डन नेताओ और ऑफिसर्स को खुश करने के लिए रात में यहां की लड़कियो को जबरजस्ति उनके पास भेजती थी।हैं दोनो सहेलियां पूरे हॉस्टल में सबसे सुंदर थी ।वार्डन हम दोनो को भी भेजना चाहती थी लेकिन हम दोनो नही मानी ।हमदोनो ने धमकी दिया की अगर हमारे साथ जोर जबरदस्ती की गई तो हमलोग पुलिस को सबकुछ बता देंगी।इसलिए वार्डन और इन
लड़कियों ने मिलकर हमे हमारे ही कमरे में जिंदा जला दिया।हमारा कमरा हमेशा बंद रहता था लेकिन आज इन लड़कियों ने शराब पीने के लिए दरवाजा खोल दिया।इसलिए आज हमे मौका मिल गया अपना बदला लेने के लिए और न्याय पाने के लिए।
अगर तुम नही आती तो हम दोनो इन लड़कियों को जलाने के बाद वार्डेन को भी जलाकर मार देती।
वार्डेन नजरे झुकाए भयभीत खड़ी थी।
पदमिनी ने नफरत से वार्डन की तरफ देझाऔर। कहा ” _ क्या इसलिए आपको इस हॉस्टल में वार्डन बनाकर रखा गया है।तुम्हे इसकी सजा मिलेगी।
पदमिनी ने कहा _ मैं अपनी शक्ति से तुम दोनो की आत्मा को प्रेत योनि से मुक्त करती हूं ।तुम दोनो मुक्त होकर जाओ मैं तुम दोनो को जरूर न्याय दिलाऊंगी।
तभी आनंद पुलिस को लेकर आ गया।उसके साथ नरेंद्र भी था।यह वही साया था जो आनंद के कहने पर पद्मिनी के सुरक्षा हेतु उसके पीछे लगा हुआ था।
उसी ने सारा हाल आनंद की बताया और आनंद पुलिस की लेकर आ गया था।
थोड़ी देर में पुलिस वार्डन को हथकड़ी पहनाकर ले गई और एंबुलेंस से उन लड़कियों को इलाज हेतु अस्पताल भेज दिया।हॉस्टल में दो लड़कियों के जलकर मरने के केस की फाइल पुनः खुल चुकी थी ।पहले यह मामला आत्म हत्या का बताकर मामला दबा दिया गया था लेकिन अब हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।
अगले दिन जिसने भी सुना वो दंग रह गया।उन दोनो लड़कियों के माता पिता ने बड़ी राहत की सांस लिया और पदमिनी का आभार ब्यक्त किया।
आनंद ने उस अस्पताल के एमडी से कहा रात में कार्य करने वाले स्टाफ को हिदायत दे की सोने की वजाय अपना काम सही तरीके से करे ।आखिर एक मरीज लड़की रात में अस्पताल से बाहर चली गई और किसी को पता तक नहीं चला।
अगला भाग
भविष्य दर्शन (भाग-25) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi
लेखक _ श्याम कुंवर भारती
बोकारो, झारखंड