उसे यह देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ की इतनी तेज चीख सुनाई देने के बाद भी उस गर्ल्स हॉस्टल में कोई हलचल नहीं हुई।न लाइट जली और न कोई बाहर आया।उसे मामला बड़ा अजीब सा लगा।
उसकी चिंता बढ़ती जा रही थी।पता नही वो कौन लड़किया थी ।उनको जलाना चाहता था ।अभी क्यों चीखी थी।वो किस हाल में और कहा होंगी।
अब तक वो उस हॉस्टल के मुख्य द्वार पर पहुंच चुकी थी।
वहा कोई नहीं था।कमाल है लड़कियों के हॉस्टल में दरबान नही है।उसने मन में सोचा ।अब वो अंदर कैसे जाएगी।
उसने दरवाजे पर आवाज दी _ अरे कोई है क्या। जल्दी दरवाजा खोलो।
लेकिन अंदर से कोई जवाब नही आया।तभी फिर लड़कियों के चीखने की आवाजे आने लगी _ बचाओ _ बचाओ।
अब पद्मिनी की बेचैनी बढ़ने लगी।वो उन लड़कियों को बचाना चाहती थी लेकिन कैसे उसकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था।
उसने मुख्य दरवाजे के आसपास निगाह डाली ताकि किसी तरह वो अंदर जा सके। तभी उसकी नजर हॉस्टल के चाहरदीवारी की दीवार थोड़ी टूटी हुई नजर आई उसने बिना देर किए उछल कर उसकी टूटी दीवाल को पकड़ ली और खुद को ऊपर खींच कर उसकी दूसरी तरफ अंदर कूद गई।
कूदते ही वो गिर पड़ी ।लेकिन उसने खुद को संभाला और उठकर खड़ी हो गाई और अंदर की तरफ तेज चाल से जाने लगी।उसके जाते ही उसके पीछे लगा साया भी उसी की तरह टूटी दीवाल के सहारे कूदकर अंदर आ गया।वो अपना मुंह छिपाए हुए था।
अंदर जाते ही पदमिनी ने देखा एक दरवान जमीन पर बेहोश पड़ा हुआ था।उसने उसे आवाज देकर हिलाया डुलाया ।
बड़ी मुश्किल से वो उठा ।सामने एक अनजान लड़की को देखकर वो हड़बड़ा कर उठ बैठा।
तुम ठीक तो है पद्मिनी ने पूछा।
मैं ठीक हूं मैडम लेकिन आप कौन हैं।
वो सब मैं बाद में बताऊंगी।पहले बताओ तुम गेट से आकर यहां कैसे बेहोश हो गए थे।
दरबान ने कहा_ मुझे याद आ रहा है मैडम मैं गेट पर अपनी ड्यूटी कर रहा था तभी दो लड़कियां मेरे पास आई और बोली जल्दी हमारे कमरे में चलिए वहा कोई घुस आया है।इतना सुनते ही मैं लपकर उनके साथ जाने लगा अचानक मुझे चक्कर आने लगा और मैं बेहोश होकर गिरने लगा।वे दोनो लड़किया मुझे बचाने के बजाय हंसती हुई चली गई।उनकी हंसी बड़ी भयानक और डरावनी थी मैडम।
ठीक है अभी चलो मेरे साथ लड़कियों के कमरे की तरफ ले चलो।
कुछ लड़कियों के चीखने चिल्लाने की आवाज आ रही है।उनकी जान को खतरा है।पदमिनी ने कहा
इतना सुनते ही वो दरबान फुर्ती से उठा और कहा _ क्या कह रही हो मैडम ।लेकिन मुझे तो किसी की आवाज नही आ रही है।
तभी पद्मिनी ने महसूस किया कोई उसके आस पास है लेकिन वो दिखाई नही दे रहा था।
उसने अपनी आध्यात्मिक शक्ति से जान लिया यह कोई नकरात्मक ऊर्जा थी।कोई आत्मा थी जो उसके आस पास खड़ी थी।उसने महसूस किया उसे भयंकर गर्मी और जलन होने लगी थी।
उसने जोरदार आवाज में कहा _ देखो तुम जो कोई भी हो चुपचाप मेरे सामने आ जाओ । मैं तुम्हारी दुश्मन नही हूं।इसलिए मुझ पर अपनी जोर आजमाइश मत करो कोई फायदा नहीं होगा तुम्हे ।
दरबान को उसकी बात सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ.ये लड़की किससे बात कर रही है यहां तो कोई नहीं दिख रहा है।उसे थोड़ी घबराहट होने लगी थी।
उसने डरते हुए पद्मिनी से पूछा आप किससे बात कर रही हो मैडम ।
तुम घबड़ाओ मत मैं सब बता रही हूं।
इतने में एक आग का गोला उसकी तरफ लपका जिसे दरबान ने भी देखा।वो भय से कांपने लगा।
पदमिनी ने उस गोले को अपने हाथो में रोक लिया।उसने गुस्से से कहा _ तुम्हे मेरी बात समझ में नही आ रही है क्या।अपनी हरकते बंद करो और अपने वास्तविक रूप में सामने आओ।
लेकिन इस बार उसपर कई आग के गोलों से हमला हुआ उसने उन गोलों को हवा में ही रोक दिया और कहा _ अगर दो मिनट में तुम मेरे सामने नही आए तो मैं इन आग के गोलों से तुमको ही जला दूंगी।
कोई जवाब नही आने पर उसने एक आग के गोले को अपने हाथ से धक्का दिया वो आग का गोला तेजी से एक जगह जाकर रुक गया .वहा वो गोल चक्कर लगाने लगा।
पद्मिनी ने अनुभव किया कोई दर्द से कराह रहा है तभी एक लड़की सामने आ गई उसका चेहरा हाथ और पैर बुरी तरह जला हुआ था।
दरबान ने जैसे ही उस भयानक और डरवानी लड़की को देखा उसकी चीख निकल गई। वो चकरा कर गिरने ही वाला था तभी पद्मिनी ने उसे अपने हाथ से पकड़ लिया।
वो कांपते हुए खड़ा हो गया।
पद्मिनी ने उस लड़की की आत्मा से पूछा _ तुम कौन हो और क्यों ऐसी हरकत कर रही हो ।
अगला भाग
भविष्य दर्शन (भाग-24) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi
लेखक _ श्याम कुंवर भारती
बोकारो, झारखंड